Page 71 - NIS Hindi 16-31 May 2023
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रेाष्ट्ररीय ्वैश््च्वक बौद्ध कशखरे सम्मेलन
ें
दुवन्या सदी के सबसे चैलविंग समे्य से गुिर रही
प्रधानमंत्री मोदरी ने कहा भक ये बात सि्ण स्िरीकाय्ण है भक आज का
समय इस सदरी का सबसे चैलभजंग समय है। आज एक ओि
ें
महरीनों से दो देशों में युधि चल िहा है तो िहीं दुभनया आभथ्णक
अश्स्थिता से िरी गुजि िहरी है। आतंकिाद औि मजहबरी उन्माद
जैसे खतिे मानिता करी आत्मा पि प्रहाि कि िहे हैं। ्तलाइमेट
चेंज जैसरी चुनौतरी पूिरी मानिता के अश्स्तत्ि पि आ्फत बनकि
मंडिा िहरी है। ग्लैभशयस्ण भप्घल िहे हैं, इकोलॉजरी नष्टट हो िहरी है,
प्रजाभतयां भिलुप्त हो िहरी हैं। इन सबके बरीच किोड़ों लोग ऐसे िरी हैं
भजन्हें बुधि में आस्था है औि जरीि मात् के कल्याण में भि्विास है।
ये उम्मरीद औि ये भि्विास हरी इस धितरी करी सबसे बड़री ताकत है।
ववश्व को सुखी बनाने का बुद्ध मेत्
ं
समस्याओं से समाधान करी यात्ा हरी बुधि करी यात्ा है। बुधि ने महल
इसभलए नहीं ्छोड़ा था ्तयोंभक उन्हें कोई कष्टट था। बुधि ने महल,
िाजसरी ठाठ-बाट इसभलए ्छोड़ा था ्तयोंभक उनके भलए उपलब्ध
सुख-सुभिधाओं के बाद िरी दूसिों के जरीिन में दुख था। यभद हमें
भि्वि को सुखरी बनाना है तो संकुभचत सोच को त्याग कि, समग्ता
का बुधि मंत् हरी एकमात् िास्ता है।
कली उपस््कथनत का अहसास होता है। पलीएम मोदली ने कहा अलग- के साथ खड़ा होता है। आज भाित के 140 किोड़ लोगों कली इस
अलग देशों औि भौगोनलक सां्ककृनतक परिवेश से आए लोग र्हां भावना को दुननर्ा देख, समझ औि ्कवलीकाि भली कि िहली है। पलीएम
उपस््कथत हैं। र्हली भगवान बुद्ध का वो नव्कताि है जो पूिली मानवता मोदली ने कहा नक अंतििाष्ट्लीर् बौद्ध परिसंघ का र्े मंच इस भावना
को एक सूत्र में नपिोता है। दुननर्ा के अलग-अलग देशों में बुद्ध के को नर्ा नव्कताि दे िहा है। वतयामान चुनौनतर्ों को हम नकस तिह
ैं
किोड़ों अनुर्ानर्र्ों का साम्थ्र्या जब एक साथ कोई संकल्प लेता से हिल किते हैं, इस पि चचाया अपने आप में न केवल प्रासंनगक
है तो उसकली ऊजाया नकतनली असलीम हो जातली है। जब इतने सािे लोग है बस्ल्क नव्चव के नलए इसमें उम्मलीद कली नकिण भली समानहत है।
नव्चव के बेहति भनवष्र् के नलए एक नवचाि के साथ काम किेंगे पलीएम मोदली का मानना है नक हमें आस-पास गिलीबली से जूझ िहे
तो भनवष्र् ननस््चचत रूप से भव्र् होगा औि इसनलए पलीएम मोदली को लोगों औि संसाधनों के अभाव में ििंसे देशों के बािे में सोचना हली
र्ह नव्चवास है नक र्ह वैस््चवक बौद्ध सम्मेलन इस नदशा में सभली होगा। एक बेहति औि स््कथि नव्चव कली ्कथापना के नलए र्हली एक
देशों के प्रर्ासों के नलए एक प्रभावली मंच का ननमायाण किेगा। मागया है।
वैस््चवक बौद्ध सम्मेलन कली मेजबानली ऐसे समर् में हो िहली है जब कार्क्रम में प्रधानमंत्रली मोदली ने कहा बुद्ध का मागया भनवष्र् का
या
भाित ने अपनली आजादली के 75 वषया पूिे नकए हैं। इस अमृतकाल में मागया है। नव्चव र्नद बुद्ध कली सलीखों पि चला होता तो क्लाइमेट चेंज
भाित के पास अपने भनवष्र् के नलए नवशाल लक्षर् औि वैस््चवक जैसा संकट भली हमािे सामने नहीं आता। र्े संकट इसनलए आर्ा
कल्र्ाण के नए संकल्प भली हैं। भाित ने अनेक नवषर्ों पि नव्चव में क्र्ोंनक नप्छलली शताब्दली में कु्छ देशों ने दूसिों के बािे में औि आने
नई पहल कली है औि इसमें हमािली बहुत बड़ली प्रेिणा भगवान बुद्ध हली वालली पलीनढ़र्ों के बािे में सोचना हली बंद कि नदर्ा। भगवान बुद्ध ने
हैं। भगवान बुद्ध कली नशक्षाओं का हली असि है नक भाित नव्चव के धम्मपद में ्कपष्ट रूप से कहा है नक जैसे बूंद-बूंद पानली से घड़ा
हि मानव के दुख को अपना दुख समझता है। दुननर्ा के अलग- भि जाता है वैसे हली लगाताि कली हुई गलनतर्ां नवनाश का कािण
िं
अलग देशों में पलीस नमशन्स हों र्ा तुनक्कए के भूकप जैसली आपदा हो, बन जातली है। सम्मेलन में हुए नवचाि-नवमशया से मानवता को नर्ा
भाित अपना पूिा साम्थ्र्या लगाकि, हि संकट के समर् मानवता प्रकाश, प्रेिणा, साहस औि नर्ा साम्थ्र्या नमलेगा। n
न््ययू इंडि्या समाचार 16-31 मई 2023 69