Page 38 - NIS Hindi 01-15 August,2023
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राष्टट्र अमृत महोत्सव राष्टट्र अमृत महोत्सव
लहन्दुस्तान ररपक्ब्िकन
एसोलसएशन के प्रिुख सदस्य ्थे एक राष्ट् लस�ांत के पक्ष िें लिखने
िािे हैदराबाद के पहिे पत्कार
प्रेमेककृष्ण खन्ना
्जन्मे : 2 ्जनवरी 1894, मेृत्यु : 3 अगस्त 1993 सैय्यद अहमेदुल््ला कादरी
स्ि माउ्जर के कारिूस भी खन्ना के लाइसेंस पर खरीदे गए। काकोरी ्जन्मे : 9 अगस्त 1909, मेृत्यु : 5 अक्िूबर, 1985
िंरििा सेनानी प्रेमककृष्ण खन्ना का ्जन्म एक धनी पररिार
कांड का मुकदमा दो िष्ण िक चला। उन्हें काकोरी षड्यंरि मामले
में 2 ्जनिरी 1894 को लाहौर में हुआ थिा। उनके त्पिा
का नाम रायबहादुर रामत्कशन खन्ना थिा। उनके मन में बचपन से में दोषी ्ठहराया गया और पांच साल की स्जा सुनाई गई। स्जा के
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ही देश की आ्जादी के त्लए काम करने की इच्छा ्जग गई थिी। िह बाद ्जब िह ्जेल से छू्ट कर आए िो उन्होंने अत्ििात्हि रहकर स्ि िरििा सेनानी सैय्यद अहमदुल्ला कादरी का ्जन्म 9 समाचार दैत्नक सल्िनि म एक राष्ट् त्सद्धांि के पक्ष म त्लखा थिा।
कांग्रेस में शात्मल हुए और 1921 के असहयोग आंदोलन में बढ़- देश सेिा का �ि त्लया त््जस पर िह ्जीिन भर कायम रहे। अगस्ि 1909 को हैदराबाद म हुआ थिा। उनके त्पिा उन्होंने राष्ट्व्यापी आंदोलन म शात्मल होने का फैसला त्कया और
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चढ़ कर भाग त्लया। बाद के त्दनों में िह राम प्रसाद त्बस्स्मल के ्जेल से छू्टने के बाद उन्होंने अपनी सारी त्न्जी संपत्त्त राम का नाम शमशुल्लाह कादरी थिा। सैय्यद के त्पिा शमशुल्लाह आंध्र प्रदेश राज्य त्िधान पररषद के सदस्य बने। िे आंध्र प्रदेश
करीबी बन गए और त्हंदुस्िान ररपस्ब्लकन एसोत्सएशन में शात्मल प्रसाद त्बस्स्मल मेमोररयल ट्स््ट, शाह्जहांपुर को दान कर दी और कादरी एक प्रत्सद्ध लेखक थिे। उन्होंने सैय्यद को काफी कम उम्र राज्य ह्ज सत्मत्ि के अध्यक्ष भी रहे। कादरी ने ्जीिन भर कई
हो गए। काकोरी के नाम पर कई संस्थिाएं बनाईं। प्रेमककृष्ण खन्ना को पढ़ने म सात्हत्यकारों से पररत्चि कराया। सैय्यद अहमद कादरी न े महत्िपूण्ण पदों पर काय्ण त्कया। िे लुत्फुद्ौला ओररएं्टल ररसच्ण
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िह शाह्जहांपुर में रेल त्िभाग के ्ठरेकेदार थिे। यही कारण थिा का बड़ा शौक थिा और उन्होंने पुस्िकों का बड़ा अच्छा संग्रह कर प्रत्सद्ध समाचार परि सल्िनि की स्थिापना की। साथि ही उन्होंन े इंस््टीट्ू्ट के अध्यक्ष के रूप म त्नयुक्ि हुए। सैय्यद अहमदुल्ला
त्क अंग्रे्जों ने उन्हें त्पस्िौल का लाइसेंस दे रखा थिा। कहा ्जािा है रखा थिा। ्जेल में रहने के दौरान उन्होंने बहुि-सी अच्छी पुस्िकें पैसा और िारीख नाम के दो समाचार परिों के त्लए भी त्लखा। कादरी को 1966 म भारि सरकार ने प�श्ी से सम्मात्नि त्कया।
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त्क त्बस्स्मल ने कई बार उनकी त्पस्िौल का इस्िेमाल रिांत्िकारी खरीदी थिीं। सौ साल पूरे होने से ्ठीक छह महीने पहले 3 अगस्ि कादरी हैदराबाद राज्य के पहले परिकार थिे त््जन्होंने 1946 म उदू्ण 5 अक््टूबर, 1985 को उनका त्नधन हो गया। n
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कायगों के त्लए भी त्कया और काकोरी कांड में इस्िेमाल त्कए गए 1993 को उनका त्नधन हो गया।
