Page 78 - NIS Hindi 16-31 May 2023
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रेाष्ट्र अमृत महोत्स्व
ककृष्टण चन्द्र गजपनर् िारोा्यण लोकरोाम ि्यिरोाम शमा्ष:
देव: ओनडशा को एक अलग रोाष्टट्रवी्य आंदोलिकाररो्यों का
प्रांर् बिािे कवी उठा्यवी मांग नक्या पूरोा समथ्षि
ु
िन्मे : 26 अप्रैल 1892, मेृत््य : 25 मेई 1974 िन्मे : 1890, मेृत््य : 29 मेई, 1933
ु
नश क्षानवद, ्कवतंत्रता सेनानली औि सामानजक कार्कताया कृष्ण ्कवा धलीनता सेनानली लोकिाम नर्निाम शमाया का
या
चन्द् गजपनत नािार्ण देव पािालाखेमुंिली रिर्ासत के
जन्म 1890 में नसंध प्रांत में हुआ था। ्कवतंत्रता
िाजा औि ओनिशा प्रांत के पहले प्रधानमंत्रली थे। उनका जन्म 26 सेनानली, पत्रकाि औि संग्ठनकताया लोकिाम नर्निाम शमाया ने
अप्रैल 1892 को पािालाखेमुंिली के िाजा गौिा चंद् गजपनत औि पारिवारिक प्रभाव के कािण ्छोटली उम्र में हली प्राचलीन भाितलीर्
िाधमनली देवली के घि हुआ था। पािालाखेमुंिली वतयामान में गजपनत सानहत्र् का अच््छा ज्ञान प्राप्त कि नलर्ा था। सं्ककृत भाषा में
नजले में है। ओनिशा के वतयामान गजपनत नजले का नाम उन्हीं के बचपन से हली उनकली नवशेष रुनच थली। इसली रुनच के कािण 15
नाम पि िखा गर्ा है। वह ्कवतंत्र ओनिशा के अग्दूतों में से एक वषया कली उम्र में वे अपने नमत्र के साथ सं्ककृत पढ़ने वािाणसली
थे। साथ हली देश कली आजादली कली लड़ाई में भली उनका महत्वपूणया गए। वािाणसली में ननवास के दौिान उनका परिचर् बंग-भंग
र्ोगदान िहा था। संनवधान सभा के सद्कर् होने के नाते भाित के नविोधली औि ्कवदेशली आंदोलन से हुआ। वहीं उनकली मुलाकात
संनवधान ननमायाण में भली उनका महत्वपूणया र्ोगदान माना जाता है। प्रदशयानकारिर्ों से भली हुई। उन्होंने इन आंदोलनों के जरिए अंग्ेजों
कृष्ण चंद् ने 16 नवंबि, 1930 को लंदन में हुए पहले गोलमेज का जबिद्कत नविोध नकर्ा। 1907 में वापस नसंध पहुंचने तक
सम्मेलन में भाग नलर्ा था नजसमें उन्होंने भाषा औि सां्ककृनतक वे िाष्ट्वादली भावनाओं से परिपूणया हो चुके थे। अपने गृहनगि में
एकरूपता के आधाि पि ओनिशा को एक अलग प्रांत बनाने कली वे जाने-माने नसंधली नेताओं चोइथिाम नगिवाणली, जर्िाम दास
मांग उ्ठार्ली थली। महािाजा कृष्ण चन्द् गजपनत, उत्कल गौिव औि दौलत िाम से जुड़े।
मधुसूदन दास, उत्कलमनण गोपाबंधु दास, िकलीि मोहन सेनापनत लोकिाम नर्निाम शमाया ने महात्मा गांधली के नेतृत्व में चलाए
औि उत्कल सस्म्मलनली के अन्र् सद्कर्ों के प्रर्ास से हली 1 अप्रैल गए नमक सत्र्ाग्ह में भली भाग नलर्ा था। 1931 में लोकिाम ने
1936 को ओनिशा िाज्र् का ग्ठन हुआ। कृष्ण चन्द् गजपनत किाचली में कांग्स अनधवेशन आर्ोनजत किाने में भली महत्वपूणया
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नािार्ण देव पहलली अप्रैल 1937 से जुलाई 1937 तक ओनिशा भूनमका ननभाई थली। पेशे से पत्रकाि लोकिाम के िाष्ट्वादली
के पहले प्रधानमंत्रली बनाए गए। बाद में वे 24 नवंबि 1941 से 30 लेखों पि कई बाि प्रनतबंध लगार्ा गर्ा निि भली उन्होंने अपना
जून 1944 तक दूसिली बाि भली ओनिशा के प्रधानमंत्रली िहे। उन्होंने लेखन कार् जािली िखा। लोकिाम ने अपने लेखन में िाष्ट्लीर्
या
नशक्षा औि सानहत्र् के माध्र्म से िाज्र् कली प्रगनत औि समाज कली आंदोलनकारिर्ों का पूिा समथयान नकर्ा। उनकली लेखनली िाष्ट्लीर्
बेहतिली के नलए अहम र्ोगदान नदर्ा। उन्होंने अनेक अ्कपताल, आकांक्षाओं का जोिदाि समथयान कितली थली। उन्होंने अपने
नवद्ालर्, महानवद्ालर् औि औद्ोनगक सं्कथानों कली ्कथापना नवचािों का प्रचाि-प्रसाि किने के नलए सां्ककृनतक संग्ठन िास
कली। उन्होंने अपने तालुका में पानली के 1281 टैंक उपलब्ध किाए। मंिलली बनार्ा। इसके उपिांत लोकिाम ने अिबली नलनप के बजार्
उन्होंने ओनिशा में नशक्षा के नवकास के साथ-साथ, भाषा देवनागिली नलनप में नसंध भा्ककि समाचाि पत्र का प्रकाशन प्रािंभ
आंदोलन औि बाल नववाह उन्मूलन में भली उत्कृष्ट र्ोगदान नदर्ा। नकर्ा। कु्छ समर् बाद, उसका नाम बदलकि नहंदू कि नदर्ा
कृष्ण चन्द् गजपनत नािार्ण देव कली 25 मई 1974 को मृत्र्ु हो गर्ा। अंग्ेजों ने उनके पत्रों पि प्रनतबंध लगा नदर्ा औि प्रेस
गई। ओनिशा को एक अलग िाज्र् बनाने कली धुन, नशक्षा औि को जब्त कि नलर्ा। लोकिाम नर्निाम शमाया कई बाि जेल
सानहत्र् के माध्र्म से िाज्र् कली प्रगनत, कल्र्ाण औि समाज कली गए। जेल में नकए गए शोषण औि अमानवलीर् व्र्वहाि के कािण
बेहतिली में अनवितलीर् र्ोगदान के नलए उन्हें ओनिशा के लोग आज उनका ्कवा्क्थ्र् लगाताि नबगड़ता गर्ा औि वे बलीमाि हो गए।
भली र्ाद किते हैं। बलीमािली के कािण किलीब 43 साल कली उम्र में हली 29 मई, 1933
को उनका ननधन हो गर्ा। n
76 न््ययू इंडि्या समाचार 16-31 मई 2023