Page 76 - NIS Hindi 16-30 September,2022
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आवीरे्ण कथा नए भारेत की ्संकल्प यात्ा




            िेतृत्व के पहले िञाल िें                                             93

            िेक इि इंसिर्ञा कञा आह्ञाि


              भार्त जैसा र्वशाल देश, र्सफ्क एक बाजार बनकर रह जाए
            n
               ्तो भार्त कभी भी न प्गर््त कर पाएगा, न हमारी युवा पीढ़ी को
               अवसर दे पाएगा।” ‘मेक इन इर्डया’ अर्भयान के संदभ्ष म  ें
                                  ं
                       ें
               प्धानमंत्ी नरद्र मोदी के इस वाक्य की महत्ता लोगों ने समझी
                                      ं
               क्योंर्क लालर्कला की प्ाचीर से स्व्तत््ता र्दवस 2014 म ही
                                                 ें
               प्धानमंत्ी मोदी ने देश के लोगों से आह्ान र्कया ्था- 'मेक
                                        ु
                                 ें
                  ं
               इन इर्डया के र्लए आगे बढ़। ऐसी वस््त नहीं बनाएंगे र्जसम  ें
                           ु
               र्डफेक्ट हो ्तार्क दर्नया के बाजार से वापस न आएं। ऐसी
               वस््त बनाएंगे र्जसका पया्षवरण पर जीरो इफेक्ट हो या
                  ु
               नेगर्टव इफेक्ट न हो।'
                 े
            n  प्धानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने 25 र्स्तंबर, 2014 को वैस्श्वक स््तर
               पर अग्णी बनने वाले 25 प्मुख क्ेत्ों के सा्थ र्वज्ान भवन से
               मेक इन इंर्डया के वैस्श्वक पहल का शुभारंभ र्कया।
            n  र्वर्नमा्षण क्ेत् पर अर्धक जोर देने की आवश्यक्ता को ध्यान
               में रखकर समीक्ा के बाद मेक इन इंर्डया 2.0  शुरू र्कया।


            आज मे्क इन इंतड्त्ा, ्त्े नारा नहीं है। ्त्े मे्क इन
            इंतड्त्ा, ्त्े तनमंत्र्ण नहीं है। मे्क इन इंतड्त्ा, ्त्े हम
            सब्की तजम्मेदारी है। हम सब तजम्मेदारी ्के साथ
            अगर आगे बढ़ेंगे, िो दुतन्त्ा ्के लोग हमारे ्त्हां
            खोजिे हुए आएंगे। आप तव्चवास ्कीतजए।
            - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

                         94       िसदर्ों को जोोड़िे की शुरुआत



              हर साल देश ्के ए्क तिहाई षिेत्र
              में सूखा और औसिन 4 ्करोड़                                      2014 में प्धानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने ने्तृत्व संभाला
                हेक््ट़े्त्र में बाढ़ ्का असंिुलन                           ्तो इस पर ्तेजी से काम के र्लए र्स्तंबर, 2014 में
                                                                                        ं
                                                                                                             ै
              है। इस िरह ्का असंिुलन खर्म                                   नर्दयों की इंटरर्लर्कंग पर र्वशेर् सर्मर््त और अप्ल,
                 हो जाए िो देश में जो अपार                                  2015 में एक टास्क फोस्ष का गठन र्कया। र्दसंबर,
                जल संपदा है, वह तवनाश ्की                                   2021 में 44,605 करोड़ रुपये की लाग्त के सा्थ पहली
               नहीं बल््प्क तव्कास ्की ्कहानी                               नदी जोड़ो पररयोजना केन बे्तवा र्लंक को मंजूरी दी
                                                                            गई। 31 जुलाई, 2022 ्तक करीब 395 करोड़ रुपये
           तलखेगी। इसी भावना ्के साथ पूव्य                                  खच्ष भी हो चुके हैं। र्लंक पूरा होने पर मध्य प्देश और
           प्रधानमंत्री अ्टल तबहारी वाजपे्त्ी                               उत्तर प्देश में 10.62 लाख हेक्ट़ेयर र्संचाई हो सकेगी।

               ने नतद्त्ों ्को जोड़ने ्का सपना                               62 लाख लोगों को पेयजल की सुर्वधा र्मलेगी। 103
            देखा था लेत्कन नेिर्व बदलने ्के                                 मेगावाट जल र्वद्ु्त और 27 मेगावाट सौर ऊजा्ष
                              ृ
           बाद ्त्ह िंड बस्िे में था। इसमें 30                              उत्पादन क्म्ता ्तैयार होगी। पांच अन्य नदी र्लंक का
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               ररवर तल्क ि्त्ार त्कए जाने हैं।                              ड्ाफ्ट डीपीआर बन चुका है।



              74  न््ययू इंडि्या समाचार   16-30 डसतंबर 2022
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