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नवशेष ररपोर ्ड  9वां अंतरराष्ट्ीय योग नदवस





             वहरसा बना रहे हैं। आज भारत में भी कई राजय ऐस  े
             हैं वजनहोंने योग को वशक्ा का एक उपक्म बनाया
             है तावक भािी पीढी सवदयों पुराने हमारे इस विज्ान
             से पररवचत हो, उसके अभयासु बनें और योग उनके
             जीिन का वहरसा बने।

             योग: सॉफट पॉवर बना भारत
                     ै
             योग की िकशिक मानयता ने भारत को एक सॉफट
             पॉिर के रूप में पहचान दी है। वकसी देश की बौवधिक
                  ं
             एिं  सारककृवतक  शक्त  (सॉफट  पािर)  उसके
             समाज की रचनातमक आकांक्ाओं को दशा्षती है।
             ‘सॉफट पािर’ की विशरता यह है वक यह ‘सॉफट’
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             होती है ्योंवक यह सरकार विारा संचावलत नहीं
             होती है। यह समाज की रचनातमक आकांक्ाओं को         भारत में ्ोग का बढ़ता बाजार
             दशा्षती है। 2014 तक ऐसा नहीं था वक लोग विदेश
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             में योग नहीं करते थे लवकन प्धानमंत्ी नरेंद् मोदी          अरब अमेररकी डॉिर
             की प्ेरणा से जब यह अंतरराषट्ीय उतसि बना और   2.6          कभा ररटेि तफटनेस सेवभा   154%
             संय्त राषट् ने इसे अंतरराषट्ीय योग वदिस घोवरत             बभाजभार है।
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             वकया तब से  अंतरराषट्ीय योग वदिस एकमात् ऐसा                                        योग से संबंतधि

                                            ं
             वदन है, वजसमें दुवनया में सबसे बड़ा सारककृवतक                                       उपकरणों कभा
             उतसि मनाया जाता है।                                       अरब अमेररकी डॉिर        बभाजभार कोतवड-19
               सॉफट पािर वकसी देश की िह क्मता है वजसस  80              के योग कभा बभाजभार आंकभा   के दौरभान बढ़भा।
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                                                                       गयभा है।
             िह अपनी प्ाथवमकताओं को आकार देता है। बल
             प्योग से हटकर अपनी अपील एिं आकर्षण के       156.11 अरब अमेररकी डॉिर कभा वैश्वक सिर पर योग
             जररए अपने प्वत दूसरे देशों के वयिहार को प्भावित   पय्वटन कभा बभाजभार व््व 2021 में अनुमभातनि तकयभा गयभा थभा।
             करता है। भारत हमेशा ही पूरी मानिता के कलयाण

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             और बेहतरी के वलए सॉफट पािर के इरतमाल में
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             यकीन रखता है। इसमें सरककृवत, मूलय, अंतवन्षवहत                        की दर 2022-2030 के बीच बभाजभार
                                                                                        ्व
                                                                                  की वभात्क वृतधि अनुमभातनि है www.
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             ज्ान, आधयाकतमकता और विदेश नीवत का इरतमाल   5.8%                      grandviewresearch.com के एक
             करते हुए दढ संकलप और सकारातमक आकर्षण                                 अधययन के मुिभातबक।
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             के जररए दूसरों को प्भावित करने की योगयता भी
             शावमल है। सहभावगता और देखभाल भारतीय दश्षन
             का मूल है। सॉफट पािर में वकसी देश के िे सभी   योग की शुरुआत भारत में हुई थी, यह ऐसी तकनीक है, जो कोई भी मुफत में
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             तति शावमल हैं जो दूसरे लोगों, समुदायों या देशों   इरतमाल कर सकता है। पहला अंतरराषट्ीय विशि योग वदिस 21 जून 2015 को
             को आकवर्षत करते हैं। हजारों िरषों से, रिार्थय के   मनाया गया था। यह विचार प्धानमंत्ी नरेंद् मोदी की देन है। उनहोंने ही योग की
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             प्वत भारत का दकषटकोण समग्रता पर आधाररत रहा   विशरताओं और लाभ का जोर-शोर से प्चार कर के इसे विशि रतर पर मानयता
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                                                                       ु
             है। हमारे पास वनिारक और प्ोतसाहक रिार्थय की   वदलाई। आज योग दवनया में भारत की शक्त के तौर पर वदखाई देता है। यह
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             एक महान परंपरा है। योग और धयान अब िकशिक   जनता की भलाई का िो िरदान है, जो भारत ने दवनया को वदया है।
             अवभयान और पि्ष बन गया है। योग वकसी वयक्त    अंतरराषट्ीय योग वदिस की वयापकता ने प्तयेक नागररक को यह अनुभूवत कराई
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             मात् के वलए नहीं, संपण्ष मानिता के वलए है।  है वक राषट् वनमा्षण की हर प्वक्या, हर गवतविवध से जुड़ने के वलए हम सभी का



             12  न्यू इंडि्ा समाचार   16-30 जन 2023
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