Page 73 - NIS Hindi 16-30 September,2022
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आवीरे्ण कथा नए भारेत की ्संकल्प यात्ा
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n ित्षमेान संसद भिन का लनमेा्षण 1921 से 1927
के दौरान हुआ था। मेूल रूप से इसे “काउंलसल
हाउस” कहा िाता था।
n यह भिन आि लगभग 100 साल पुराना हो
चुका है और हेरर्टढेि ग्ड-1 लबक्ल्डंग मेें शालमेल
े
है। समेय के साथ संसदीय गलतलिलधयों मेें तेिी से
बढ़ोतरी हुई। लोकसभा मेें सी्टों की संख्या 1971
की िनगणना के अनुसार 545 ही है, िबलक
भलिष्य मेें और ज्यादा सी्टों की आिश्यकता है।
सेंट्रल हॉल मेें केिल 440 सी्टों की व्यिस्था है।
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ऐसे मेें बदलते िक्त के साथ भलिष्य की िरूरतों
को ध्यान मेें रखते हुए प्रधानमेंत्ी मेोदी ने नए
संसद भिन और सेंट्रल लिस््टा प्रोिेक््ट की नींि
रखी।
n सेंट्रल लिस््टा का लनमेा्षण राष्ट्रपलत भिन से
रािपथ तक दोनों ओर के 3 लकमेी के दायरे मेें अगर पुराने संसद भवन ने आजादी ्के बाद
हो रहा है। इसके तहत सभी मेंत्ालय, लिभाग ्के भारि ्को तदशा दी िो न्त्ा संसद भवन
एक ही िगह एक छत के नीचे आ िाएंगे। नए आर्मतनभ्यर भारि ्के सृजन ्का गवाह बनेगा।
संसद भिन का मेुख्य ढांचा बनकर तैयार हो
चुका है। लिलनलशंग का काय्ष चल रहा है। -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
न््ययू इंडि्या समाचार 16-30 डसतंबर 2022 71