Page 41 - NIS Hindi 16-31 JAN 2022
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प्रा क कृनत क खेती
प्राककृनतक खेती
र ानी अपनी खाद, सुर नक त
रानी अपनी खाद, सुरनकत
बीज, लहलहाती फसल
बीज, लहलहाती फसल
माता भयूडम: पुरिो अहं पृड्व्ा: !!! अ्ा्णत् धरती हमारी माता है और हम उनके पुरि। माता-पुरि के इस पडवरि ररशते का
सेतु, ्ानी प्राकृडतक कृडष। खेती का ऐसा सवरूप डजसमें धरती मां की गोद में ही अपने आसपास उपल्बध साधनों से
ऐसी खाद तै्ार करना, डजससे फसल हो सुरडक्त और आमदनी सुडनकशचत। प्ा्णवरर और खेती-डकसानी के क्ेरि
में केंरि सरकार की ्ह पहल देश के 80 करोड ्छोटे डकसानों के जीवन में रिांडतकारी पररवत्णन की बन रही कारक...
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फघाटली, नशमला (नहमाचल प्रदेश) कली सतरा
देवली के पास िेढ़ सौ सेब के पौधे हैं। वे कह्ली
लाहैं, “मैं अपने पौधों पि अब प्राकृन्क खे्ली
वाला ट्प्रे कि िहली हूं। पहले दकानों से खिलीदकि िसारननक
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ट्प्रे कि्ली ्ली, नजसमें खचाया जरादा आ्ा ्ा। अब खचाया कम
औि फल भली अचछा बन िहा है।” इसली ्िह नकसान मनोज
शमाया भली कह्े हैं नक जब से प्राकृन्क खे्ली शरू कली है, भूनम हमें अपनी िेती को कैधमसट्ी की लैब ्से
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मलारम हो गई है। िोह्क (हरिरा्णा) के फलकुमाि कह्े धनकालकर प्कृधत की प्योगशाला ्से जोड़ना
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हैं, “मैं प्राकृन्क खे्ली कि्ा हूं औि एक हली खे् में पांच ्िह ही होगा। कृधि ्से जुड़े हमारे इ्स प्ाचीन ज्ान
के फसल लगाए हैं।” इसली ्िह गजिा् में खेड़ा के िहने वाले को हमें न ध्सफ्क धफर ्से ्सीिने की जरूरत है,
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घन्राम भाई नवट्ठलभाई पटेल पहले िसारननक खे्ली कि्े ्े बश्क उ्से आिधनक ्समय के धह्साब ्से तराशने
नजसमें खचया जरादा औि मनाफा कम हो्ा ्ा। सा् हली जमलीन, की भी जरूरत है। इ्स धदशा में हमें नए ध्सरे
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परायावि्ण को भली नकसान पहंच िहा ्ा। ऐसे में वह प्राकृन्क ्से शोि करने होंगे, प्ाचीन ज्ान को आिधनक
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खे्ली कली ओि मड़े। पटेल कली ्िह हली नह्ेश जमनादास गजिा् वैज्ाधनक फ्म में ढालना होगा। 21वीं ्सदी में
में कचछ के िहने वाले हैं। वे कह्े हैं, “हम 105 एकड़ में भारत और भारत के धक्सान ‘लाइफ सटाइल
प्राकृन्क खे्ली कि्े हैं। रहली काि्ण है नक हमािे आसपास के फॉर एनवायरमेंट' के वैश्वक धमशन का नेतृतव
लोग औि नकसान हमािे रहां से प्राकृन्क खाना लेने के नलए करेंगे। इ्स अमृत महोत्सव में हर पंचायत का
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आ्े हैं। इससे हमािा मनाफा भली बढ़ा है।” कम ्से कम एक गांव जरूर प्ाकृधतक िेती ्से
जुड़े, ये प्या्स हम कर ्सकते है।
नकसानों कली ऐसली कहानली अब न नसफकि खे्ली के ट्वरूप
में बदलाव ला िहली है, बस्लक उनके जलीवन में भली अभू्पूवया – नरेंद् मोदी, प्िानमंत्ी
न्यू इडिया समाचार | 16-31 जनवरी 2022 39
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