Page 8 - NIS Hindi Jul 16-31 2024
P. 8

व्यक्ति�ित्व  मां�शीी प्रेेमाचा�द


                                                  ु
                                             मांशुी प्रमार्चु� की रर्चु�ाओं मा
                                                             े
                                                                                                           ं
                                                                     ं
                                             गांांव, गांरीबा और निकसा�ं को



                                             निमालाी खाास जुगांह





                                             जन्मुं : 31 जलेाई 1880, मुंंत्यं : 8 अंक्टैूबर 1936
                                                      ु



             ‘कलेम के सिसपेाहोी’ के तौर पेर अंपेनाी पेहोचााना बनाानाे वालेे मुंशीी प्रेेमचांद भारत के बड़ीे सासिहोत्यकारं मं सिगनाे जाते हों।
              उनाके उपेन्यास और कहोासिनायं को दसिनाया भर मं पेसंद सिकया गया। आजादी के पेहोलेे भारत की होकीकत का जसा
                                             ु
                                                                                                             ै
               सिचात्राण प्रेेमचांद नाे अंपेनाी रचानााओं मं सिकया वसा सिकसी अंन्य लेेखक के सासिहोत्य मं कम होी देखनाे को सिमलेता होै।
                                                      ै
              उनाकी रचानााओं मं गांव, गरीब, समासिजक तानाे-बानाे, मसिहोलेा और सिकसानां को खास जगहो सिमलेती थाी। इतनाा होी
                नाहों जब-जब समाज को जरूरत पेड़ीी तब-तब मुंशीी प्रेेमचांद नाे अंपेनाी लेेखनाी से सिकया उनाका माग�दशी�ना�...


