Page 13 - NIS Hindi 1-15 October, 2023
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आ्वरण कथा
अ क्सर इतने बड़े और असािारण अंतररा्टट्रीय आयोजन की राजनथयक व्याख्या
के थलए कुदरती उपमाओं से शब्द उिार लेकर ग़िने पड़ते हैं। ऐसी ऐथतहाथसक
सफलता की अथभव्यस्क्त की तीव्रता तब और भी अत्यथिक हो जाती है, जब
े
तु
ऐसा अनमान न हो। सचमच ऐसे आयोजन दतुलदूभ की श्णी में आ जाते हैं। ऐसा ही
तु
दतुलदूभ नजारा दतुथनया को 9-10 थसतंबर को जी-20 के नई थदल्ली थशिर सम्मेलन
में देिने को थमला। भारत की अध्यक्ता में भारत के सामर्यदू और दतुथनया के थलए
नए दृस््ट्टकोण का प्रतीक बना जी-20 थशिर सम्मेलन, अथवितीय, अभूतपूवदू
कृ
ही नहीं बस्ल्क भारत की उत्क्ट्ट कू्टनीथतक सफलता का प्रथतमान बन गया है।
दू
पारंपररक रूप से अब तक दतुथनया का केवल आथ्थक मंच या वैस््ववक व्यवसाय
तक सीथमत माने जाने वाले जी-20 को भारत ने अपनी अध्यक्ता में एक वृहद
स्वरूप दे थदया है, जो परंपराओं से ह्टकर है। आथ्थक थवषयों तक सीथमत रहने
दू
वाले दतुथनया के इस ताकतवर समूह को भारत ने अपने वसतुिैव कु्टुंबकम् की सोच
दू
से नया आयाम थदया है। भारत के नेतृत्व में यह समूह अब आथ्थक थवषय से आगे
थनकल सांस्कथतक थवरासत, थवथविताओं के रंग से सराबोर होकर मानव कथद्रत
ें
कृ
हो गया है। इस समूह में अफ्ीकन यूथनयन का प्रवेश कराकर भारत ने ऐसा इथतहास
रच थदया है, एक मील का पत््थर बना थदया है, थजसके थलए दतुथनया भर के थवशेषज्ञ
कह रहे हैं- भारत के नेतृत्व में जी-20 को जो जीवन और रंग थमला है और थव्वव
मानवता से जोड़ा है, उस ऐथतहाथसक सफलता से आगे थनकलना तो दूर, दोहरा
पाना भी समूह के अन्दय देशों के थलए सहज नहीं होगा। वास्तथवकता में इस भव्य
आयोजन और मानव कथद्रत थवषयों पर सवदूसम्मथत बनाकर भारत अब ग्लोबल
ें
साउ्थ की मतुिर आवाज बन गया है।
भारत की िी-20 अध्यषिता 1 नदसंबर 2022 से शुरू हुई। 9-10 नसतंबर 2023 को
ऐनतहानसक िई नदल्िी नशखर सम्मेिि अमृत काि का यह सबसे बड़ा आयोिि बि गया,
देश के इस सामथ्यवि से दुनिया भी अचंनभत है। िी-20 ऐसे 19 देशचों और यरोनर्यि यनियि
यू
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का समह है नििका आन्थक सामथ्यवि नवश्व की 85 प्नतशत िीडीर्ी का प्नतनिनधत्व करता है।
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भारत िे इसमें एक बड़ा अध्याय िोड़ नदया है। दुनिया के इस समह में वैब्श्वक व्यार्ार का 75
यू
प्नतशत और नवश्व की िगभग दो-नतहाई आबादी है। इसमें अब अफ्ीकि यनियि को िोड़कर
यू
भारत िे इस वैब्श्वक संस््था को िया आयाम नदया है। भारत की अध्यषिता में हुआ नशखर
ें
सम्मेिि केवि अर्िी भव्यता ही िहीं, मािव-कनद्त िीनतगत र्हि के निए भी अियू्ठा बि
चुका है। दुनिया के शब्क्तशािी राष्ट्चों के अध्यषि और उिकी टीम की अगवािी सनहत सुरषिा
बंदोबस्त, उर्हारचों का चयि, भोिि से िेकर हर आयोिि में भारत के अनवितीय सामथ्यवि का
प्दशविि दुनिया िे देखा।
दरअसि, 'वसुधैव कुटुम्बकम्'- भारतीय संस्कनत के इि दो शब्दचों में एक गहरा दाशविनिक
कृ
नवचार समानहत है। इसका अ्थवि है, 'र्यूरी दुनिया एक र्ररवार है'। यह एक ऐसा सवविव्यार्ी दृब्ष्टकोण
है िो एक सावविभौनमक र्ररवार के रूर् में प्गनत करिे के निए प्ोत्सानहत करता है। िी-20 की
ें
भारत की अध्यषिता के दौराि, यह नवचार मािव-कनद्त प्गनत के आह्ाि के रूर् में प्कट हुआ है।
कोनवड के बाद बदिी र्ररब्स््थनत में तीि नबंदुओं र्र भारत की ओर से नवशेष िोर नदया
न््ययू इंडि्या समाचार 1-15 अक््टटूबर 2023 11