Page 9 - NIS Hindi 16-31 February,2023
P. 9
छरिपवत वििाजी र्हाराज व्र्ल््ततत्वी
के नलए सनध, नविोधली पि जलीत दजया किने के नलए पहानड़र्ों के कली सेना को मात दली। नशवाजली महािाज ने धमया, िाष्ट्लीर्ता, न्र्ार् औि
ं
ु
बलीच बुलाना, पिंदि का नकला बचाने के नलए महािाजा जर्नसंह स े जनकल्र्ाण के स्तंभों पि सुशासन कली स््थापना कि भाितलीर् वसंधिा
ु
ं
सनध औि मुगल सम्ाट औिंगजेब कली कैद से भाग ननकलना उनकली को गौिवाश्न्वत नकर्ा। नशवाजली ने अपनली िाज्र् व्र्वस््था के नलए 8
चतिाई को दशायाता है। मत्रली भली ननर्ु्तत नकर्े ्थे नजन्ह अष्ट प्रधान कहा जाता ्था। उसम ें
ु
ं
ें
शाहजली भोंसले औि जलीजाबाई (िाजमाता नजजाऊ) के ्घि पेशवा का पद सबसे महत्वपणया होता ्था। नशवाजली महािाज कली 3
ू
नशवनेिली दुगया में नशवाजली महािाज का जन्म 19 ििविली, 1630 अप्रल, 1680 को मृत्र् हो गई लनकन भाित कली आजादली कली लड़ाई
ु
ै
े
को हुआ ्था। साहसली नशवाजली ने बचपन में हली िाजनलीनत एवं र्ुद्ध म कई क्रांनतकारिर्ों ने छत्रपनत नशवाजली महािाज के जलीवनचरित्र स े
ें
कौशल सलीखा। नशवाजली के चरित्र पि माता-नपता का प्रभाव ्था प्रेिणा लेकि भाित कली स्वतंत्रता के नलर्े अपना तन, मन, धन सब
मिा्ठा साम्ाज्र् कली नींव िखने वाले नशवाजली महािाज का मूल नाम कुछ न्र्ौछावि कि नदर्ा।
े
नशवाजली भोंसले ्था लनकन उन्होंने प्रशासन औि नेतृत्व कौशल नशवाजली महािाज का ‘नहंदवली स्विाज’ सुशासन का,
के कािण िाज्र्ानभषेक के समर् हली ‘छत्रपनत’ र्ानन ‘क्षनत्रर्ों के नपछड़ों-वनचतों के प्रनत न्र्ार् का औि अत्र्ाचाि के नखलाि हंकाि
ं
ु
प्रमुख(पनत)’ कली उपानध अनजयात कली। नशवाजली महािाज, भाित का अप्रनतम उदाहिण है। नहंदवली स्विाज्र् अ्थायात आदशया शासन औि
के इनतहास के नशखि-पुरुष तो ह हली, पणया भाितलीर् स्विाज। भाितवषया नकसली
ैं
ू
सा्थ हली भाित का वतयामान भूगोल भली भली दल र्ा दलों के शासन म िहा हो,
ें
उनकली अमि गा्था से प्रभानवत िहा है। मूल नवचािधािा हमेशा देश को हि
ें
प्रधानमत्रली निद्र मोदली कहते ह, “र्ह छरिपवत वििाजी र्हाराज िे प्रकाि के नवदेशली सैन्र् व िाजननतक
ैं
ं
ै
हमािे अतलीत का, हमािे वतयामान का र्राठा िाम्ाज्य की िींि रखिे प्रभाव से म्तत िखने कली िहली है।
ु
औि हमािे भनवष्र् का एक बहुत बड़ा माना जाता है नक पहलली बाि ‘नहंदवली
प्रश्न है नक अगि नशवाजली महािाज न के िाथ विस्तार िुरू वकया तो ि स्विाज्र्’ शब्द का प्रर्ोग नशवाजली
होते तो ्तर्ा होता? छत्रपनत नशवाजली विर््फ कई युद्ध जीते बल््कक अपिे महािाज ने हली एक पत्र म नकर्ा ्था।
ें
महािाज के नबना भाित के स्वरूप कली, चातुयमा िे र्ुगल िम्ाट िे अपिा वलीि नशवाजली का प्रबंधन, देश
भाित के गौिव कली कल्पना भली मुश््वकल िाम्ाज्य भी बचाया। कई बार कली सामनद्रक शश््तत का इस्तमाल,
े
ु
े
ू
है। जो भनमका उस कालखि म छत्रपनत र्ुगलों की ििा को र्ात दी। अपने सामर्र्या से नौसेना का ननमायाण,
ें
ं
ू
नशवाजली कली ्थली वहली भनमका उनके बाद जल प्रबंधन ऐसे कई नवषर् आज भली
उनकली प्रेिणाओं औि उनकली गा्थाओं न े अनुकिणलीर् ह। 2 नसतंबि, 2022 को
ैं
ननिंति ननभाई है।” नशवाजली महािाज कली उसली प्रेिणा से गुलामली औि उपननवेशवाद के
ें
उन्होंने र्ुद्ध नवद्ा म अनेक नए प्रर्ोग नकए औि छापामाि र्ुद्ध ननशान को हटाकि भाितलीर् नौसेना को एक नर्ा ध्वज नमला, जो
कली नई शैलली को नवकनसत नकर्ा। नशवाजली ने अपनली अनुशानसत पणयात: भाितलीर्ता औि नौसेना के सामर्र्या को दशायाता है। अभली तक
ू
सेना औि सुसंगन्ठत प्रशासननक इकाइर्ों कली मदद से एक र्ोग्र् भाितलीर् नौसेना के ध्वज पि जॉजया क्रॉस का ननशान ्था। नौसेना के
औि प्रगनतशलील प्रशासन प्रदान नकर्ा। नशवाजली ने नवजर् औि िाज्र् ध्वज म नशवाजली महािाज कली िाजमद्रा का अंश हि भाितलीर् को
ें
ु
नवस्ताि के तमाम व्र्वस््थाओं के बावजूद इस बात का ध्र्ान िखा अपनली समृद्ध संस्कृनत पि गवया कली अनुभनत किवाता है। प्रधानमत्रली
ं
ू
नक उनका शासन जनता के नलए नप्रर् औि जननहतकािली हो। इसके निद्र मोदली ने छत्रपनत नशवाजली महािाज को उनकली जर्ंतली पि र्ाद
ें
नलए उन्होंने सामानजक औि िाजनलीनतक प्रबंध नकए ्थे। नशवाजली का किते हुए कहा ्था, “छत्रपनत नशवाजली महािाज का उत्कृष्ट नेतृत्व
भाितलीर् िाज्र् धमया ननिपेक्ष ्था। औि समाज कल्र्ाण पि जोि पलीनढ़र्ों से लोगों को प्रेिणा देता िहा है।
छत्रपनत नशवाजली महािाज ने मिा्ठा साम्ाज्र् कली नींव िखने के जब सच्ाई औि न्र्ार् के मूल्र्ों के नलए खड़े होने कली बात आर्ली
सा्थ नवस्ताि शुरू नकर्ा तो न नसि्फ कई र्ुद्ध जलीते बश्ल्क अपन े तो वह हमेशा अनिग िहे। हम उनकली दश्ष्ट को पिा किने के नलए
ृ
ू
या
चातुर् से मुगल सम्ाट से अपना साम्ाज्र् भली बचार्ा। कई बाि मुगलों
ैं
प्रनतबद्ध ह।” n
न्यू इंनिया समाचार 16-28 फरवरी 2023 7