Page 32 - NIS Hindi February 01-15,2023
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रवाषट् ्ॉटर व्जन@2047
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जि-जि की भागीिारी स े े
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ारी स
की भागी
जल च ि ौ नत यों के समा ्ध ा ि
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जल चुिौनतयों के समा्धाि
की ओर बढ़ रहा भारत
की ओर बढ़ रहा भारत
जल है तो कल है। यह उबकत मौजूदा केंद् सरकार की िीनत का धयेय है। ऐसे में जब भारत
अमृत यात्ा की नदशा में नवकनसत राष्ट् के संकलप पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है, तब
जीवि की मूलभूत आव्यकता में जल का महतव और बढ़ जाता है। अमृतकाल की
2047 तक की यात्ा में वॉिर नवजि @2047 महतवपूण्ष आयाम है। जि-जि की
भागीदारी से जल की मांग और पूनत्ष ही िहीं बबलक जल का कुशल उपयोग और
संरक्ण भी अब बि रहा सहयोग और समनवय का नवरय…...
ल नसफ्फ जलीवन हली नहीं, नवकास कली धािा भली है। इसली मंत्र के साथ
केंद् सिकाि ने पहलली बाि ‘वाटि गवननेंस’ को अपनली नलीनिरों
ज औि ननणयारों में प्राथनमकिा दली औि समग्र जल संसाधनों के नलए
अलग से जलशसकि मंत्रालर का ग्ठन नकरा। साथ में प्रधानमंत्रली कृनष नसंचाई
रोजना, हि खेि को पानली, ‘पि ड्ॉप मोि क्रॉप’ अनभरान, नमानम गंगे नमशन,
जल जलीवन नमशन औि अटल भूजल रोजना, ‘कैच द िेन: जहां भली, जब भली
संभव हो वषाया का जल संग्रह किें’ जैसे अनोखे अनभरान औि नदली जोड़ो
परिरोजना जैसली पहल से जल को जन-जन से जोड़ा है। इसली कड़ली
में केंद्लीर जलशसकि मंत्रालर ने जल पि िाजरों के मंनत्ररों के पहले
अनखल भाििलीर वानषयाक सममेलन का आरोजन नकरा, नजसका
नवषर था- वॉटि नवजन@2047। सममेलन का उद्े्र अगले
25 वषशों रानली 2047 िक भािि के नलए जल के नवजन पि
नवचाि-नवमशया किना था।
जल संरक्ण के नलए केंद् िे अिल भूजल संरक्ण
योजिा की शुरुआत की है। यह एक संवेदिशील
अनभयाि है और इसे उतिी ही संवेदिशीलता स े
आगे बढ़ािे की जरुरत है। हमारी कोई भी िदी या
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जलाशय बाहरी कारकों से प्रदनरत ि हो, इसके नलए
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हमें हर राजय में वस्ि मिेजमेंि और सीवेज ट्ीिमेंि
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का ििवक्क बिािा होगा।
-िरेंद् मोदी, प्रधािमंत्ी
30 नययू इंनिया समाचार 1-15 फरवरी 2023