Page 46 - NIS Hindi January 16-31,2023
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सतयव्ी देवी                                          ्ेज ्बहादुर सप्र       ू




            नजन् महात्ा गांधी कहते                             1931 में गांधी-इरविन
                   ें
            थे 'तूफानी बहन'                                    समझौते में की थी सहायता

             िनम : 26 िनवरी 1906, मृत्य : 21 अक्टूबर 1945            िनम : 8 वदसंबर 1875, मृत्य : 20 िनवरी, 1949
                                   ु
                                                                                         ु
        भाऔि  अ्क  परिश्म  से  अग्रजली  हयुकूमत  को  लगाताि  दे  श के महान उदािवादली नेताओं में शमाि तेज बहादयुि सप्र का
                                                                                            यु
                                                                                                           ू
                           ं
              ितलीर सवतंत्रता सग्राम में अपने साहस, संग्ठन क्मता
                                                                 जनम 8 नदसंबि 1875 को अललीगढ़ में हयुआ ्ा। पेशे से वकलील
                                   े
                                  ं
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         चनरौतली देने वालली सतरवतली देवली का जनम 26 जनविली 1906 को   सप्र भाित के सवतंत्रता संघषया कली प्रमख हसतली ्े। उनहोंने आगिा
         पंजाब के जालंधि में हयुआ ्ा। वह आरया समाज से जयुड़े सवामली   कॉलेज से कानून कली निग्रली हानसल कली ्ली। उनहोंने एनली बेसेंि के
                                                                                                         ं
         श्धिानंद कली पोतली औि धनली िाम एवं वेदकुमािली कली पयुत्रली ्ीं।   होमरूल ललीग आंदोलन में भली भाग नलरा ्ा। उनहोंने भाितलीर सनवधान
                                                                      ै
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         घि के देशभलकतपणया वाताविण का प्रभाव सतरवतली के जलीवन   का मसरौदा तराि किने में प्रमख भनमका ननभाई ्ली। तेज बहादयुि सप्र  ू
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         पि पड़ा। इस बलीच वह महातमा गांधली, जवाहिलाल नेहरू, जर   ने 1931 में गांधली-इिनवन समझरौते में सहारता कली ्ली नजसके बाद हली
                                                                                े
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         प्रकाश नािारण औि सिोनजनली नारिटू जैसे आजादली कली लड़ाई   काग्रस दूसिे गोलमेज सममलन में भाग ले पाई ्ली।
                                                                                           ं
         को नेतृतव देने वालों के संपक्क में आ गईं।              नसतंबि 1932 में महातमा गांधली ने वनचत वगषों के नलए अलग
           सतरवतली देवली कली शादली नदललली के कपड़ा नमल के अनधकािली   ननवायाचक प्रणालली उपलबध किाने वाले कमरयुनल अवाि्ट के नविोध में
                                                                    यु
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         लाला अनचंत िाम से हई नजनहें पंजाब का गांधली भली कहा जाता   उपवास शरू नकरा। इसके बाद कमरयुनल अवाि्ट में संशोधन के नलए
                                                                                       ू
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         है। नववाह के बाद नदललली आने पि सतरवतली देवली 1930 में 23   जो पूना समझरौत हआ, उसमें भली सप्र ने महतवपणया भूनमका ननभाई ्ली।
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                  यु
         वषया कली आर में सवतंत्रता सग्राम में शानमल हो गईं। िाषट्लीर   समझरौते के बाद महातमा गांधली ने उपवास खतम नकरा। गांधली-नजन्ना
                                                                                                             यु
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         सवाधलीनता आंदोलन में वह इतनली तेजली से सनक्रर हयुईं नक महातमा   वाताया असफल होने के बाद सप्र को नरानरक दारिे में सांप्रदानरक मद्  े
         गांधली उनहें पराि से 'तूफानली बहन' औि ‘बहन सतरवतली’ कहन  े  कली जांच किने के नलए नवंबि 1944 में गन्ठत सनमनत का अधरक्
