Page 15 - NIS Hindi 01-15 November, 2024
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रक्षाा क्षाेत्र मं रिरकॉडीड उत्पाादेन


        ‘आत्मंकिनभाषरेंता’ हैंाकिसला कोरेंने औरें ‘वोकोला फॉरें लाोकोला’
               े
        कोा मंंत्री लाकोरें आगुे बढ़ रेंहैंी कोंद्र सरेंकोारें ने रेंक्षेा क्षेेत्री मंं भाी
        स्वदीशाीकोरेंर्ण परें खूब कोामं किकोया हैंै। वर्षष 2022-23 कोे 1.09
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        लााख कोरेंोड़ा रुपये कोे मंकोाबलाे 2023-24 मंं 1.27 लााख कोरेंोड़ा
        रुपये कोा रिरेंकोॉडट रेंक्षेा उत्पादीन किकोया गुया हैंै। इसमंं 79.2
                                                                        ं
        फीसदीी डीपीएसयू या अन्य पीएसयू तो 20.8 फीसदीी कोा        प्रधाानमत्राी नरंद्र मोदीी ने त्योहोारं �े मौसेम
        योगुदीान किनजी क्षेेत्री कोा हैंै। इसी तरेंहैं रेंक्षेा क्षेेत्री कोा किनयात जहैंां   मं '�ो�लौ फूॉर लौो�लौ' अकिभयान �े तहोत
                                              ष
        2022-23 मंं 15,920 कोरेंोड़ा रुपये था जो 2023-24 मंं 32.5 फीसदीी   दीेश�ाकिसेयं सेे 'म� इन इकि�या' और स्र्थाानीय
                                                                                े
                                                                                       ं
        वकिद्ध कोे साथ बढ़कोरें 21,083 कोरेंोड़ा रुपये हैंो गुया हैंै। इतना हैंी
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        नहैंं किपछलाे पां� वर्षष मंं रेंक्षेा क्षेेत्री कोे उत्पादीन मंं 60 फीसदीी से   उत्पोादी खोंरीदीने �ी अपोीलौ �ी र्थाी। इसे�ा लौोगं
        अकिधाको कोी वकिद्ध हैंुई हैंै। स्वदीशाी रेंक्षेा वस्तुओं कोो बढ़ावा दीने   पोर �ाफूी अच्छा प्रभा� पोड़ाा होै। उन�ी अपोीलौ
                 ृ
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        कोे किलाए दीशा मंं उद्योोगुं कोो 36 हैंजारें से अकिधाको वस्तुओं कोी   �ा होी नतीजा होै कि� होर सेालौ गांधाी जयती पोर
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        पशाकोशा कोी गुई थी किजसमंं से 12 हैंजारें से अकिधाको वस्तुओं कोा   खोंादीी और ग्रेामोद्योोग उत्पोादीं �ी किबक्री �ा नया
            े
        स्वदीशाीकोरेंर्ण किकोया जा �कोा हैंै।                  रिर�ॉ�ड बना होै। यहो दीशा�ता होै कि� 'चारखोंा क्रांकित'
                          ु
                                                                                           ं
                                                                अब 'कि��किसेत भारत �ी गारटी' बन गई होै।
                                                                        ु
                                                              - मनोज �मार, अध्यक्षी, खोंादीी ए�ं ग्रेामोद्योोग आयोग

                                                                               े
                                                             स्वंदेेशी वंंदेे भाारत एक्सूप्रसू, निवंमंान वंाहाक पोत, वंैक्सूीन, निखलौने
                                                             जासूे अनेक उत्पादे भाारत मंं बन रहाे हां और निवंश्वं पटल पर छा जााने
                                                               ै
                                                                     ै
                                                                                   ं
                                                             के निलए तर्याार हां। मंेक इन इनि�र्याा के तहात बने उत्पादे न कवंल
                                                                                                          े
                                                                        ू
                                                             भाारत, बष्टिल्क परे निवंश्वं मंं देेश की �रिरमंा को बढ़ाा रहाे हां।
                                                               कद्री सूरकार 2014 सूे हाी ‘वंोकल फॉर लोकल’ अनिभार्याान की
                                                                 ं
                                                             निदेशा मंं कामं कर रहाी हाै तानिक स्थीानीर्या उत्पादें को बढ़ाावंा निमंले।
                                                             सूरकार ल�ातार अपनी नीनितर्यां को इसू तरहा सूे अंजाामं देे रहाी हाै
                                                             निक आमं लो� स्थीानीर्या स्तर पर हाी उत्पादे खरीदेे। र्याानी जारूरत

                                                             की जाो चीजां �ांवं मंं निमंलती हां, उसूके निलए तहासूील मंं जााने की
                                                             जारूरत नहां हाो और जाो चीजां तहासूील मंं उपलब्धा हां उसूके निलए
                                                             निजाले के बाजाार मंं जााने की जारूरत नहां हाो। इसूी को ध्र्याान मंं
          रीक्षाा उत्पादान केरीोड़ रुपये म ं
                                                                                           ू
                                                             रखते हाुए प्रधाानमंंत्रीी मंोदेी ने कुछ वंषा� पवं� मंन की बात कार्या�क्रामं
                                                             मंं कहाा थीा, “उत्सूवं हामं सूबके जाीवंन मंं एक नई चेतना को जा�ाने
                                                             वंाला पवं� हाोता हाै और निदेवंाली मंं तो खासूतौर पर कुछ-न-कुछ
                                                                                                          े
                                                             नर्याा खरीदेना, बाजाार सूे कुछ लाना हार परिरवंार मंं हाोता हाै। लनिकन
               79,071  84,643  94,845   1,08,684  1,26,887   निजातना ज्र्याादेा हामं अपने स्थीानीर्या चीजां को खरीदेने का प्रर्याासू
                                                                ं
                                                                                      े
                                                             कर�ं, उतना हाी अच्छा हाो�ा। मंरा तो आग्राहा रहाता हाै निक हामंारे
                                                             बुनकरं के हााथी सूे बना हाुआ, हामंारे खादेी वंालं के हााथी सूे बना
          2019-20  2020-21  2021-22 2022-23    2023-24       हाुआ, कुछ-न-कुछ तो हामंं खरीदेना हाी चानिहाए।”


                                                                                    न्युू इनिडीयुा संमाचाार   1-15 नवंबर, 2024 13
                                                                                       ं
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