Page 12 - NIS Hindi 01-15 November, 2024
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वर्षष


                         वोकलौ फॉॉर लौोकलौ क  े                            खनिशुयुां बांटने का संुख
                                                                             ु
                               आवरण कथाा
                                                                                       े
                                                                “केई गरीीब परिरीवारीं केे चुहीरीे परी आई मुस्केान
                                                                त्योहीारीं परी आपकेी खलिशयां दाोगना केरी दागी”
                                                                                    ु
                                                                                                     े
                                                                                             ु
        की हाै। इसूमंं प्रधाानमंंत्रीी मंोदेी की तरफ सूे प्रत्र्याेक अवंसूर और   अग�े केई हीफ्तीं तीके दाेश भारी मं त्योहीारीं केी रीौनके
                                                                                                    ु
        निवंशषा रूप सूे त्र्याोहाारं के मंौके पर निकर्याा जााने वंाला आह्वाान भाारत   हीोगी। परिरीवारी केे सभाी �ोग साथा जुटेंंगे। घरी खलिशयं से
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                                                                           े
                                                                                          ु
                                                   ं
        को निवंकनिसूत बनाने की क्राांनित का सूूत्रीपात हाै। प्रधाानमंंत्रीी नरद्री मंोदेी   भारी जाएगा। �लिकेन आसपास बहीती से ऐसे �ोग हीं, जो
                                                                              ु
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                                 ं
        के देृष्टिष्टकोणा सूे प्रेरिरत हाोकर, कद्री सूरकार ने राष्ट्रीीर्या हाथीकरघोा   इन त्योहीारीं केी खलिशयं से वलिचुती रीही जातीे हीं। इसी केो
                                                                           ं
                                                                            े
        निदेवंसू का आर्याोजान शुरू निकर्याा, र्याहा निदेवंसू पहाली बार 7 अ�स्त   लिचुरीाग ती�े अधारीा केहीतीे हीं। एके तीरीफ घरी रीौशनी से
                                            े
        2015 को मंनार्याा �र्याा। इसू नितनिथी का चर्यान निवंशषा रूप सूे स्वंदेेशी   जगमगातीे हीं तीो दाूसरीी तीरीफ उसी केे सामने केुछ �ोगं
                                                                           े
                                                                          ं
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        आदेोलन की र्याादे मंं निकर्याा �र्याा थीा। स्वंदेेशी आदेोलन 7 अ�स्त   केे घरीं मं अधारीा छाया रीहीतीा हीै। केुछ घरीं मं लिमठााईयां
                                            ं
                                े
        1905 को स्वंदेेशी उद्योो�ं, निवंशषा रूप सूे हाथीकरघोा बुनकरं को   खरीाब हीो रीहीी हीोतीी हीै तीो केुछ घरीं मं बच्चेे लिमठााई केो
        प्रोत्सूानिहात करने के निलए शुरू निकर्याा �र्याा थीा। राष्ट्रीीर्या हाथीकरघोा   तीरीसतीे हीं। केहीं आ�मारीी मं केपड़े रीखने केी जगही
                                                                                                  े
        निदेवंसू का उद्देेश्र्या भाारत के हाथीकरघोा कामं�ारं को सूम्मंानिनत-   नहीं हीोतीी तीो केहीं तीन ढकेने केी मुश्कि�के�। �लिकेन इन
                                                                                                    े
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                                                                                                   ं
        प्रोत्सूानिहात करना, हाथीकरघोा बुनकरं मंं सूम्मंान का भाावं जाा�ृत   त्योहीारीं केा अस�ी आनदा तीभाी हीै जब यही अधारीा छटेंे,
                                                                                ै
                                                                                            ु
        करना हाथीकरघोा क्षेेत्री के मंहात्वं और देेश के सूामंानिजाक-आनिथी�क   उलिजया�ा चुहीुंओरी फ�े। हीम वहीां खलिशयां बांटेंं जहीां
                                          ै
