Page 30 - NIS Hindi 01-15 November, 2024
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कद्रीयु मनित्रमडीलौ के निनणषयु
मराठीी, पाालौी संनिहात
पाांचा भाार्षा को
'शास्त्ीय �ाषाा'
केा दीजा�
माराठीी, पालीी, प्राकेती, अंसभिमाया और बीांग्लीा �ाषााओं केो केंद्रीीय माभित्रीमांडली ने ‘शास्त्रीीय �ाषाा’ केा दजा�
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दकेर केद्री सरकेार केे सांस्केभितीके भिवारासतीं केे सकेल्प केी केभि�बीद्धतीा केो दशा�या है। माराठीी, पालीी और
प्राकेती हमाारी भिवास्तीती इभितीहास, दश�न, अंध्यात्मा एवां हजारं वाषा� परानी ज्ञाान परंपरा केी �ाषााएं हं। इस भिनण�य
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से इन �ाषााओं केे अंध्ययन और अंनसंधाान केो और �ी गौभिती भिमालीगौी। यह �ाषााएं एके बीार भिफॉर भिवा�वा
�ाषाा केी प्रभितीष्ठीा प्राप्ती केर �ारतीीय ज्ञाान परंपरा केो दभिनया �र मां लीे जाने केा मााध्यमा बीनगौी। साथा ही,
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केंद्रीीय माभित्रीमांडली ने जन केल्याण से जड़े केई अंन्य प्रस्तीावां केो �ी दी माजरी�...
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प्र धाानमंंत्रीी नरद्री मंोदेी के नतृत्वं मंं कद्री सूरकार भाारत के शास्त्रीीर्या भााषााओं की सूंख्र्याा अब 11 हाो जााए�ी। ं
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भानिवंष्र्या की पीनिढ़ार्यां के निलए इन भााषााओं को सूंरनिक्षेत करके, कद्री
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सूमंृद्ध इनितहाासू एवंं सूंस्कनित को सूजाोती हाै और उसूका
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जाश्न मंनाती हाै। सूाथी हाी, क्षेेत्रीीर्या भााषााओं को लोकनिप्रर्या
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लक्ष्र्या के अनुरूप सूास्कनितक आत्मंनिनभा�रता और राष्ट्रीीर्या एकीकरणा
बनाने की अपनी प्रनितबद्धता पर भाी अनि�� रहाी हाै। सूरकार आत्मंनिनभा�र भाारत और सूास्कनितक रूप सूे सूमंृद्ध भाारत क े
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इसूी प्रनितबद्धता के तहात प्रधाानमंंत्रीी नरद्री मंोदेी की अध्र्याक्षेता मंं के व्र्याापक देृष्टिष्टकोणा को सूदेढ़ा कर रहाी हाै। एक सूाथी पाच भााषााओं
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कंद्रीीर्या मंंनित्रीमंं�ल ने 3 अक्टूबर, 2024 को मंराठी, पाली, प्राकृत, को शास्त्रीीर्या भााषाा का देजाा� देने के फसूले सूे अकादेनिमंक और शोधा
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असूनिमंर्याा और ब�ाली भााषााओं को शास्त्रीीर्या भााषाा का देजाा� देेने वंाले के अवंसूरं को बढ़ाावंा निमंलने, वंष्टिश्वंक सूहार्याो� को बढ़ााने के सूाथी हाी
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प्रस्तावं को मंंजारी देी हाै। र्याे सूभाी भााषााएं हामंारी जाीवंंत निवंनिवंधाता को देेश की सूास्कनितक और आनिथी�क वंनिद्ध मंं र्याो�देान निमंलने की उम्मंीदे
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उजाा�र करती हां। भाारत की सूांस्कनितक और बौनिद्धक निवंरासूत को हाै। र्याहा पहाल भाारत की बौनिद्धक और सूास्कनितक पहाचान के निलए
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आकार देेने मंं इन भााषााओं की अमंूल्र्या भानिमंका रहाी हाै। छहा भाारतीर्या आवंश्र्याक हां। इसूके अलावंा, इन भााषााओं के बोलने वंालं मंं �वं� और
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भााषााओं, सूंस्कृत, तनिमंल, तल�ु, कन्नड़ा, मंलर्याालमं और ओनि�र्याा स्वंानिमंत्वं की भाावंना पदेा हाो�ी। सूाथी हाी इन भााषााओं मंं प्राचीन ग्राथीं
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को पहाले शास्त्रीीर्या भााषाा का देजाा� निदेर्याा �र्याा थीा। इसू प्रकार देेश मंं के सूंरक्षेणा, देस्तावंजाीकरणा और नि�निजाटलीकरणा सूे सूग्राहा, अनवंादे,
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28 न्यूू इंंडि�यूा समााचाार 1-15 नवंंबर, 2024