Page 11 - NIS Hindi 01-15 July 2022
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विशेष  परौंख में राष्ट्रपवि-प्रधानमंत्री











































          ''एक गांि में पैदा हआ गररीब से गररीब व्यक्ति भरी राष्ट्पति-


          प्रधानमंत्री-राज्यपाल-मुख्यमंत्री क पद िक पहच सकिा ह''
                                                                    े
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                                      रे
        n •  इस गांव नरे राषट्रपद्त जी का बिपन भी दखा ह और बड़े होनरे पर   n •  उस सम्य की उनकी आद्थ्दक कसथद्त ऐसी नहीं थी द्क गांव के
                                      रे
          उनको हर भारती्य का गौरव बनतरे भी दखा है। मुझरे पता िला द्क   सभी लोगों के द्लए वहां सरे कोई प्रसाद लरे आएं, पूररे गांव को
            ं
                                                                                           रे
          पािवीं के बाद जब उनका दाद्खला 5-6 मील दूर के एक गांव में   कुछ बांट सकें। लरेद्कन वो उस तीथ्द क्त्र सरे एकाध पतथर लरे
                                                                                               रे
          करा द्द्या ग्या था, तो नंगरे पांव सकल तक दौड़तरे हुए जातरे थरे और   आतरे थरे और पतथर ्यहां परेड़ के नीिरे रख दतरे थ। द्हंदुसतान के
                                  कू
                                                                                                  रे
          ्यरे दौड़ सहत के द्लए नहीं होती थी। ्यरे दौड़ इसद्लए होती थी द्क   कोन-कोनरे सरे पतथर आ्या है, इसके प्रद्त एक भाव जग जाता
                 रे
                                                                     रे
          गममी सरे तपती हुई पगडंडी पर पैर कम जलें।               था और गांव वालों नरे उसकी मंद्दर के रूप में पूजा की।
         •  मैंनरे परौंख में भारती्य गांव की कई आदश्द छद्व्यों को महसूस   •  परौंख की द्मट्ी सरे राषट्रपद्त जी को जो संसकार द्मलरे हैं, उसकी
        n                                                      n
          द्क्या। ्यहां सबसरे पहलरे मुझरे पथरी माता का आशीवा्दद लनरे का   साक्ी आज दुद्न्या बन रही है। और मैं आज दख रहा था द्क
                                                  रे
                                                                                                 रे
          अवसर द्मला। ्यरे मंद्दर इस गांव की, इस क्त्र की आध्याकतमक   एक तरफ संद्वधान, दूसरी तरफ संसकार, और आज गांव में
                                        रे
          आभा के साथ-साथ एक भारत-श्रेष् भारत का भी प्रतीक है।    राषट्रपद्त जी नरे पद के द्ारा बनी हुई सारी म्या्ददाओं सरे बाहर
                                           रे
          और मैं कह सकता हूं द्क ऐसा मंद्दर है, जहां दवभककत भी है,   द्नकल कर मुझरे हैरान कर द्द्या।
            रे
          दशभककत भी है।
                                                                              रे
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                                                               n •  वरे सव्य मुझरे हैलीपड पर ररसीव करनरे आए। मैं बड़ी शद्मिंदगी
        n •  राषट्रपद्त जी के द्पताजी की सोि को मैं प्रणाम करता हूं। उनकी   महसूस कर रहा था द्क उनके माग्ददश्दन में हम काम कर रहरे
          कलपनाशककत को प्रणाम करता हूं। वरे अपनरे जीवन में तीथा्दटन   हैं, उनके पद की एक गररमा है। मैंनरे कहा राषट्रपद्त जी आपनरे
          करना, अलग-अलग ्यात्रा सथानों पर जाना, कभी बद्ीनाथ गए,   मररे साथ अन्या्य कर द्द्या आज, तो उनहोंनरे सहज रूप सरे कहा
                                                                   रे
          कभी केदारनाथ गए, कभी अ्योध्या गए, कभी काशी गए, कभी     द्क संद्वधान की म्या्ददाओं का पालन तो मैं करता हूं लरेद्कन
          मथुरा गए, अलग-अलग सथान पर गए।                          कभी-कभी संसकारों की भी अपनी ताकत होती है। n

                                                                                    न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 जुलाई 2022  9
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