                                                                                           ू
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         लगे। रहां तक नक अरुणा आसफ अलली भली मानतली ्ीं नक    ननरकत नकरा गरा। अधरक् के तरौि पि सप्र ने सभली सांप्रदानरक समूहों
         सतरवतली देवली कली प्रेिणा से हली वह िाषट्लीर आंदोलन में उतिीं ्ली।   से 29 सदसरों का चरन किके सनमनत बनाई औि िाजनलीनतक गनतिोध
         नदललली में आंदोलन को मजबूतली से आगे बढ़ाने वालली सतरवतली   तोड़ने के प्ररास में वारसिार लॉि्ट वेवेल को प्रसताव सौंपे। सनमनत कली
                                                                                             े
                                                                               ृ
         देवली को नदललली कली पहलली मनहला सतराग्रहली भली कहा जाता है।   रिपोि्ट में प्रसतावों का नवसतत ऐनतहानसक नवशलषण नकरा गरा ्ा औि
         'सनवनर अवज्ा आंदोलन' के नलए बड़ली संखरा में मनहलाओं   संवैधाननक नसफारिशों के औनचतर पि प्रकाश िाला गरा ्ा। नवभाजन
                                                                                ू
                                                                     ू
         को घि से बाहि ननकालने औि संगन्ठत किने में सतरवतली देवली   के महतवपणया प्रश्न पि सप्र सनमनत ने पानकसतान के ग्ठन को िालन  े
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         ने महतवपणया भनमका ननभाई। ओजसवली वकता सतरवतली देवली,     का आग्रह नकरा ्ा। नहंदू-मयुलसलम एकता के बड़े सम्याक तेज बहादयुि
                                                               ू
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         नदन-िात मनहलाओं को प्ररित कितली ्ीं नजसका असि रह हयुआ   सप्र ने अपनली तिफ से पिा प्ररास नकरा नक इस नवभाजन को िोका जा
                                                                    ू
         नक मनहलाएं आंदोलन में बड़ली संखरा में शानमल होने लगीं,   सके। सप्र 1945 में आजाद नहंद फरौज के अनधकारिरों पि िाजद्रोह के
                                                              यु
         नवदेशली  कपिों  का  बनहषकाि  नकरा।  ऐसा  कहा  जाता  है  नक   मकदमे के दरौिान बचाव सनमनत के सदसर भली ्े। आजाद नहंद फरौज के
                                                                                                   ू
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                                                                        यु
         सवतंत्रता के इस आंदोलन में वह कई बाि नगिफताि कली गईं।   सेनाननरों का मकदमा लड़ने में उनकली भनमका महतवपणया ्ली। सप्र ‘द
                                                                                               ं
                                                                                                े
         उनहोंने ग्रामोद्ोग के पयुनरुधिाि का प्ररास नकरा। उनहोंने गिलीबली,   ललीिि’ समाचाि पत्र से भली जयुड़े ्े। ललीिि एक अग्रजली समाचाि पत्र ्ा
                                                                                           यु
         अज्ानता औि सांप्रदानरकता को दि किने के नलए 39 वषया कली   नजसे महामना मदन मोहन मालवलीर ने शरू नकरा ्ा। 20 जनविली,
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                                                                                                    ं
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                                                                                ू
         कम उम्र में अपनली मृतरयु तक अ्क परिश्म नकरा। नदललली   1949 को तेज बहादयुि सप्र का ननधन हो गरा। प्रधानमत्रली निद्र मोदली
                                                                                        ू
         नवशवनवद्ालर के एक कॉलेज का नाम इसली महान सवाधलीनता   ने 1 जयुलाई 2017 को तेज बहादयुि सप्र सनहत वकालत के पेशे से जयुड़े
                                                                                          यु
         सेनानली के नाम पि िखा गरा है। खिाब सवासरर के कािण 21   अनेक सवतंत्रता सेनाननरों को राद किते हए कहा ्ा नक ऐसे अननगनत
         अकिटूबि 1945 को उनका ननधन हो गरा।                   नाम हैं नजनहोंने देश के नलए अपनली जवानली खपा दली। n
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