Page 41 - NIS Hindi 16-31 February,2023
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राष्ट्  पद्म सम्मान




                            ्तुला राम उप्रे्ती                                     हीराबाई लोबी
                                                                             नसद्ी समुदाय की ि्तृत्वक्ता्ष और
                                                                                               े
                      98 वर््ष की उम्र में भी आॅगगेनिक खे्ती                       सामानजक काय्षक्ता्ष



             तिक््तकम  के  पाक्यनोंग  तजला                        गुजराति के तगर िोमनाथ तजले
             तन्वािी  तिुला  राम  उप्रेतिी  को                    की  हीराबाई  लोबी  को  पद्मश्ी
             ककृतष  के  क्त्र  में  अतिुलनी्य                     िम्मान  तद्या  जाएगा।  उन्हनोंने
                      े
             ्योगदान  के  तलए  पदमश्ी                             आतद्वािी  तिद्ी  िमुदा्य  में
             िम्मान देने का तनणमा्य तल्या                         बच्चनों को तितक्ति करने के तलए
             ग्या है। 98 िाल के तिुलाराम                          बहुति िी बालबाड़ी खोली है।
             एक छोटे तकिान हैं। बचपन                              उन्हनोंने 2004 में मतहला त्वकाि
             िे  पारंपररक  खेतिी  िे  लगा्व                       र्ाउंडेिन  की  स्थापना  की।
             था। इितलए इि तिरकीब िे खेतिी की तक अतधक र्िल         10-10  रुप्ये  जोड़कर  र्ंड  जुटा्या।  इिके  माध््यम  िे
             हो िके। बेहतिर र्िल उत्पादन और प्यामा्वरण िंरक्ण     तिलाई का काम और तकराना स्टोर खुल्वा कर मतहलाओं
             के िाथ पौक्ष्टक उपज के तलए जैत्वक खेतिी में लगे हैं।   को आत्मतनभमार बनाने का काम कर रही हैं। रेतड्यो िुनकर
                                कृ
             लोकतप्र्यतिा बढ़ी तिो प्राकततिक खेतिी का प्रतिक्ण भी   जैत्वक खाद बनाने की त्वतध िीखी और उि तदिा में काम
             देने लगे। तिुलाराम उप्रेतिी जैिे तकिाननों की मेहनति की   िुरू तक्या। अभी तिक करीब एक दजमान िहकारी ितमतति
                                  े
             बदौलति तिक््तकम के ककृतष क्त्र में रिा्यननों पर तनभमारतिा   की िुरुआति कर चुकी हैं। तिद्ी िमुदा्य ही नहीं बक्ल्क
             बहुति कम हो गई है।                                   अन््य िमुदा्य के  तलए भी ्वह बड़ी प्रततिष््ठा हैं।




                   वनदवेल गोपाल और मासी सदाइयां                                मुनिश्वर चंदर िाबर

                                सांप पकड़िे वाले                                 धर्ती पर गरीबों के भगवाि


            ्वतद्वेल  गोपाल  और  मािी                              िेना  िे  ररटा्यड्ट  डॉ्तटर
            िदाइ्यां  इरुला  जनजातति  के                           मुतन्व्वर  चंद्र  डा्वर  को  मध््य
            खतिरनाक  िांप  पकड़ने  के                               प्रदेि के लोग धरतिी पर गरीबनों
            त्विेषज्  हैं।  इन्हें  िामातजक                        का  भग्वान  कहतिे  हैं।  इि
            का्यमा (पिु कल््याण) की श्णी                           महंगाई  के  दौर  में  20  रुप्ये
                                े
            में  पद्म  पुरस्कार  के  तलए  चुना                     की  मामूली  िी  र्ीि  पर
            ग्या  है।  उन्हनोंने  िांप  पकड़ने                      मरीजनों  का  इलाज  करतिे  हैं।
            और िांप पकड़ने का प्रतिक्ण                              िमाज के प्रतति ि्वाभा्व और
                                                                                े
            देने के तलए त्व्व्व के अन््य तहस्िनों की ्यात्रा की है। पू्वमाजनों   तचतकत्िा के तलए मुतन्व्वर चंद्र डा्वर को पदमश्ी देने
            िे िांप पकड़ने के त्वरािति में तमली स््वदेिी तिकनीक     की र्ोषणा की गई है। 1971 के भारति-पातकस्तिान ्युद्ध
            का उप्योग करतिे हैं। अमेररका, थाईलैंड ितहति कई देिनों   में बांग्लादेि में पोक्स्टंग के दौरान उन्हनोंने राष्ट्र के तलए
            में िांप पकड़ने का हुनर तदखा चुके हैं। िाल 2017 में,    बहुति िे ज्वाननों का इलाज तक्या। ्युद्ध खत्म होने पर
            पा्यथन  तडटे्तिन  पा्यलट  प्रोजे्तट  के  तलए  फ्लोररडा   िम्य िे पहले ररटा्यरमेंट लेने के बाद उन्हनोंने 1972
            त्व्व्वत्वद्याल्य के आमंत्रण पर दोननों फ्लोररडा गए थे,   में जबलपुर में अपनी प्रैक््तटि िुरू की। उन्हनोंने महज 2
            जहां  इन्हनोंने  27  िे  अतधक  अजगर  पकड़कर  िबको       रुप्ये की र्ीि िे इलाज िुरू तक्या था। आिपाि के
            आ्वच्यमाचतकति कर तद्या था।
                                                                   तजलनों में इन्हें ‘धन््वंतिरर’ माना जातिा है।   n




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                                                                                    िया समाचार
                                                                                 न्
                                                                                 न््ययू इंडि्या समाचार   16-28 फरवरी 2023  39
                                                                                  यू
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