Page 44 - NIS Hindi 01-15 July 2022
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राष्ट्र अमृि महोतसि
दे श कली आजादली हमें बहुत बड़ली तपट्रा, बहुत बड़े संघषया औि बहुत बनलदानों के बाद नमलली है। अपने ट्वतंत्रता सेनाननरों
को श्धिांजनल देने औि देश के गौिवपूणया अतलीत को नमन किने के नलए आज भाित आजादली का अमृत महोतसव मना
िहा है जो भाित के भनवषर को संवािने का कारयाक्म भली है। 75 साल पहले भाित ने ट्वतंत्रता के आंदोलन का नेतृतव
नकरा था औि एक नरा िाट्ता प्रशट्त नकरा था। इस आंदोलन ने सानबत नकरा था नक नबना िकत बहाए नकस प्रकाि
आजादली हानसल कली जा सकतली है। प्रधानमंत्रली निद् मोदली के आह्ान पि मनाए जा िहे आजादली के अमृत महोतसव में पूिे
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देश में अब तक 25,000 से जरादा कारयाक्म हुए हैं। आजादली के अमृत महोतसव कली इस श्ृंखला में इस बाि गुजिात कली
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धितली के वलीि सपूत सुमंत मेहता, पंजाब कली वलीिांगना सुशलीला चैन त्रेहन, पस्शचम बंगाल के सपूत अमिद् नाथ चटजती
औि ओनिशा के अलेख पात्रा कली कहानली, नजनहोंने भाित माता कली आजादली के नलए अपना सवयाट्व नरौछावि कि नदरा।
सुमंत मचे्हतया की संग्ठन क्षमतया स बचे्हद
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प्रभयावित थ सरदयार प्टि और म्हयातमया गयांधी
जनम : 1 जुलाई 1877, मृतयु : 15 िदसंबर 1968
त्ली से प्रेिणा पाकि भाित कली आजादली के नलए अपना जलीवन नजससे वे काफली प्रभानवत थे। साथ हली, िामककृषण पिमहंस औि ट्वामली
पसमनपयात किने वाले सुमंत मेहता ने एक नचनकतसक के तौि पि नववेकानंद के धानमयाक ग्ंथ एवं उनके कारषों का भली उन पि काफली
भली लोगों कली सहारता कली औि उनके जलीवन उतथान के नलए काम प्रभाव था। ऐसे में वह शािदा मेहता के साथ एक बाि महातमा गांधली स े
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नकरा। गुजिात के सित में 1 जुलाई 1877 में जनम सुमंत मेहता एक नमलने गए औि आजादली के आंदोलन में सनक्रता से जुड़ गए। 1928
ट्वतंत्रता सेनानली, नचनकतसक औि सामानजक कारयाकताया थे नजनहोंन े में हुए बािदोलली सतराग्ह में सुमंत मेहता ने बढ़-चढ़ कि भाग नलरा
इंगलैंि से िॉकटिली कली पढ़ाई कली थली। पढ़ाई के नलए इंगलैंि जाने स े था। इस सतराग्ह के समर उनहोंने सािभौन आश्म का संचालन
पहले हली सुमंत मेहता कली शादली हो गई थली। वहां स े नकरा औि इस दौिान उनके संग्ठन क्मता स े
लौटने के बाद िाॅ. सुमंत मेहता बड़ौदा िाज में प्रमुख सिदाि बललभभाई पटेल औि महातमा गांधली काफली
नचनकतसानधकािली ननरुकत हो गए। ऐसे में उनकली 1928 में ्हुए बयारदोिी प्रभानवत हुए थे। इसके बाद वह भाित के आजादली
पत्ली शािदा मेहता ने ट्वरं को पत्र-पनत्रकाओं में सत्याग््ह में सुमंत के आंदोलन में लगाताि सनक्र बने िहे औि कई
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लेख नलखने, अनुवाद किने औि बाल सानहतर पि मचे्हतया न बढ-चढ बाि जेल भली गए। सनवनर अवज्ञा आंदोलन में भाग
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लघु-पस्ट्तका नलखने में वरट्त कि नलरा। हालानक, कर भयाग वि्या और लेने के कािण पनलस ने उनहें नगिफताि कि नलरा
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शािदा मेहता का मन इन कामों में नहीं लग िहा आंदोिन में भयागीदयारी था औि उनहें गुजिात के जलालपि जेल में बंद कि
था औि वह िाषरि के नलए कुछ किना चाहतली थली। की थी। नदरा था। आजादली के आंदोलन में शानमल होन े
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ऐसे में पत्ली के प्ररासों से िाॅ. सुमंत मेहता न े के कािण उनहें साबिमतली, वलीसापि औि नानसक
महसूस नकरा नक नौकिली उनकली िाजनलीनतक औि कली जेलों में भली 5 साल नबताने पड़े थे। परायाविण
िचनातमक गनतनवनधरों में बाधक बन िहली है। सुमंत मेहता कली पत्ली प्रमली औि प्रककृनत पूजक होने के कािण वह अपनली नचनकतसा पधिनत
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शािदा मेहता कोई साधािण मनहला नहीं थली। कहा जाता है नक एक में देसली एवं आरवदेनदक उपचाि पि भली बल देते थे। उनहोंने 1936
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पत्ली, मां, बहन औि पत्रली के तौि पि उनकली भनमका, के साथ-साथ में कलोल के पास सिथा गांव में एक आश्म कली ट्थापना कली थली।
सामानजक कारयाकताया, नशक्ानवद औि महान ट्वतंत्रता सेनानली के रूप उनहोंने आजलीवन नकसान, मजदि औि आनदवानसरों के कलराण एव ं
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में उनके संतुलन को देखकि महातमा गांधली ने कहा था, “अगल े उनके जलीवन उतथान के नलए कारया नकए। आजादली के बाद जब सत्ता
जनम में वह शािदा मेहता कली कोख से जनम लेना चाहेंगे।” रिोप औि पदनवरों को पाने कली होड़ मचली तो सुमंत मेहता औि उनकली
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रात्रा के दौिान सुमंत मेहता कली मुलाकात मिम कामा, शरामजली पत्ली इससे दि हली िहे औि ट्वरं को इससे हमेशा के नलए अलग कि
ककृषण वमाया औि वलीिेंद् नाथ चटजती जैसे क्ांनतकारिरों से भली हुई थली िचनातमक कारया कली ओि उनमख हो गए।
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42 न्यू इंडि्ा समाचार 1-15 जुलाई 2022