Page 40 - NIS Hindi 16-31 February,2023
P. 40

राष्ट्   पद्म सम्मान




                          मंगला कांन्त राय                                 गुलाम मोहम्मद जाज

                        102 वर््ष के साररंदा के सर्ताज                    सं्तूर के नशल्पकार की आ्ठवीं पीढ़ी



                                                                                      ं
            पक््वचम  बंगाल  के  102                              जम्मू-क्वमीर   के   ितिूर
            ्वषशी्य िाररंदा ्वादक मंगला                          तिल्पकार  गुलाम  मोहम्मद
                                                                        ं
            कांतति  रा्य  को  पदमश्ी                             जाज  ितिूर  ितहति  तिार  ्वाले
                                                                                      ं
            िम्मान  तद्या  जाएगा।                                ्वाद्य ्यंत्र के तिल्पकार हैं। ितिूर
            ्वा्यतलन  की  तिरह  तदखने                            जम्मू क्वमीर का एक ्वाद्य ्यंत्र
            ्वाला  िाररंदा  म््यूतजकल                            है  जो  अखरोट  की  लकड़ी  िे
            इंस््रूमेंट  मंगला  कांतति  रा्य                     बना होतिा है।  उनके परर्वार को
                                                                             ं
                                                                                 ै
            बचपन  िे  बजा  रहे  हैं।                             200 िाल िे ितिूर ति्यार करने
            तपछले आ्ठ दिक िे िररंदा को ्वक्फिॉप के माध््यम िे    के तलए जाना जातिा है। करीब 7
            िंरतक्ति करने के िाथ ही तदल्ली, गु्वाहाटी, दातजमातलंग   दिक िे िंगीति ्वाद्य ्यंत्रनों को बनाने में जुटे जाज कहतिे
            िमेति देिभर में कई जगह इिका प्रदिमान कर चुके हैं।    हैं तक जब तिक जी्वन है, ्वह ्वाद्य ्यंत्र बनातिे रहेंगे। अभी
                                                                         ं
            इि िररंदा ्यंत्र िे मंगला कांतति रा्य कई तिरह के पतक््यनों   तिक इि ितिूर के जम्मू-क्वमीर िे आतखरी तिल्पकार के
            की अनोखी आ्वाज तनकालने के तलए प्रतिद्ध हैं। रा्य     तिौर पर पहचान रखने ्वाले गुलाम मोहम्मद जाज कहतिे हैं
            को पक््वचम बंगाल के िबिे उम्रदराज जीत्वति लोक        तक ्यह कला मर रही है लेतकन मुझे उम्मीद है तक कोई इिे
            िंगीतिकार के नाम िे भी जाना जातिा है।                आगे बढ़ाएगा और मरने नहीं देगा। केंद्र िरकार ने पुरस्कार
                                                                        ं
                                                                 में इन्हें ितिूर का िरतिाज बतिा्या है।


                        अजय कुमार मंिावी                                  परशुराम कोमाजी खुणे
                    बंदूक छोड़कर छेिी उ्ठािे के प्ररेणास्ो्त             लोकिृत्य से युवाओं को नदखाई सही राह




             छत्तीिगढ़ के कांकेर तजले                             महाराष्ट्र  का  गढ़तचरौली  तजला
             के गोत्वंदपुर गां्व तन्वािी                         इन तदननों देि के पद्म िम्मान पाने
             अज्य  मंडा्वी  लकड़ी                                 ्वाले  परिुराम  कोमाजी  खुणे
             पर  न्तकािी  में  पारंगति                           के कारण चचामा में है। झाड़ीपत्ती
             हैं।  गनोंड  जनजातिी्य                              रंगभूतम  कलाकार  परिुराम  को
                                                                          े
             कला िे जोड़कर न्तिल                                  रंगमंच के क्त्र में काम करने के
             प्रभात्वति  और  भटके                                तलए  पद्मश्ी  पुरस्कार  तदए  जाने
             ्य्वाओं   को   बंदूक                                की र्ोषणा हुई है। इन्हनोंने 5 हजार
              ु
             छोड़कर छेनी उ्ठाने की प्रेरणा देने के तलए इन्हें     िे ज््यादा रंगमंच प्रस्तिुतति देने के िाथ ही 800 िे ज््यादा
             2023  के  पद्मश्ी  िम्मान  तद्या  जाएगा।  काकेर     भूतमकाएं तनभाई हैं। अपनी कला िे िामातजक बुराई के
             के  जेल  और  अन््य  जगह  लकड़ी  पर  न्तकािी          तखलार्  झाड़ीपत्ती  लोक  नाट्य  कला  का  महाराष्ट्र  में
             कला  का  प्रतिक्ण  देकर  350  िे  अतधक              धान की र्िल कटाई के दौरान मंचन करतिे हैं। इिी तिरह
                                                                                            ु
              ु
             ्य्वाओं के जी्वन में बदला्व का काम तक्या है         न्तिल प्रभात्वति इलाकनों के भटके ्य्वाओं को लोकनृत््य
             जो जी्वन के उद्े्व्य िे भटक गए थे और बंदूक          िे जोड़कर मुख््यधारा में लाने और उनके पुन्वामाि का काम
                                                                                                         े
             उ्ठा  लेतिे  थे।    इन्हनोंने  384  लकड़ी  के  पन्ननों  पर   करतिे हैं। िामातजक बुराई्यनों को दूर करने के तलए इि क्त्र
             कैलीग्रार्ी में बाइतबल भी तलखी है।                  में लोक नाट्य का इस्तिेमाल करतिे हैं।




          38  न््ययू इंडि्या समाचार   16-28 फरवरी 2023
          38 न्
                िया समाचार

               इं
             यू
                       16-़28 फरवरी 2023
               न
   35   36   37   38   39   40   41   42   43   44   45