Page 70 - NIS Hindi 16-31 May 2023
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रेाष्ट्ररीय ्वैश््च्वक बौद्ध कशखरे सम्मेलन
वैश््चवक बौधि नशखरो सम्मेलि
ऐसवी कोई समस््या िहीं नजसका समािाि
बुधि के उपदेशों में प्राप्र् ि हुआ हो
बुद्ध की इस धरती की परंपरा है ‘अवतवथ देवो धुननक नव्चव कली ऐसली कोई सम्कर्ा नहीं है, नजसका
भव:’ अथा्तत, अवतवथ हमेारे वलए देवता के समाधान सैकड़ों वषया पहले बुद्ध के उपदेशों में हमें प्राप्त
समेान होते हैं। भगवान बुद्ध के ववचारनों को आ न हुआ हो। आज दुननर्ा नजस र्ुद्ध औि अशांनत से
िीने वाले व््यक््ततत्व िब सामेने होते हैं तो पलीनड़त है, बुद्ध ने सनदर्ों पहले इसका समाधान नदर्ा था। बुद्ध ने कहा था
साक्ात बुद्ध की उपक्स्थवत का अहसास होता जलीत वैि को जन्म देतली है औि हािा हुआ व्र्स्क्त भली दुख कली नींद सोता है।
इसनलए हाि-जलीत, लड़ाई-झगड़ा इन्हें ्छोड़कि हली हम सुखली हो सकते
है। बुद्ध व््यक््तत से आगे बढ़कर एक बोध हैं। हैं। भगवान बुद्ध ने कहा था नक वैि से वैि शांत नहीं होता। वैि-अवैि से
स्वरूप से आगे बढ़कर एक सोच हैं। वचत्ण शांत होता है।
से आगे बढ़कर एक चेतना हैं। बुद्ध की ्यह प्रधानमंत्रली निद् मोदली ने दो नदवसलीर् वैस््चवक बौद्ध नशखि सम्मेलन
ें
चेतना वचरंतर है। वदल्ली मेें आ्योवित पहले में दुननर्ा के कोने-कोने से आए लोगों का ्कवागत नकर्ा औि कहा नक
वैक्श्वक बौद्ध वशखर सम्मेेलन को प्रधानमेंत्ी हमािे नलए अनतनथ देवता के समान होते हैं लेनकन, भगवान बुद्ध के
नरेंद्र मेोदी ने 20 अप्रैल को वक्या संबोवधत…... नवचािों को जलीने वाले इतने व्र्स्क्तत्व जब हमािे सामने हों तो साक्षात बुद्ध
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