Page 14 - NIS Hindi 1-15 September 24
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आवेंरणी �थेा


        40 करोड़ �े सिदेलााई आजीादेी


        140 करोड़ �ागारिरक

                 ं
        ब�ाएगाे भाारतं को �मेंृद्ध


        लााला कि�लाे �ी प्रााचीीर सेे लागााताार अपनेे 11वींं
          ं
        सेबाोधाने मंं प्राधाानेमंंत्रीी नेरंद्र मंोदीी नेे जहां ए� ओर
        स्वींाधाीनेताा सेेनेाकिनेयां और उसे सेमंया �े नेागारिर�ं �ो

        नेमंने कि�याा, वींहं दीसेरी ओर वींता�मंाने मंं राष्ट्र प्राथमं
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        �ी भावींनेा सेे दीेश �ो सेमंृद्ध बानेानेे मंं जटे 140
                                                 ं
        �रोड़ नेागारिर�ं �े सेामंर्थ्या�-किनेष्ठाा और लाो�तात्री �े
        प्राकिता श्रद्धा �ो बाताायाा किवींश्वीं �े किलाए प्राेर��...



        n   आज वोो शुुभ घड़ीी हैै, जब हैम देेशु केे लि�ए मर-लिमटनेे वोा�े, देेशु केी
           आजादेी केे लि�ए अपनेा जीवोने समलिपित केरनेे और आजीवोने संघर्ष  ि
           केरनेे वोा�े, फांांसी केे तख्ते पर चढ़ केर भारत मां केी जय केे नेारे
           �गाानेे वोा�े अनेलिगानेत आजादेी केे देीवोानें केो नेमने केरते हैं। यहै
           उनेकेा पुण्य स्मरण केरनेे केा पवोि हैै।
                                                                                    ू
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        n   आज जो राष्ट्र रक्षाा और राष्ट्र लिनेमाण केे लि�ए परी �गाने से, परी प्रलितबद्धता   हमंारे पवीं�ज, किजने�ा खने हमंारी रगां मंं है, आज हमं ताो
                                                                                                     े
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                                 े
           केे साथ देशु केी रक्षाा भी केर रहैे हैं, देशु केो नेई ऊंंचाई पर �े जानेे केा प्रयास   140 �रोड़ हं। अगार 40 �रोड़ गाुलाामंी �ी बाकिड़यां �ो
                                                                                                           ू
           केर रहैे हैं। चाहैे वोो हैमारा लिकेसाने हैो, हैमारे जवोाने हैं, नेौजवोानें केा हैंस�ा   ताोड़ से�ताे हं, अगार 40 �रोड़ आजादीी �े सेपनेे �ो पण�
           हैो, हैमारी माता-बहैनें केा योगादेाने हैो, देलि�त-पीलिड़ीत-शुोलिर्षत या वोंलिचत हैं अब   �र से�ताे हं, आजादीी लाे से�ताे हं ताो 140 �रोड़ दीेश �े
                                                                             े
           हैम �ोगां केे बीच भी स्वोतंत्रता केे प्रलित उसकेी लिनेष्ठाा, �ोकेतंत्र केे प्रलित उसकेी   मंरे नेागारिर�, मंरे परिरवींारजने अगार से�ल्प लाे �र चीला
                                                                   े
                                                                                              ं
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                                                   ू
           श्रद्धा यहै परे लिवोश्वो केे लि�ए एके प्रेरके घटनेा हैै। मं सभी केो आदेरपवोिके   पड़ताे हं, ए� किदीशा किनेधाा�रिरता �र, �दीमं सेे �दीमं और �धाे
                                                                                                           ं
           नेमने केरता हैू। ं                                   सेे �ंधाा किमंलाा�र अगार चीला पड़ताे हं ताो चीनेौकितायाां कि�तानेी
                                                                                                 ु
                                           ै
        n   हैम जरा आजादेी केे पहै�े केे वोो लिदेने यादे केरं, सकेड़ीं सा� केी   भी �यां ने हं, अभावीं �ी मंात्रीा कि�तानेी ही ताीव्र �यां ने हो,
                                                                                                        ु
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           गा�ामी मं हैर केा�खंंड संघर्ष केा रहैा। यवोा, बजगाि, लिकेसाने, मलिहै�ा,   सेसेाधानें �े किलाए जूझनेे �ी नेौबाता हो ताो भी, हर चीनेौताी
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           आलिदेवोासी, वोे गा�ामी केे लिखं�ाफां अलिवोरत जगा �ड़ीते रहैे। 1857 केे   �ो पार �रताे हुए हमं सेमंृद्ध भारता बानेा से�ताे हं।
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           स्वोतंत्रता संग्रााम से पवोि भी हैमारे देेशु केे केई आलिदेवोासी क्षाेत्र थे, जहैां
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           आजादेी केी जगा �ड़ीी जाती थी।
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        n   गा�ामी केा इतनेा �बा केा�खंंड, जुल्मी शुासके, अपरपार यातनेाएं, सामान्य   n   हैम 2047 लिवोकेलिसत भारत केा �क्ष्य प्राप्त केर सकेते हैं। अगार 40 केरोड़ी
           से सामान्य मानेवोीयं केा लिवोश्वोास तोड़ीनेे केी हैर तरकेीबं, उसकेे बावोजूदे भी,   देशुवोासी अपनेे पुरुर्षाथि, अपनेे समपिण, अपनेे त्यागा और बलि�देाने स  े
                                                                 े
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           उस समय केी जनेसंख्या केे लिहैसाब से 40 केरोड़ी देशुवोालिसयं नेे वोो जज्बा   आजादेी देे सकेते हैं, आजादे भारत बनेा सकेते हैं तो 140 केरोड़ी देशुवोासी
                                   ं
           और सामर्थ्यि लिदेखंाया, एके सपनेा और सकेल्प �े केर च�ते रहैे, एके हैी   उसी भावो से समृद्ध भारत भी बनेा सकेते हैं।
           स्वोर था वोंदेे मातरम्, एके हैी सपनेा था भारत केी आजादेी केा।
                                                                               े
                                                             n   एके समय था जब �ोगा देशु केे लि�ए मरनेे केे लि�ए प्रलितबद्ध थे और आजादेी
                                                                               े
                                                                                                         े
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        n   हैमं गावोि हैै केी हैमारी रगां मं उन्हैं केा खंूने हैै। वोो हैमारे पवोिज थे। 40 केरोड़ी   लिम�ी। आज ये समय हैै देशु केे लि�ए जीनेे केी प्रलितबद्धता केा। अगार देशु केे
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           �ोगां नेे देलिनेया केी महैासत्ताा केो उखंाड़ी केरकेे फांके लिदेया था, गाु�ामी केी   लि�ए मरनेे केी प्रलितबद्धता आजादेी लिदे�ा सकेती हैै तो देशु केे लि�ए जीनेे केी
                                                                                                े
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           जजीरं केो तोड़ी लिदेया था।                           प्रलितबद्धता समृद्ध भारत भी बनेा सकेती हैै।
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         12  न्यूू इंंडि�यूा समााचाार   1-15 डिसतंंबर, 2024
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