Page 30 - NIS-HINDI 01-15 JUNE 2022
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आवरण कथा
                  ईज ऑफ िूइंग
                      ये
                  हबजनस/अथ्भव्वसथा

                                                                                          दुलनया की सबसे
                  े
          रेट्ोस्क्टिव रक्स का खात्ा
                           ै
                                                                                          तेज अर््णव्यवस्ा
          भारत में िनवेश के साथ-साथ िनवेशकरों के भरोसे को नुकसान              कोिवड काल में ऋणातमक जीडीपी िवकास
          पहुंचाने वाले रेट्रोसपेक्टव टै्स को खतम कर भारत में वयापार का       दर 2021 में 8.9% रही, जो दुिनया के हर देश
          नया माहौल तैयार हुआ।                                               से जयादा है।  सरकार ने 2022-2023 के िलए
                                                                             पहला अिग्म अनुमान 9.2 फीसदी लगाया है।
                                            े
          ववदशी लनवेश क ललए खोल रास्               े                                 2014 में भारत की जीडीपी दुिनया
               े
                              े
                                                                                 में 10वें नंबर पर थी, 2021 में यह छिवें
          2014 के बाद रेल इंफ्ा, िडफेंस,िडवाइस, कंसट्र्शन डेवलपमेंट जैसे षिेत्रों   नंबर पर है। भारत वषमा 2030 तक जापान को
          को िवदेशी िनवेश के िलए खोला गया। ब्ॉडकाकसटिंग, ररटेल ट्रेिडिंग, एयर   पीछे छोिकर एिशया की दसरी सबसे बिी
                                                                                                  ्
          ट्रांसपोट्ट, बीमा और पेंशन जैसे से्टर में एफडीआई के िनयम आसान                   अथमावयवसथा बन सकती है।
                                             ्
          िकए गए। रषिा षिेत् में 74% िवदेशी िनवेश को मंजरी दी गई।
                                                                            14 से्टर में 1.97 लाख करोड़
          एमएसएमई पर ववशेि ध्ान                                              रूप्े की पीएलआई से 5 साल
          कोरोना काल में सबसे जयादा प्रभािवत रहे इस से्टर की पररभाषा नए       में  60 लाख नए रोजगार
          िसरे से तय की गई। एमएसएमई से जुिे मामलरों के 72 घंटे में िनवारण
          के िलए चैंिपयंस पोट्टल की शुरुआत की गई। एमएसएमई से्टर की              n  फूड रिोसेषसंग इंडसट्री
          मदद के िलए इमरजेंसी क्ेिडट लाइन गारंटी योजना शुरू की गई।              n  आई्ी हाडटिवेयर

                                                                                n  एसी, एलईडी, बलब
           श्रम सुिार
                                                                                n  फामा्षसयुष्कल इंडसट्री
           29 श्रम काननरों को सरल कर 4 लेबर कोड में समािहत िकया गया।
                    ्
           38 करोि असंगिित श्रिमकरों के िलए सामािजक सुरषिा कोष की               n  फामा्षसयुष्कल एपीआई
           शुरुआत की गई। श्रिमकरों के िहत में राष्ट्रीय डेटाबेस के रूप में ई-श्रम   (दवाओं का कच्ा माल)
           पोट्टल की शुरुआत की गई। प्रधानमंत्ी श्रम योगी मानधन योजना के         n  ्ेलीकॉम मॅनयुफैकचररंग
           तहत 3000 रुपये मािसक पेंशन सुिनकशचत हुई।                             n  सोलर पॉवर पीवी मॉड्लस
                                                                                                      ू

            एक लजला-एक उत्ाद                                                    n  इलेकट्रॉषनक मैनयुफैकचररंग
            एक िजला-एक उतपाद योजना के जररए िकसी िवशेष उतपाद के                  n  मेषडकल उपकरण
            िलए प्रिसधि िजलरों की पहचान की गई है। यहां उनके उतपादन को           n  ऑ्ोमोबाइल कंपोनें्
            बढ़ावा देने के िलए सभी जरूरी सहायता उपलबध कराई जाती हैं।             n  ड्ोन और इससे जुड़े उतपाद
            अभी तक 103 िजलरों से 106 उतपाद चयिनत िकए गए हैं। 739                n  ्ेकस्ाइल
            िजलरों से 739 से जयादा उतपादरों की सची तैयार की जानी है।
                                      ्
                                                                                n  षवशेर इसपात
          जीएसटी: एक राष्ट्र, एक कर की शुरुआत                                   n  उन्त रसायन सेल

          व् की दरें तय करने की राजयों के पास शशकत थी। यह पाया र्या था जक   ईज ऑफ िूइंग नबजनेस
           ै
          जनवेशकों को आकजर्षत करने के जलए जवजिन्न राजय अकसर अपनी इन
          दरों को घ्ा जदया करते थे। इससे केंद् एवं राजय सरकार दोनों को ही   यह इंर्टेकस जवशव बैंक िारी करता है। इसमें कई अलर्-अलर्
          रािसव का नुकसान होता था। इसे धयान में रखते हुए वर्ष 2017 में एकल एव  ं  पैरामी्र देखे िाते हैं। सिी पैरामी्र को जमलाकर यह देखा िाता है
          सरल िीएस्ी लार्ू जकया र्या। अब देश िर में ्टैकस दरों और प्रजक्याओं   जक कारोबार करने में लोर्ों को जकतनी आसानी है। यह िी देखा िाता
          में समरूपता है।                                     है जक कारोबार करने में जकस प्रकार की अड़रनें आती हैं।
                                  ये
                                    यू
                  तक की बचत िुई िै ररल माहसक खच्भ में जीएस्टी लाग  यू                            सरकार का लक््
                     ये
          4% िोन के बाद। दोगुना िुआ माहसक जीएस्टी संग्रि।        142   131  130                  कारोबारी सुगमता
                                                                                                        ये
                                                                                                 सची वाल 50
                                                                                                  यू
        जीएसटी    मार 2018          0.85                                        100  77   77  63  िीर््भ दयेिों में भारत
                      मा
        कले्शन    अप्रल 2022                         1.68                                        को िाहमल करान  ये
                                                                                                 का िै।
                     रै
                  आंकडे लाख करोड रुप्ये में                   2014 2015 2016  2017 2018 2019 2020
          28  न्यू इंडि्ा समाचार | 1-15 जन 2022
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