Page 23 - NIS Hindi 16-30 June,2023
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आवरण कर्ा
लिोकतंत्र को रमलिा नया मंरदर
कण-कण में एक भारत, श्ेष्ठ भारत के दश्षन
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एक बितर पुसतकालय अनुभव: पुसिका्य संग्रदहि
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सामग्रली से जानकारली जुटाने में सिसयों कली कुश्िापव्णक सेवा करिा।
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भारतीय नवरासत का एक अवतार: नया संसि भवन
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आरदनक भारि कली जलीवििा और दवदवरिा को परर्दक्ि करने वा्ा है,
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दजसमें हमारली सांसकदिक, क्ेत्रलीय क्ा और दशलप शादम् है।
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नदवयाग नितरी: नया संसि भवन दिवयांिों के अनुकू् बनाया िया
है। दिवयांि दबना रोक-टोक, दकसली कली मिि के दबना सैर में सक्म होंिे।
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सेंट्ल लाउंज: ख्े प्रांिर के पूरक के िौर पर सेंट्् ्ाउंज
राष्ट्ीय पक्षी: मयूर कली थलीम पर आराररि ्ोकसभा कक् बनाया िया है। यह सिसयों के आपसली चिचिा्ण करने कली एक जिह के
दजसमें 888 सलीटें हैं। पुरानली ्ोकसभा में 550 सलीटें हैं। यह साइज में िौर पर है।
िलीन िुना बडली है। लकड़ी के ढांचे का उपयोग: नए संसि भवन में पारंपररक
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राष्ट्ीय फूल: कम् कली थलीम पर आराररि राजयसभा कक् में रूपांकनों और ितवों में दनदहि आिररक और बाहरली सजावट के दनमा्णर
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384 सलीटें हैं जबदक पुराने कक् में 250 सलीटें हैं। इसकली जाद्यों और के द्ए ्कडली के ढाचिे का वयापक उपयोि दकया िया है।
फननीचिर पर भली राषट्लीय पुषप कली झ्क है।
नागपुर से लकड़ी: ्कडली का द्लजाइन मंबई, महाराषट् के
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राष्ट्ीय वृक्ष: संसि के प्रांिर में राषट्लीय व्रक् बरिि ्िाया कारलीिरों और दशलपकारों ने िैयार दकया है। सािौन कली इसली ्कडली स े
िया है। िोनों सिन में अशोक चिक्र बना है।
नरिभुजाकार नडजाइन: नए संसि भवन का द्लजाइन गुजरात का माब्षल: िुजराि का सफेि माब्ण् ्िा है िो
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दत्रकोरलीय है जो चिार मंदज्ा है। द्लजाइन में ्ोकसभा, राजयसभा राजसथान का शानिार सटोन वक्क है। दत्रपुरा कली बैमब व्ल फ्ोररि है।
और एक खु्ा आंिन है। ्कडली के जदट् द्लजाइनों से नए संसि भवन कली भवयिा और दिवयिा
बढ़ली है। यह भवन सभली विगों और प्रांिों ने दम्कर बनाया है।
सतयमेव जयते: नए संसि भवन के िेट पर अशोक चिक्र बना
है और सतयमेव जयिे द्खा है।
भदोिी का कालीन
अतयाधुननक संवैधाननक िॉल नडजाइन: संदवरान
n नए संसि भवन में उत्तर प्िेश के भिोहरी से हाथ से
कक् प्रिलीकातमक और भौदिक रूप से भारिलीय नािररकों को हमारे बुने हुए कािरीन िगाए गए हैं। भिोहरी हाथ से बुने हुए
्ोकिंत्र के केंद्र में रखिा है।
खूबसूरत कािरीनों के दिए िोकदप्य है, दजससे इसे
अतयंत आधुननक काया्षलय सर्ल: भवन में ऐसे ‘कापपेट दसटरी’ का नाम दमिा है।
काया्ण्य हैं जो सुरदक्ि, कुश् और नवलीनिम संचिार प्रौद्ोदिकली से n 'नाट-बाई-नाट' तकनरीक के दिए प्दसधि दडजाइन करी
सुसदजिि हैं। सुंिरता उस तरह से आतरी है दजस तरह से दशलपकारों
द्ारा उंगदियों का उपयोग करके जदटि तररीके से
अतयाधुननक ऑनडयो: नए भवन में बडे सदमदि कक् हैं जो नॉटस (गांठें) बनाई जातरी हैं। 'नाट-बाई-नाट' कािरीन
नवलीनिम ऑद्लयो-दवजुअ् प्रराद्यों से सुसदजिि हैं। बनाने के इस पारंपररक और प्दसधि दशलप से नए
ऊजा्ष-कुशल संसद: प्ेदटनम रेटे्ल हररि भवन, हमारा नया भवन करी भवयता में बढ़ोतररी हुई है।
संसि भवन पया्णवररलीय दनरिरिा के प्रदि भारि कली प्रदिबद्िा का n भिोहरी करी अनूठरी दशलप तकनरीक को बढ़ावा दमिेगा,
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प्रिलीक बन िया है। काररीगरों के दिए आजरीदवका के भावरी अवसर बढ़ेंगे।
नयू इंनडया समाचार 16-30 जून 2023 21