Page 21 - NIS Hindi 16-30 June,2023
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आवरण कर्ा
लिोकतंत्र को रमलिा नया मंरदर
नया संसद भवन
“समय के लला्ट पर इनतिास का
अनम्ट िसताक्षर”
प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोिी ने अतयाधिनक सिवधाओं, गैजेटस से लैस
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संसि की नई इमारत राष्ट् को समिप्यत करते हुए कहा, “हर िेश
की िवकास यात्ा में कुछ पल ऐसे आते हैं, जो हमेशा के िलए अमर
हो जाते हैं। कुछ तारीखें, समय के ललाट पर इितहास का अिमट
हसताक्षर बन जाती हैं। आज 28 मई, 2023 का ये ििन, ऐसा ही
शुभ अवसर है।” नए संसि भवन को िेखकर हर भारतीय गौरव स े
भरा हुआ है। इस भवन में िवरासत, वासत, कला, कौशल, संसकित
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और सिवधान के सवर भी हैं।
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पीएम मोिी ने कहा, सफलता की पहली शत्य, सफल होने का
िव्वास ही होती है। ये नया संसि भवन, इस िव्वास को नई बुलिी
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िेने वाला है। ये िवकिसत भारत के िनमा्यण में सभी के िलए नई प्ररणा
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बनेगा। हर भारतीय के कत्यवय भाव को जागृत करेगा। मुझे िव्वास को भी आधुवनक बनाया गया है। यानी नया संसद भिन अब
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है, इस संसि में जो जनप्रितिनिध बैठेंगे, वे नई प्ररणा के साथ, 140 करोड़ देशिावसयों की आशाओं-आकांक्ाओं को नई
लोकतत् को नई ििशा िेने का प्रयास करेंगे। इस नए भवन में हम बुलंवदयां देने िाला है। हमारे देश के मजबूत लोकतंत् को नए
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अपने िाियतवों का ईमानिारी से िनव्यहन करेंगे, तो िेशवािसयों को आयाम देने िाला नया संसद भिन क्त्ीय कला, कौशल और
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भी नई प्ररणा िमलेगी। भाषण के मुखय अंश:
कारीगरी की अद्भुत झलवकयों को अपने कण-कण में समाए
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n भारत एक िोकतादत्क राष्ट् हरी नहीं बसलक िोकतत् करी जननरी हुए है। विशाल रपेस और चैंबर से कहीं बढकर हमारे देश के
भरी है। भारत आज वसशवक िोकतत् का भरी बहुत बड़ा आधार है। विराट लोकतांवत्क लक्यों को साकार करने िाला है। जैसे वक
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िोकतत् हमारे दिए एक वयवसथा नहीं, एक संसकार, एक दवरार औपवनिवशक काल के पुराने शहीद रमारक के सामने बनाया
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और एक परंपरा है। है नेशनल िॉर मेमोररयल, ठीक िैसे ही पुराने संसद भिन के
n आज एक बार दफर पूरा दवशव, भारत के संकलप करी िृढ़ता को, सामने बनकर तैयार हुआ है नए और आतमवनभ्षर भारत को
भारतवासरी करी प्खरता को, भारतरीय जनशस्त करी दजजरीदवषा को,
आिर और उममरीि के भाव से िेख रहा है। नया भारत नए िक्य समवप्षत नया संसद भिन।
तय कर रहा है, नए रासत गढ़ रहा है। नए संसद भिन में ऐसी अनेक नई चीजें हैं, वजससे सांसदों
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n एक राष्ट् के रूप में हम सभरी 140 करोड़ भारतरीयों का संकलप की काय्षक्मता बढगी, उनकी काय्ष-संरकवत में आधुवनक
हरी इस नई संसि करी प्ाण-प्दतष्ठा है। यहां होने वािा हर दनण्यय, तौर-तरीके आएंगे। अब सांसदों से उनके संसदीय क्ेत् से
आने वािरी सदियों को सजाने- सवांरने वािा, आने वािरी परीदढ़यों को वमलने के वलए आने िाले लोगों को भी सहजता होगी। प्तयेक
सश्त करने वािा होगा। सांसद के वलए यह वयिरथा होगी वक िह अपने क्ेत् के लोगों
n ये नया संसि भवन, योजना को यथाथ्य से, नरीदत को दनमा्यण से, से सहजता से वमल सकें। संसद भिन की शक्त का स्ोत,
इचछाशस्त को दक्रयाशस्त से, संकलप को दसदधि से जोड़ने वािरी उसकी ऊजा्ष का स्ोत, हमारा लोकतंत् है। एक समय था जब
अहम कड़री सादबत होगा। लोकतांवत्क राषट् के रूप में भारत के अकरतति पर संदेह और
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n 21वीं सिरी का बिि हौसिों से भरा हुआ नया भारत, अब गिामरी शंकाएं जताई गई थीं। अवशक्ा, गरीबी, सामावजक विविधता
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करी सोर को परीछ छोड़ रहा है। भारत प्ाररीन काि करी गौरवशािरी और अनुभिहीनता जैसे अनेक तकषों के साथ ये भविषयिाणी
धारा को एक बार दफर अपनरी तरफ मोड़ रहा है। संसि करी ये नई भी कर दी गई थी वक भारत में लोकतंत् असफल हो जाएगा।
इमारत, इस प्यास का एक जरीवंत प्दतदबंब है। लेवकन आज नए संसद भिन के वनमा्षण और विकास की गवत
न्यू इंडि्ा समाचार 16-30 जन 2023 19
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