अगस्त क्रांटत भारत छोड़ो आंदो्लन
भारत के स्वतं�ता सं�ाम के इबतहास में अगस्त महीने का अ्पना देश के स्वतंत्तपा संग्पामे मेें 8 अगस्त की मेध््य रपाबत् कपा एक खपास 14.51 7,015
एक बव्शेर् महत्व है। यह वही महीना है बजसमें भारत की आजादी मेहत्व है। मेहपात्मेपा गपांधी ने अंग्ेजों को भपारत से बनकपालने के बलए डीडीययू ग्रामेीण कौश्ल यो्जना
की नींव कहे जाने वाले तीन �मुख जनआंदोलन हुए थे। आइये 8 अगस्त 1942 को भपारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की ्थी। इस लपाख से अबधक करोड़ रु्प्ये से ज््यपादपा
जानते हैं उन तीन �मुख आंदोलनों के िारे में... आंदोलन की शुरुआत मेहपात्मेपा गपांधी ने अ्पने शट्क्तशपाली नपारे ‘करो ग्रामेीण युवाओं का सशक्तीकरण उम्मेीदवपार प्रबशबक्षत। की रपाबश जपारी।
्यपा मेरो’ के जररए देशवपाबस्यों को प्रोत्सपाबहत करते हुए की। मेहपात्मेपा
असहयोग आंदो्लन गपांधी की प्रेरर्पा से भपारत छोड़ो आंदोलन की गूंज ्पूरे देश मेें सुनपाई समेपावेशी बवकपास और भपारत के ग्पामेीर् ्युवपाओं की आत्मेबनभ्षरतपा
अंग्ेजी शपासन की िढ़ती ज््यपादबत्यों कपा बवरोध करने के बलए मेहपात्मेपा देने लगी ्थी, बजसने हमेपारे देश के नौजवपानों को जोश से भर बद्यपा ्थपा। के बलए भपारत सरकपार ने 25 बसतंिर 2014 को दीन द्यपाल उ्पपाध््यपा्य दीन दया्ल उपाध्याय
गपांधी ने 1 अगस्त 1920 को असह्योग आंदोलन की शुरुआत की। स्वदेशी आंदो्लन ग्पामेीर् कौश्म्य ्योजनपा (र्ीर्ी्यू-जीकेवपाई) कपा शुभपारंभ बक्यपा। ग्रामेीण कौशल्य यो्जना
आंदोलन के दौरपान बवद्पाब्थ्ष्यों ने सरकपारी स्ककूलों और कॉलेजों मेें र्ीर्ी्यू-जीकेवपाई ने स््थपा्यी रोजगपार कपा अवसर मेुहै्यपा करपा कर ( आंकड़े 30 अप्रै्ल, 2023 तक)
जपानपा छोड़ बद्यपा। वकीलों ने अदपालतों कपा िबहष्कपार कर बद्यपा। कई स्वदेशी आंदोलन, हमेपारे स्वतंत्तपा संघर््ष के प्रमेुख आंदोलनों मेें से ग्पामेीर् ्युवपाओं कपा सशक्तीकरर् बक्यपा है और उनकी कुशलतपा
कस्िों और नगरों मेें श्बमेक हड़तपाल ्पर चले गए। शहर से लेकर एक ्थपा। 7 अगस्त, 1905 को शुरू बकए गए इस आंदोलन ने स्वदेशी मेें वृबद् की है। वत्षमेपान मेें र्ीर्ी्यू-जीकेवपाई देश के 27 रपाज््य और गरीि ्पररवपारों के 27
गपांव देहपात तक इस आंदोलन कपा असर बदखपाई देने लगपा। सन 1857 उद्ोगों और स्वदेशी भपावनपा को प्रोत्सपाबहत बक्यपा, बजसमेें ह्थकरघपा से 4 केंद् शपाबसत प्रदेशों मेें लपागू की जपा रही है। इस ्योजनपा के तहत ग्पामेीर् ्युवपाओं ्पर
के स्वतंत्तपा संग्पामे के िपाद असह्योग आंदोलन से ्पहली िपार अंग्ेजी जुड़े िुनकर भी शपाबमेल ्थे। स्वदेशी आंदोलन को मेनपाने के बलए भपारत 877 से अबधक ्परर्योजनपा कपा्यपा्षन्व्यन एजेंबस्यपां (्पीआईए), 2,369 केंबद्त ्योजनपा। 8.70 रपाज््यों एवं 4
सत्पा की नींव बहल गई। फरवरी 1922 मेें एक ्थपाने ्पर आक्रमेर् कर सरकपार ने 2015 मेें हर सपाल 7 अगस्त को रपाष्ट्ी्य ह्थकरघपा बदवस से अबधक प्रबशक्षर् केंद्ों के मेपाध््यमे से 37 क्षेत्ों और 616 तरह की केंद् शपाबसत
उसमेें आग लगपा बदए जपाने की घटेनपा के िपाद मेहपात्मेपा गपांधी ने ्यह (एनएचर्ी) मेनपाने कपा फैसलपा बक्यपा। ्पीएमे मेोदी ने 07 अगस्त, 2015 नौकरर्यपां मेुहै्यपा करपाने के बलए प्रबशक्षर् दे रही हैं। लपाख से ज््यपादपा प्रदेशों मेें लपागू।
आंदोलन वपा्पस ले बल्यपा। को चे�ई मेें ्पहले ह्थकरघपा बदवस कपा शुभपारंभ बक्यपा ्थपा। उम्मेीदवपारों को रोजगपार।
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