Page 77 - NIS Hindi 16-31 May 2023
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रेाष्ट्र  अमृत महोत्स्व






                                         चम्पक रोमि नपल्लई: नवदेश में रोहर्े हुए


                                                  लड़वी थवी देश कवी आजादवी कवी लड़ाई



                                                                िन्मे : 15 वसतंबर 1891, मेृत््य : 26 मेई 1934
                                                                                        ु
                     ितलीर्  िाजननतक  कार्कताया  औि  क्रांनतकािली  चम्पक   तर्ाि किने के नलए नपल्लई के साथ जड़ गए। उन्होंने जमयान लोगों का
                             ै
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                     िमन नपल्लई का जन्म 15 नसतंबि, 1891 को केिल   नव्चवास जलीता औि नहंद महासागि म जमयान नौसेना के अनभर्ानों का
                                                                                     ें
           भा के कोनच्च में हुआ था। भाित में साम्राज्र्वादली नब्रनटश   नेतृत्व नकर्ा। नब्रनटश सिकाि ने चम्पक िमन पि एक लाख पाउंि का
                                                                                        ें
                                    ें
           शस्क्त पि हमले किने के नलए नवदेश म भाितलीर् सेना को संगन्ठत किन  े  इनाम घोनषत नकर्ा था। लनकन अंग्ेज उन्ह कभली पकड़ नहीं सके।
                                                                              े
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           म उन्ह िास नबहािली बोस औि सुभाष चद् बोस का पवयावतषी माना जाता   चम्पक िमन ने प्रथम नव्चव र्ुद्ध के दौिान इनिर्न नेशनल वॉनलंनटर्ि
                                                                                       ें
           है। नवद्ाथषी जलीवन के दौि से हली नपल्लई िाष्ट्वाद कली नशक्षा देने वालली   कोि कली ्कथापना कली। जुलाई, 1914 म नपल्लई ने बनलयान से भाितलीर्
           प्कतकों औि पनत्रकाओं के प्रनत अत्र्नधक आकनषयात थे। वे ्कवतंत्रता   सैननकों को संदेश नदर्ा नक नवद्ोह किने औि मातृभनम को मुक्त किान  े
                                                                                              ू
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                  ें
           आंदोलन म अग्णली सभली िाजनेताओं के भाषण सुनते थे। लोकमान्र् बाल   का समर् आ गर्ा है। बाद म 1919 म जब चम्पक िमन नवएना म सुभाष
                                                                                     ें
           गंगाधि नतलक का व्र्स्क्तत्व औि केसिली म उनके लेखन ने नपल्लई को   चद् बोस से नमले तो उन्होंने नेताजली को अपनली र्ोजना बताई। माना जाता
                                                              ं
                                      ें
           देशभक्त औि क्रांनतकािली बना नदर्ा। जब नतलक को नगिफ्ताि नकर्ा गर्ा   है नक सुभाष चद् बोस ने वहली िाह चुनली जो चम्पक िमन ने उन्ह नदखाई
                                                                                                     ें
                                                                       ं
           औि ननवायासन कली सजा दली गई तो चम्पक िमन को गहिा धक्का लगा।   थली। दूसिे नव्चव र्ुद्ध के दौिान आजाद नहंद िौज के ग्ठन से नपल्लई का
               ें
           ऐसे म उन्होंने सािा जलीवन ्कवतंत्रता के संघषया के नलए समनपयात किने का   सपना साकाि हुआ।
                                                                                              ें
                                                                                   ें
           प्रण नलर्ा।                                       चम्पक िमन को नदसंबि 1915 म अिगानन्कतान म ्कथानपत भाित कली
               ें
                                                                                                   ें
           बाद म, चम्पक िमन नवदेश चले गए। उस समर् उनकली उम्र मात्र 17   अंतरिम सिकाि का मत्रली होने का गौिव भली नमला। काबुल म िाजा महद्
                                                                           ं
                                                                                                         ें
           वषया थली। जब प्रथम नव्चव र्ुद्ध शुरू हुआ तो नपल्लई ने जमयान दूतावास   प्रताप नसंह उस सिकाि के िाष्ट्पनत थे। 26 मई, 1934 को नपल्लई का
                                       ं
           कली सहार्ता से 1914 म इंटिनेशनल प्रो-इनिर्ा कमेटली बनाई। उसका   ननधन हो गर्ा। चम्पक िमन कली पत्नली लक्षमलीबाई पनत कली अस््कथर्ां,
                           ें
                                                     े
           मुख्र्ालर् ज्र्रिख म था औि उन्होंने ्कवर्ं उसके अध्र्क्ष कली नजम्मदािली   िार्िली औि उनके गोपनलीर् द्कतावेज सिनक्षत किने म सिल िहली।
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           संभालली। अक्टूबि 1914 म वह बनलयान चले गए औि वहां इनिर्न   नपल्लई कली अनतम इच््छा के अनुसाि लक्षमलीबाई उनकली अस््कथर्ां भाित
                                                                      ं
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           इनिपिस कमेटली शुरु कली। नवदेश म िह िहे अनेक क्रांनतकािली कार्क्रम   लाईं जहां कन्र्ाकुमािली म उसको समद् म प्रवानहत नकर्ा गर्ा।
                                                     या
                                                                                                    498691
        रोसा्यि औरो संबधि उत्पादों का नि्या्षर्
                       े
        आर््थथिक र्वकास के क्त्र में आगे बढ़ने, र्व्चव व््यापार में देश की ब्स््थर्त
        और वृर्द्ध को बना्ये रखने के र्लए आज कर्रित प््यास करने की अर्िक
                                       ें
        आव्च्यकता ह। ्यही कारण ह र्क करि सरकार औद्योर्गक र्वकास को बढ़ावा
                             रै
                                  ें
                   रै
        देने त्था र्न्याथित को प्ोत्सार्हत करने के र्लए सभी आव्च्यक कदम उठा रही                221831
                             रै
          रै
        ह। इसी प््यास का पररणाम ह र्क आज भारती्य रसा्यन उद्योग एक वरैब््चवक
        व््यवसा्य बन ग्या ह। ्यह ‘मेक इन इंर्ि्या’ दृब्ष््टकोण के सा्थ देश के र्लए
                      रै
                            रै
        र्वदेशी मुरिा अर्जथित करता ह। भारत र्व्चव में रसा्यनों का छठा त्था एर्श्या का
        तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश ह। रसा्यनों के र्न्याथित में भारत का 14वां स््थान   7  29  225 2111 22851
                                रै
        ह। सा्थ ही, वषथि 2013-14 की तुलना में वषथि 2021-22 में भारती्य रसा्यनों के र्न्याथित
          रै
                                                                          1960-61  1970-71  1980-81  1990-91  2000-01  2010-11  2021-22
        में 106 प्र्तशत की वृर्द्ध दजथि की गई। रसा्यन उत्पादों के र्न्याथित में वृर्द्ध से छो्टे
                                                                              * रसा्यन और सबंधि उत्पादों के आंकड़े ‘मेयूल रसा्यन’ और
        और मझौले र्न्याथितकों को लाभ हुआ ह।                                         ‘प्लाक्स्टक डलनोडल्यमे उत्पादों’ से संबंड्धत है।
                                   रै
                                                                                     न््य इंनड्या समाचारो   16-31 मई 2023 75
                                                                                       ू
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