                                                                     ू
                                                         ु
                    त्तर प्रादेेश मं वाराणसीी के नि�कटी �महाी गांव मं 31 ��ाई   मं कदे र्पोड़े। उन्हां�े अर्पो�े �ीव�का� मं कुछ र्पोत्र-र्पोनित्रकाओं का
                    1880 को मुंशी प्राेमचादे का �न्म हाुआ था। बीचार्पो� मं   सीर्पोादे� भी निकया। उन्हां ‘उर्पोन्यासी सीम्राटी’ के �ाम सीे भी �ा�ा
                                     ं
                                                                   ं
             उ उ�का �ाम धा�र्पोती राय था। उ�के निर्पोतीा का �ाम अ�ायबी   �ातीा हाै। उ�की रचा�ाओं मं निवनिवधातीाओं का सीमावेश हाै।
            राय और मां का �ाम आ�देी देेवी था। मध्यमवगीय र्पोरिरवार मं �न्मे   सीा� 1933 मं प्राेमचादे की नि�खाी ईदेगाहा एक ऐसीी कहाा�ी हा  ै
                               ं
                                                                                    ं
                      ं
            प्राेमचादे के कधां र्पोर कम उम्र मं हाी बीहाती नि�म्मदेारी आ गई और वहा   नि�सीके बीारे मं शायदे सीभी �ोग �ा�तीे हां। इसी कहाा�ी का र्पोात्र एक
                                        ु
                                              े
                ं
            नि�ंदेगी भर आनिथिक सीमस्याओं सीे �ूझातीे रहाे। उन्हां�े कम उम्र सीे हाी   छोटीा बीच्चाा हाानिमदे हाै �ो म�े मं निमठाई खारीदे कर खाा�े की बी�ाय
                                                                                     े
                                                  ू
                                                           ं
            सीानिहात्य सी�� का काम शुरू कर निदेया था। र्पोहा�े उदे और नि�र निहादेी   देादेी के नि�ए निचामटीा खारीदेतीा हाै। नि�सीसीे उसीकी देादेी खाा�ा बी�ा
                                                  ि
                    ृ
                                                     ु
            मं �खा� निकया। उन्हां�े अर्पो�ी रचा�ाओं मं सीामानि�क करीनितीयं एवं   सीके और उ�का हााथ � ��े। 28 मई 2018 को उज्ज्व�ा यो��ा
                े
            सीामानि�क व्यवस्थाओं को उ�ागर कर�े के सीाथ हाी उसी र्पोर गहारा   के �ाभानिथयं के सीाथ सीवादे करतीे हाुए प्राधाा�मत्री �रद्री मोदेी �े यहाी
                                                                                                   ं
                                                                                                       ं
                                                                         ि
                                                                                   ं
                                                                        ु
            चाोटी निकया। कहाा �ातीा हाै निक कथा सीानिहात्य तीभी सीाथिक हाै �बी   कहाा�ी सी�ाई थी और कहाा था निक मं प्राेमचादे की कहाानि�यं मं एक
                                                                                                 ं
                                                                                             ु
                                                  ं
            उसीके र्पोात्र र्पोाठकं की स्मनिती मं सी�र करतीे हां। प्राेमचादे की रचा�ाओं   ईदेगाहा को कभी �हां भ� सीकतीा। मंशी प्राेमचादे की यहा कहाा�ी
                                                                                   ू
                               ृ
                                                                                                    ं
                                                                   ु
                                                े
            मं कुछ ऐसीा हाी भाव हाोतीा था तीभी वे ��निप्राय �खाक बी�े। उ�की   मझाे आ� भी प्राेरणा देेतीी हाै। उन्हां�े कहाा था निक मझाे �गतीा हाै निक
                                                                                                      ु
                      ु
                                                                                                      ं
            हार रचा�ा बीहामूल्य हाै �ो अर्पो�े सीमय की सीच्चााई को बीयां करतीी हां   अगर एक हाानिमदे कर सीकतीा हाै तीो देेश का प्राधाा�मत्री क्यं �हां कर
                                                                             ं
            और उ�की खाानिसीयती हाै निक वे आ� भी प्राासीनिगक हां।  सीकतीा हाै। प्राेमचादे के सी�� सीानिहाब्धित्यक सी�र का अदेा�ा इसी बीाती
                                            ं
                                                                                                       ं
                   ं
               प्राेमचादे �े सीरकारी सीवा करतीे हाुए कहाा�ी नि�खा�ा शुरू निकया   सीे �गाया �ा सीकतीा हाै निक देेश मं उज्ज्व�ा यो��ा के माध्यम सी  े
                               े
                                                                             ं
            था। तीबी वहा �वाबी राय के �ाम सीे नि�खातीे थे और उ�के चााचाा   गनिहानिणयं की नि�देगी को सीहा� बी�ा�े के महात्व र्पोर प्राकाश डा��े क  े
                                                                   ृ
            भी उ�को इसीी �ाम सीे बी�ातीे थे। आ�ादेी के आदेो�� के देौरा�   नि�ए र्पोीएम मोदेी �े उ�की कहाा�ी का हाी सीहाारा नि�या।
                                                 ं
                               ु
                                            ं
                                                                                                         ू
            उन्हां�े �वाबी राय के �ाम सीे हाी कहाा�ी सीग्राहा सीो�े वती� नि�खाा   प्राेमचांदे की खाासी कहाानि�यं मं शतीर� के निखा�ाड़ी, र्पोसी की राती,
                                                                                             ं
                     ं
            नि�सी र्पोर अग्रा�ं �े प्रानितीबीधा �गा निदेया था। इसीकी प्रानितीयां ��ा देी   बीड़े घार की बीेटीी और �मक का देारोगा शानिम� हाै। उन्हां�े गोदेा�
                      े
                               ं
                                                                                                                ि
                                                                                                   े
                                                                                                           ै
                                                                              ू
            गई और क�ेक्टीर �े आगे कुछ भी � नि�खा�े का आदेेश �ारी कर   के अ�ावा कमिभनिम, नि�मि�ा, रंगभनिम और सीवासीदे� �सीे चानिचाती
                                                                                           ू
            निदेया। इसीके बीादे उन्हां�े प्राेमचादे के �ाम सीे नि�खा�ा शुरू निकया।   उन्यासी भी नि�खाे। 8 अक्टीबीर 1936 को उ�का नि�धा� हाो गया।
                                   ं
                                                                                     ू
                                                                         ू
                                                        ं
            राष्ट्रीनिर्पोतीा महाात्मा गांधाी के आह्वाा� र्पोर 1921 मं असीहायोग आदेो��   नि�धा� सीे र्पोवि �बी प्राेमचांदे बीीमार रहाे तीबी भी कई रचा�ाओं र्पोर काम
                       ं
            के सीमय प्राेमचादे �े सीरकारी �ौकरी छोड़ देी और  स्वतींत्रतीा सींग्रााम   कर रहाे थे �ो अधारी रहा गईं। n
                                                                               ू
             6  न्यूू इंंडि�यूा समााचाार   16-31 जुुलााई, 2024
   3   4   5   6   7   8   9   10   11   12   13