        निवंकासू के र्याो�देान के बारे मंं जाा�रूकता पदेा करना हाै। निकसूी   अभााव हीो औरी ये हीमारीा स्वभााव भाी हीो। हीमारीे घरीं मं
        भाी राष्ट्री के नवंनिनमंा�णा मंं जान-जान की भानिमंका मंहात्वंपणा� हाोती हाै   लिमठााई, केपड़ा औरी उपहीारी आए तीो एके प� उसे
                                                 ू
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                                                   ं
        और र्याहाी सूोच 2014 सूे सूमंाजा के सूभाी वं�ं को देेश के सूसूाधानं   जरूरीतीमदां तीके पहीुंचुाने केे बारीे मं भाी सोचुं। हीमारीे घरीं
                                                                                                   े
        मंं सूमंान भाा�ीदेारी सूुनिनष्टिश्चत करने के निलए कई देीघो�कानिलक   मं जो अलिधाकेतीा हीै लिजसकेो हीम केाम मं नहीं �तीे ऐसी
        र्याोजानाएं लेकर आई। इसूमंं वंोकल फॉर लोकल अनिभार्याान ने   चुीजं केो बाहीरी �ोगं मं जरूरी बांटेंं। अगरी हीम-आप
                                                                                                े
        देशकं तक सूदेूर क्षेेत्रीं मंं रहाने वंाले आनिदेवंासूी सूमंदेार्या तक के   ऐसा केरीतीे हीं तीो केई गरीीब परिरीवारीं केे चुहीरीे परी आई
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                                         ं
        जाीवंन और उत्पादें को नई पहाचान देी। कद्री सूरकार के प्रर्याासूं   मुस्केान त्योहीारीं परी आपकेी खलिशयां दाोगना केरी दागी,
                                                                        े
        का हाी परिरणाामं हाै निक आत्मंनिनभा�रता-ऑक्सूफो�ड नि�क्शनरी का   आपकेा चुहीरीा चुमकेेगा, आपकेा दाीया औरी प्रकेाशमान
                  ं
        2020 का निहादेी शब्दे बन �र्याा थीा।                    हीो जाएगा, आपकेी लिदावा�ी औरी रीौशन हीो जाएगी।
        आत्मतिनभनरो बुनने को आ�रो रोाष्ट्र                        यही त्योहीारी केी केहीानी नहीं, बश्कि�के प्रधाानमंत्रीी नरींद्र
                                ु
                                                                                          ू
                                                                मोदाी ने इन्हीं शब्दां ने केुछ वषग पवग लिदावा�ी से पही�े मन
                             ू
        सूनिदेर्यां सूे भाारत का �ौरवंपणा� इनितहाासू रहाा हाै। भाारत जाब सूमंृद्ध   केी बाती केायगक्रीम मं दाेश केो प्रेरिरीती लिकेया थाा। खलिशयां
                                                                                                    ु
        थीा,  सूोने  की  निचनिड़ार्याा  कहाा  जााता  थीा,  तब  भाी  सूदेा  निवंश्वं  के   बांटेंने केा सुखदा एहीसास त्योहीारीं मं औरी बढ़ जातीा
                                                 ु
        कल्र्यााणा की राहा पर हाी चला। वंक्त बदेल �र्याा, देेश �लामंी की   हीै। उनकेे इस तीरीही केे लिनरीतीरी आह्वाान मं दाेश ने हीमशा
                                                                                     ं
                                                                                                        े
        जाजाीरं मंं जाकड़ा �र्याा, निवंकासू के निलए तरसूना पड़ाा लनिकन आजा   बढ़-चुढ़केरी लिहीस्सा लि�या भाी हीै। लिजसकेी लिमसा� हीै लिके
          ं
                                                े
        भाारत निवंकासू की ओर सूफलतापवं�क कदेमं बढ़ाा रहाा हाै, तब भाी   �ोग भाारीती केे लिवकेास मं भाागीदाारी बनने �गे�।
                                 ू
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        उसूकी आत्मंा मंं वंसूधावं कटं�बकम् की भाावंना हाै। र्याहाी वंजाहा हाै
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                             ु
        निक त्र्याोहाारं के सूमंर्या निबकने वंाले निमंट्‌ टी के पारंपरिरक उत्पादें
        को बनाने मंं कद्री सूरकार खदे सूामंने आई हाै। इसू निदेवंाली भाी
                              ु
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                                    े
        निमंट्‌ टी का देीर्याा, सूजाावंट के निलए इस्तमंाल हाोने वंाले अन्र्या निमंट्‌ टी
                                                     ू
        के उत्पादे, उपहाार सूामंग्राी और भा�वंान लक्ष्मंी-�णाेश की मंनित�र्याां
                                          ै
        बनाने के निलए खादेी ग्राामंोद्योो� आर्याो� बड़ाे पमंाने पर आ�े आर्याा
        हाै। इसूके निलए सू�निठत तौर सूे देीर्याा और भा�वंान लक्ष्मंी-�णाेश
                     ं
         10 10  न्युू इनिडीयुा संमाचाार   1-15 नवंबर, 2024
               ं
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