Page 45 - NIS Hindi 1-15 October, 2023
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फ्लैर्द्िप ्योजना स््वच्छ भारति द्मिन
अटि रहे, अनडग रहे। आिकि अगर कोई टॉयिेट िैसे नवषय
र्र निल्म बिाता है तो इसे िेकर चचावि होिे िगती है। िोग सोचिे
िगते हैं नक ये भी कोई नवषय हुआ? हम अंदािा िगा सकते हैं
नक उस दौर में नबंदेश्वर िी के निए शौचािय िैसे नवषय र्र काम
करिा नकतिा मुब्श्कि रहा होगा। उन्हें खुद नकतिे ही संघषवि से
गुिरिा र्ड़ा, िोगचों की बातें सुििी र्ड़ीं, िोगचों िे उिका उर्हास
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भी उड़ाया, िनकि समाि सेवा की उिकी प्नतबद्धता इतिी बड़ी
्थी नक उन्हचोंिे अर्िा िीवि इस काम में िगा नदया।
नबंदेश्वर िी का एक बहुत बड़ा योगदाि यह रहा नक उन्हचोंिे
गांधी िी के स्वच्छता के नवचारचों का संस््थागत समाधाि नदया।
मैं समझता हं यह मैििमेंट के छात्रचों के निए अध्ययि का बहुत
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सटीक नवषय है। नवचार नकतिा ही बड़ा क्यचों ि हो, िनकि उसे
सही तरीके से इंप्िीमेंट ि नकया िाए, िमीि र्र ि उतारा िाए
तो निर वो नवचार अप्ासंनगक हो िाता है, निर्थविक हो िाता है।
नबंदेश्वर िी िे स्वच्छता के नवचार को, एक बहुत ही इिोवेनटव
तरीके से एक संस््था का रूर् नदया। सुिभ इंटरिेशिि के माध्यम र्हुंचािे के निए नबंदेश्वर िी का मागविदशविि बहुत ही उर्योगी रहा।
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से उन्हचोंिे एक ऐसा आन्थक मॉडि समाि को नदया, निसकी नबंदेश्वर िी के समाि कायडों का दायरा स्वच्छता से भी आगे
कोई कल्र्िा भी िहीं कर सकता ्था। आि उिके ही र्ररश्म का बढ़कर ्था। उन्हचोंिे वृंदावि, काशी, उतिराखंड और अन्य षिेत्रचों
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र्ररणाम है नक सुिभ शौचािय के भी कई तरह के मॉडि बिे और में मनहिा सशक्तीकरण से िड़े भी अिेक कायवि नकए। नवशेषकर
इस संस््था का देश के कोिे-कोिे में नवस्तार हुआ। ऐसी बेसहारा मनहिाएं, नििका कोई िहीं होता, उिकी मदद के
वि
हमारी आि की युवा र्ीढ़ी को नबंदेश्वर र्ा्ठक िी के िीवि निए नबंदेश्वर िी िे बड़े अनभयाि चिाए। नबंदेश्वर िी के समर्ण
ु
से श्म की गररमा करिा भी सीखिा चानहए। उिके निए ि कोई भाव से िड़ा एक और वाकया मुझे याद आता है। गांधी शांनत
काम छोटा ्था और ि ही कोई व्यब्क्त। साि-सिाई के काम र्ुरस्कार के निए िाम तय करिे वािी कमेटी में नबंदेश्वर िी भी
में िुटे हमारे भाई-बहिचों को गररमामयी िीवि नदिवािे के निए ्थे। एक बार इस कमेटी की बै्ठक तय हुई तो उस समय नबंदेश्वर
उिके प्यास की दुनिया भर में प्शंसा हुई है। मुझे याद है, मिे िब िी नवदेश यात्रा र्र ्थे। िैसे ही उन्हें इस बै्ठक का र्ता चिा,
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साि-सिाई करिे वािे भाई-बहिचों के र्ैर धोये ्थे, तो नबंदेश्वर उन्हचोंिे कहा नक मैं तुरंत वार्स आ िाता हं। तब मिे उन्हें आग्ह
िी इतिा भावुक हो गए ्थे नक उन्हचोंिे मुझसे कािी देर तक उस नकया ्था नक वो अर्िे सुझाव नवदेश से ही भेि दें। बहुत आग्ह
प्संग की चचावि की ्थी। के बाद वो मेरी बात मािे ्थे। ये नदखाता है नक नबंदेश्वर िी अर्िे
मुझे संतोष है नक स्वच्छ भारत अनभयाि आि गरीबचों के निए कतविव्यचों के प्नत नकतिा सिग रहते ्थे। आि िब नबंदेश्वर र्ा्ठक
गररमामय िीवि का प्तीक बि गया है। ऐसी भी कई ररर्ोट्सवि आईं िी, भौनतक रूर् से हमारे बीच िहीं हैं, तो हमें उन्हें श्द्धांिनि
हैं, नििसे ये सानबत हुआ है नक स्वच्छ भारत अनभयाि के कारण स्वरूर्, स्वच्छता के संकल्र् को निर दोहरािा है। नवकनसत भारत
आम िोगचों को गंदगी से होिे वािी बीमाररयचों से मुब्क्त नमि रही है के िक्षय की प्ाब्प्त के निए बहुत आवश्यक है नक भारत स्वच्छ
और स्वस््थ िीवि के रास्ते खुि रहे हैं। नवश्व स्वास्थ्य संग्ठि िे भी हो, स्वस््थ भी हो। इसके निए हमें नबंदेश्वर िी के प्यासचों को
भी कहा है नक स्वच्छ भारत नमशि की विह से देश में तीि िाख निरंतर आगे बढ़ािा होगा।
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िोगचों की मृत्यु होिे से रुकी है। इतिा ही िहीं, यनिसेि िे यहां तक स्वच्छ भारत से स्वस््थ भारत, स्वस््थ भारत से समरस भारत,
कहा है नक स्वच्छ भारत नमशि की विह से गरीबचों के हर साि समरस भारत से सशक्त भारत, सशक्त भारत से समृद्ध भारत की
50 हिार रुर्ये तक बच रहे हैं। अगर स्वच्छ भारत नमशि िहीं ये यात्रा, अमृतकाि की सबसे िीवंत यात्रा होगी। हां, इस यात्रा में
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होता तो इतिे ही रुर्ये गरीबचों को, गंदगी से होिे वािी बीमाररयचों के मुझे नबंदेश्वर िी की कमी बहुत महसस होगी। उन्हें एक बार निर
इिाि में खचवि करिे र्ड़ते। स्वच्छ भारत नमशि को इस ऊंचाई र्र नविम्र श्द्धांिनि। n
न््ययू इंडि्या समाचार 1-15 अक््टटूबर 2023 43