Page 26 - NIS Hindi 01-15 November, 2024
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     रोाष्ट्र प्रधानमत्रुी की दाीपा�ली




        जाहाां देेशु की संना, वो जागहा मनिदेर संे कम नहां        हीर कााम देेशी
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        पवं� वंहां हाोता हाै, जाहाा परिरवंार हाोता हाै। पवं� के निदेन अपने परिरवंार सू  े
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        देूर सूीमंा पर तनात रहाना, र्याे अपने आप मंं कत�व्र्यानिनष्ठा का अप्रनितमं
        उदेाहारणा हाै। 140 करोड़ा देेशवंानिसूर्यां को अपना परिरवंार मंानने वंाल  े  काे नाम�...
        ऊजाा� सूे भारपूर भाारतीर्या सूना के उत्सूाहा मंं निदेवंाली के अवंसूर पर भाी
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        कोई कमंी नहां रहाती। राष्ट्री उनका कृतज्ञा और ऋ णाी हाै। निदेवंाली पर हार
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        घोर मंं एक देीर्याा उनकी सूलामंती के निलए भाी प्रज्ज्वंनिलत हाोता हाै। हार   सना केे जवाानं केे साथा
        पूजाा मंं एक प्राथी�ना इन वंीरं के निलए भाी हाोती हाै। प्रधाानमंंत्रीी नरद्री मंोदेी   उत्सवा, प्रधाानमांत्रीी माोदी
                                                   ं
        जाब प्रधाानमंंत्रीी र्याा मंुख्र्यामंंत्रीी नहां भाी थीे तब भाी वंहा �वं� सूे भारे भाारत की
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        सूतान के नाते देीपावंली पर निकसूी न निकसूी बॉ�डर पर जारूर जााते थीे।  केा दीपोत्सवा

        हार निदेवालौी देेशु के जावानं के संंग                    प्रधाानमांत्रीी नरद्री माोदी ने 2014 केे बीाद
                                                                               ं
        सूरकार के मंनिखर्याा के तौर पर सूावं�जानिनक जाीवंन मंं 23 सूाल की कड़ाी   केहां और केसे मानाई दीपावालीी, आइए
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                                                                              ै
        मंहानत और सूंकल्प की ल�ातार निसूनिद्ध, �रीब-वंनिचतं का कल्र्यााणा और   डालीतीे हं एके नजर...
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        देेश का निवंकासू प्रधाानमंंत्रीी मंोदेी का लक्ष्र्या रहाा हाै। उन्हांने सूाल 2001
        मंं 7 अक्टूबर को सूावं�जानिनक जाीवंन मंं एक मंुख्र्यामंंत्रीी के तौर पर शपथी
        ली थीी और वंहा र्याात्रीा सूाल 2014 मंं कद्री सूरकार तक पहाच �ई। इसू   12 नवंंबर 2023
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        वंषा� जाब राष्ट्री देीपोत्सूवं मंना रहाा हाै, तब 23 वंषां के अटूट सूमंप�णा,
        276 मंहाीने सूे अनिधाक की निनस्वंाथी� सूवंा, 8,426 निदेनं सूे अनिधाक की
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        राष्ट्रीीर्या जाा�नित और 2 लाख सूे अनिधाक घोटं की राष्ट्री सूवंा के सूाथी,
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        प्रधाानमंंत्रीी नरद्री मंोदेी की अजाेर्या र्याात्रीा भाारत की निनर्यानित को अनवंरत
        आकार देे रहाी हाै। देीपावंली के अवंसूर पर हार निकसूी का मंन करता हा  ै
        निक वंहा त्र्याोहाार अपने परिरवंार के लो�ं के बीच मंं मंनाए। पीएमं मंोदेी
        का भाी मंन करता हाै निक वंहा अपने परिरवंारजानं के बीच मंं मंनाएं और
        इसूीनिलए हार देीपावंली को अपने परिरवंारजानं के बीच मंं त्र्याोहाार मंनान  े
        आ जााते हां क्र्यांनिक सूशस्त्री बल उनके परिरवंारजान हां और वंहा उनक  े
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        परिरवंार के सूाथीी। जाब वंहा देीपावंली के त्र्याोहाार पर वंहाा पहाचते हां तो
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        पीएमं के रूप मंं नहां बष्टिल्क परिरवंार के एक सूदेस्र्या के रूप मंं आते हां।
        उन सूभाी के बीच मंं आकर, जाो भाावं अपने परिरवंार के बीच जााकर हाोता
        हाै, वंहाी भाावं उसूके मंन मंं हाोता हाै। पीएमं हार देीपावंली देेश के सूशस्त्री
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        बलं के सूाथी ऐसूे मंनाते हां जासूे वंो अपने परिरवंार के सूाथी मंना रहाे हां।
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          निन:सूंदेेहा, प्रधाानमंंत्रीी नरद्री मंोदेी ने अपनी निवंनिशष्ट कार्या�शली सूे   प्रधाानमंंत्रीी नरेंंद्र मंोदीी ने यहैं किदीवालाी किहैंमंा�ला प्रदीशा कोे लाेप्�ा
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        र्याोजाना और नीनितर्यां को नर्याा रूप निदेर्याा हाै तो त्र्याोहाारं को भाी नर्याा   मंं बहैंादीरें जवानं कोे साथ मंनाई। जहैंां उन्हैंंने कोहैंा किको
                                                                                                          े
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        प्रनितमंान बना निदेर्याा हाै, निजासूसूे सूमंाजा का हार वं�� एक निवंशषा जाुड़ाावं   भाारेंतीय सरेंक्षेा बला जब तको सीमंाओं परें सजगु खड़ाे हैंं, दीशा
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                                                                   े
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        मंहासूूसू करने ल�ता हाै। पीएमं के रूप मंं नरद्री मंोदेी ने अभाी तक   बहैंतरें भाकिवष्य कोे किलाए जी-जान से जटूा हैंुआ हैंै। आज अगुरें
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                                                                            ू
                                                                  भाारेंत अपनी परेंी ताकोत से किवकोास कोी अनंत ऊंं�ाइयं कोो
                                    ं
        ल�ातार 10 बार देेश के जावंानं के सू� निदेवंाली मंनाई हाै। उन्हांने   छू रेंहैंा हैंै तो उसकोा श्रेय सना कोे सामंथ्यष, उनकोे सकोल्प औरें
                                                                                                    ं
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        प्रधाानमंंत्रीी के तौर पर देेश की सूवंा की हाै और आजा अमंृतकाल मंं देेश   बकिलादीानं कोो भाी जाता हैंै।
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        निवंकासू की छलां� ल�ाने को अग्रासूर हाै।
         24  न्यूू इंंडि�यूा समााचाार   1-15 नवंंबर, 2024
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