Page 8 - NIS Hindi 01-15 May,2023
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व्योब्क्तत्व जगररिा िेवी
ठुमरी की र््या्ष्य ्थीं
नगररजा िेवी
जन्मे: 8 मेई 1929 | मेृत्यु: 24 अ्तटटूबर 2017
ठुमेरी साम्ाज्ी जगररजा देवी को उनके चाहने वाले प्यार से ‘अप्पा जी’ कहते हैं। 8 मेई 1929 को बनारस
के जनकट एक गांव मेें जन्मेीं जगररजा देवी जहंदुस्तानी शास्त्रीय गायन का वो जसतारा थीं जजन्हें ख्याल, ठुमेरी,
टप्पा, कजरी, चैती मेें मेहारत हाजसल थी। जगररजा देवी ने बचपन मेें ही अपनी संगीत जशक्ा प्जसद्ध सारंगी
वादक सरज प्साद जमेश्र और चंद् जमेश्र से हाजसल की। जगररजा देवी उन्हें बोलती थीं दादा गुरु …...
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पू िम अंग गानर्कली कली आदशया नगरिजा देवली ने ्ठुमिली कली एक भाई-बहनों के घि गा लेंगे औि कहीं नहीं गाएंगे।” 1949 में पहला
लंबली पिंपिा को हि नदशा में िैलार्ा। गार्कली के क्त्र में
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संगलीत इलाहाबाद िनिर्ो से गार्ा, निि आिा, बनािस औि नदल्लली
बहुमूल्र् र्ोगदान के नलए उन्हें 1972 में पद्मश्रली, 1989 के संगलीत सम्मेलनों में भाग नलर्ा।
में पद्म भूषण औि 2016 में पद्म नवभूषण से अलंकृत नकर्ा गर्ा था। ्ठुमिली कली मष्ल्लका कली संजलीदगली, जलीवंतता औि शास्टत्रलीर्
सेननर्ा औि बनािस घिाने से संबंध ििने वालली नगरिजा देवली संगलीत के नलए प्रेम का अंदाजा इससे लगा सकते हैं नक जलीवन
शार्द अकेलली ऐसली गानर्का थीं नजन्होंने अपने लंबे करिर्ि म भक्त के अंनतम वषया में भली अपनली गार्कली कली प्रस्टतुनत देतली िहीं। नदल्लली
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कनवर्ों के साथ ननगुयानणर्ों को भली गार्ा। हे मां कािली बदरिर्ा बिस े… के एक कार्क्रम में किलीब 88 वषया कली उम्र में नवाब वानजद अलली
नपर्ा नहीं आए...। नर्न कली मत मािो तलवारिर्ा… औि झूले बनगर्ा शाह का गलीत… 'बाबू मोिा नैहि ्छूटो हली जार्…' गार्ा। र्ह गलीत जैसे
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म िाम ललना िे…... जैसली ्ठमिली कली मांग हि मंच पि उनसे कली जातली हली ित्म हुआ तो उन्होंने अपने पानदान से पान ननकालकि मुंह में
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थली। बेशक शुरुआत म हली मामा के घि कोलकाता म जाकि करिर्ि ििा औि कहा- “बहुत अच््छा लगा नक आप सब आए। अब पता
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को आगे बढ़ार्ा लनकन बनािस औि काशली हमेशा उनके हृदर् म ें नहीं दोबािा आ पाऊंगली र्ा नहीं। नब्बे कली होने जा िहली हूं।” इसके
बसता था। दो महलीने बाद हली 24 अक्टूबि, 2017 वह इस दुननर्ा चलली गईं।
पांच वषया कली उम्र से गार्कली में उतिने वालली नगरिजा देवली ने बहुत आज भली जब उनके गार्न को सुनते हैं तो ऐसा लगता है नक सुिों
कम उम्र में ख्र्ाल औि टप्पा गार्कली में अपनली एक अलग पहचान कली बिसात में भलीगने का आनंद नमल िहा हो।
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बना लली थली। नरौ वषया कली उम्र में नगरिजा देवली ने एक निल्म में अ्छूत नगरिजा देवली के ननधन पि पलीएम निद् मोदली ने शोक में कहा
कन्र्ा कली भूनमका भली ननभाई थली। नगरिजा देवली ने एक साक्ात्काि में था, “नगरिजा देवली जली के ननधन से दुिली हूं, भाितलीर् शास्टत्रलीर् संगलीत
बतार्ा था नक “मैंने शादली से पहले हली पनत से किाि कि नलर्ा था ने अपनली सबसे मधुि आवाजों में से एक को िो नदर्ा है। नगरिजा
नक मुझे बाद में गाने देंगे। वह भली संगलीत के प्रेमली थे। पनत ने शतया िि देवली का संगलीत हि पलीढ़ली को आकनषयात किता था। भाितलीर् शास्टत्रलीर्
दली थली नक नकसली िाजा महािाजा, प्राइवेट प्रोग्ाम में नहीं गाओगली। संगलीत को लोकनप्रर् बनाने के नलए उनकली कोनशशें हमेशा हमािली
मैंने वादा कि नदर्ा नक िनिर्ो, बड़े संगलीत कार्क्रम, स्टककूल, गुरु र्ादों में िहेंगली।”n
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6 न््ययू इंडि्या समाचार 1-15 मई 2023