Page 39 - NIS Hindi 01-15 July 2022
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ररफॉमया   जीएस्टी के 5 िषया



                                                                          एक राष्ट्





                                                                           एक कर







                                                                                 द्वशव सतर पर मची उठापटक और
                                                                          ध्वीकरण के बीच आतमद्नर्भरता के मत् के
                                                                            ु
                                                                                                         ं
 चे
 सुपर कंप्ू्टर में दमदयारी भर कदम                                          सा् रारत आज वसशवक मंच  पर अपनी
                                                                                           ै
                                                                            आजादी के बाद के 75 सालों में सव्भश्ेष्ठ
                                                                       रमूद्मका में है तो इसका श्य उन ररफॉमस्भ को री
                                                                                           े
                                                                                                            मू
                                                                        है, द्जनकी शुरुआत 2014 के बाद हुई। कानन
                                                                         और अनुपालनों के मकडजाल को ितम कर
                                                                         तमाम बंधन तोडछे गए। ऐसा ही एक ररफॉम्भ है,
                                                                          जीएसटी(गुडस एंड सद्व्भस टैकस), द्जसका
                                                                           सपना सबसे पहले दिा तो अटल द्बहारी
                                                                                            े
                                                                         वाजपेयी ने ्ा, लद्कन धरातल पर वह उतरा
                                                                                        े
                                                                               17 साल बाद, 1 जुलाई 2017 को...


                 षरि के ननमायाण में कुछ ऐसे पल आते हैं जब हम नकसली   िाजर मनोिंजन के नाम पि 35% से 110% तक टैकस वसूल िह  े
                नए मोड़ पि जाते हैं, नए मुकाम कली ओि पहुंचने का   थे। इसमें भािली कमली हुई। 235 वट्तओं पि पहले रा तो 31 प्रनतशत
                                                                                       ु
        िाप्ररास किते हैं। 30 जून औि 1 जुलाई कली मधर िानत्र   टैकस लग िहा था रा उससे भली जरादा। इनमें से 10 को छोड़कि सभली
                                                                     ु
                                                                                                      ु
        के समर संघवाद का उमदा उदाहिण पेश किते हुए देश ने 17   पि टैकस तिंत घटाकि 28% कि नदरा गरा। उन 10 वट्तओं पि तो
        साल के सफि को रथाथया में बदला था। अथया कली दुननरा में जलीएसटली   टैकस घटाकि औि भली कम रानली 18 प्रनतशत कि नदरा गरा। आम
        एक क्ांनत बनली नजसने पूिे देश को नदशा औि अथयावरवट्था को नरा   आदमली के इट्तमाल कली वट्तएं शूनर रा 5% टैकस दारिे में लाई गई।
                                                                                 ु
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        आराम नदरा। टलीम इंनिरा विािा उ्ठारा गरा बड़ा कदम, नजसने   रिटनया ऑनलाइन हो गए, आकलन-मूलराकन भली ऑनलाइन हो गरा
                                                                  ं
        देश में नवनभन्न तिह के 500 प्रकाि के टैकस से मुस्कत नदलाकि   औि इट्पकटिों कली फौज गारब हो गई। इनपुट टैकस क्निट नसट्टम
                                                                    े
                                                                                                    े
        कशमलीि से पोट्डबलेरि तक, गुजिात से अरुणाचल प्रदेश तक ‘वन   के माधरम से वरापारिरों को पवया में उसली वट्त पि चुकाए टैकस का
                                                                                              ु
                                                                                   ू
        नेशन-वन टैकस’ का सपना साकाि नकरा है।                 क्निट रूप में रिटनया भिते समर समारोजन कली सनवधा दली गई है।
                                                               े
                                                                                                ु
          दिअसल, एक समर था, जब अलग-अलग िाजरों में एक हली       जलीएसटली भाित को समान कि प्रणालली के एक सूत्र में बांधने
        सामान पि अलग-अलग टैकस दि कली वजह उसकली कलीमतों में   वाला कदम था नजससे देश में कािोबािली गनतनवनधरां बढ़ली, देश
        अंति होता था। नतलीजा, िाजर के सलीमावतती इलाके में िहने वाल  े  कली जलीिलीपली को भली नरा रूप नमला। इसली का परिणाम है नक छोटे
        लोग अकसि बड़ली खिलीदािली सट्तली टैकस दि वाले पड़ोसली िाजरों स  े  हो रा बड़े वरापािली, आज सहजता से वरापाि कि िहे हैं औि एक
        किते थे। रहली नहीं, तमाम तिह के टैकस के जंजाल औि फॉमषों के   टैकस प्रणालली से रिटनया फाइल किने कली वरवट्था सहज औि सुगम
        बलीच वरापािली उलझे िहते थे, सो अलग। इनहीं सािे बंधनों को खतम   हो गई है। जलीएसटली नसट्टम से भाित में कि प्रणालली आसान हुई
        किने के नलए शुरुआत हुई जलीएसटली कली। इस क्ांनतकािली कदम को   है तो कािोबारिरों में नरा भिोसा जागा है। भाित में वरापाि किना
        5 साल पिे हो िहे हैं। जलीएसटली लागू होने के नदन से हली हालात में   जलीएसटली कली वजह से औि आसान हुआ है। ऐसे समर में इस वषया
               ू
        आमूल-चूल परिवतयान आरा। सभली 17 टैकसों का एकलीकिण हो गरा।   जब भाित अपनली आजादली के 75 वषया पूिे कि िहा है औि हम
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        पिा भाित एक बाजाि हो गरा। अंतििाजरलीर नाके हटा नदए गए।   2025 तक 5 नरिनलरन इकोनॉमली का लक्र लेकि आगे बढ़ िहे हैं,
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        एरिली टैकस खातम के बाद शहिों में प्रवेश सुगम हो गरा। नवनभन्न   जलीएसटली इसमें मलील का पतथि सानबत होगा।
                                                                                    न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 जुलाई 2022 37
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