Page 8 - NIS Hindi 16-31 February,2023
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राष्ट्
व्र्ल््ततत्वी छरिपवत वििाजी र्हाराज
छत्रपन्त नशवाजी महाराज
शौय्षपूण्ष योद्ा, लोकनप्रय शासक
और बेह्तरीि रणिीन्तकार
भारति में ऐिे कई ्वीर हुए हैं तजन्हनोंने अपनी अिाधारण
्वीरतिा, त््याग और बतलदान िे भारति भूतम को जन्म : 19 िरेवरेरी, 1630
धन््य तक्या है। उनमें ति्वाजी का नाम ि्ववोपरर है। मृत्योु : 3 अप्रैल, 1680
छत्रपतति ति्वाजी महाराज के स्मरण मात्र िे हम
िभी भारति्वाति्यनों का िीना ग्वमा िे चौड़ा हो जातिा नश वाजली महािाज ने 1674 म अपने िाज्र्ानभषेक
ें
है। ति्वाजी मतिलब िौ्यमापूणमा ्योद्धा, लोकतप्र्य के समर् नजस तिह नहंदवली स्विाज्र् के उद््घोष
िािक और एक बेहतिरीन रणनीततिकार जो िमाज के सा्थ नवदेशली आक्रमणकारिर्ों को खदेड़ा,
कल््याण और धातममाक मान््यतिाओं में भी गहरी रूतच सालों साल तक भाित के अंदि स्विाज, स्वधमया औि स्वभाषा
रखतिे थे। िैन््य आधुतनकीकरण, 18्वीं ितिाब्दी में तलीनों कली एक मजबूत नींव िालने का काम नकर्ा। उसली नींव
नौिेना का तनमामाण, र्ारिी की जगह मरा्ठी और पि हमािा देश एक मजबूत इमाित के तौि पि खड़ा है। एक
कृ
िंस्कति को राजकाज की भाषा बनाना और त्वदेिी सामान्र् इंसान से छत्रपनत कली उपानध हानसल किने तक नशवाजली
ु
ें
आक्रमणकारर्यनों को देि िे खदेड़ने का उनका प्र्याि महािाज ने कई र्ुद्ध अपने साहस औि बनद्ध से जलीते नजसम महज
ें
भारति्वािी कभी नहीं भूल िकेंगे। भारति हमेिा उनके 18-19 वषया कली आर्ु म पूना-िार्गढ़, कोंिाना औि तोिणा के
ु
बतलदान का ऋणी रहेगा…... पास कई पहाड़ली नकलों पि कब्जा किना शानमल है। दगया बचान े
6 न्यू इंनिया समाचार 16-28 फरवरी 2023