Page 13 - NIS Hindi 1-15 September 24
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आवेंरणी �थेा
उसीे सीाकार कर�े मं कोई कसीर �हां छो�ी।
देरअसी�, निकसीी भाी सीुधाार के नि�ए सीाहासी की �रूर� हाो�ी हाै,
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और �हाां सीाहासी हाो�ा हाै, वहां �ई सींभााव�ाएं �न्म ��ी हां। देेश का
निवकासी �भाी हाो सीक�ा हाै, �बी �ीय� सीा� हाो, �ीनि� सीहाी हाो, देेश
मं सीाथिक र्पोरिरव�ि� �ा�े के नि�ए उर्पोयक् � �ीनि� हाो। इसीी देल्किष्टीकोण
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के कारण आ� भाार� मं �व नि�माण की क्रांनि� चा� रहाी हाै। यो��ा
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को यथाथि सीे, �ीनि� को नि�माण सीे, इच्छाशल्किक्� को निक्रयाशल्किक्�
सीे, सींकल्र्पो को निसीनिद्ध सीे �ो��े की र्पोरिरव�ि�कारी र्पोहा� हाो रहाी
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हाै। �ा� निक�े सीे अर्पो�े सीबीोधा� मं प्राधाा�मत्री मोदेी �े यवाओं के
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सीामथ्यि सीे निवश्व को �ई निदेशा देे�े, निवश्व मंग� की काम�ा, �ेष्ठ
भाार� के सींकल्र्पो को सीाकार कर�े, क्षत्रीय आकांक्षाओं को अवसीर
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देेकर मखुर आवा� बी��े और अर्पो�े �ीसीरे कायिका� मं हाी भाार�
की अथिव्यवस्था को देुनि�या की �ी� बी�ी अथिव्यवस्थाओं मं
शानिम� करा�े का सींकल्र्पो देोहाराया।
सीहाी अथं मं �बी युग बीदे��े वा�े र्पोरिरव�ि� हाो�े हां, �ो वो
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अर्पो�ा सीमय ��े हां। बीी�े 10 वषां मं भाार� की निवकासी यात्रा �े
भाव्य भाार� के नि�ए म�बी� आधाारस्�भा �यार कर निदेया हाै और
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हार भाार�ीय को उसीके सीामथ्यि, र्पोराक्रम, ओ�ल्किस्व�ा, र्पोुरुषााथि 11 काे अंंका काा हैै ति�शेेष माहैत्�
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या�ी भाार�ीय�ा सीे र्पोरिरनिचा� कराया हाै। आ� भाार� भाी �सीे-�ैसीे 11 का अंक माया, सीमेरिरय�, बीेबीी�ो�, निमस्र की सीभ्य�ा मं शल्किक्�
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म�बी� हाो रहाा हाै, भाार� की र्पोहाचाा� और र्पोरर्पोराओं मं भाी देुनि�या का प्रा�ीक मा�ा �ा�ा था। इसी अंक को अंक ज्योनि�षा मं कानिमिक
की निदे�चास्र्पोी बीढ़ा रहाी हाै। भाार� के भानिवष्य को गढ़ा�े का ‘सीबीका अंक मा�ा �ा�ा हाै �ो र्पोनिवत्र�ा और �ई शुरुआ� का प्रा�ीक मा�ा
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प्रायासी’ एक �ए भाार� की �ंव का नि�माण कर रहाा हाै �ानिक 2047 �ा�ा हाै। 11 का अंक ज्योनि�षा की देुनि�या मं दे�िभा मा�ा �ा�ा हाै,
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मं सीबीका सीर्पो�ा, सीबीका सींकल् र्पो यहाी हाो निक �बी देेश आ�ादेी के �बी भाी यहा �बीर आ�ा हाै, �ोग अक्सीर इसीे महाा� शल्किक्� के सीक�
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100 सीा� म�ाए, 2047 मं देेश निवकनिसी� भाार� हाोकर उभारे। के रूर्पो मं देेखु�े हां। यहा अंक देसीरं के प्रानि� अ�ज्ञााि� और करूणा
की प्राबी� भााव�ा को देशि�ा हाै। यहा भानिवष्य के प्रानि� आशावादेी हाो�े
पीएमा माोदीी काे नाामा एका और माील काा पत्थर का अंक हाै। आम बी�टी मं भाी 11 के अंक को निवशषा महात्व निदेया
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प्राधाा�मत्री मोदेी �गा�ार 11वं बीार �ा�निक�े की प्रााचाीर सी े गया हाै। बी�टी मं इसी बीार 11 �ाखु 11 हा�ार 111 करो� रुर्पोये
सीबीोधा� कर �या इनि�हाासी रचाा हाै। इसीसीे र्पोहा�े प्राधाा�मत्री र्पोूं�ीग� व्यय के नि�ए रखुे गए हां। यहा अंक निवषाम सींख्या हाै, �ो
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इनिदेरा गांधाी �े अर्पो�े र्पोहा�े के कायिका� (��वरी 24, 1966 अकाट्य हाै, ल्किस्थर हाै।
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- माचाि 24, 1977) मं 11 बीार �गा�ार ऐसीा निकया था। नि�ल्किश्चा� रूर्पो सीे �ए रास्�ं र्पोर चा�कर हाी �ए प्रानि�मा� गढ़ाे
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�निक� यहा देौर था �बी देेश मं आर्पोा�का� �गाई गई थी और �ा�े हां। आ� �या भाार�, �ए �क्ष्य �य कर रहाा हाै, �ए रास्�े गढ़ा
�ागरिरकं के अनिधाकार को छी��े हाुए �ोकसीभाा का कायिका� रहाा हाै। �या �ोश हाै, �ई उमंग हाै। �या सी�र हाै, �ई सीोचा हाै।
बीढ़ाा निदेया गया था। नि�र उसीके बीादे हाुए चा�ाव मं �ई सीरकार निदेशा �ई हाै, देल्किष्टी �ई हाै। सींकल्र्पो �या हाै, निवश्वासी �या हाै। एक
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आ गई थी। �निक� प्राधाा�मत्री मोदेी, र्पोनिड� �हारू (भाार� के बीार नि�र र्पोरा निवश्व, भाार� को, भाार� के सींकल्र्पो की देढ़ा�ा को,
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प्राथम प्राधाा�मत्री) के बीादे देेश के ऐसीे देसीरे प्राधाा�मत्री बी� गए भाार�वानिसीयं की प्राखुर�ा को, भाार�ीय ��शल्किक्� की नि��ीनिवषाा
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हां, �ो �गा�ार �ीसीरी बीार प्राधाा�मत्री बी�े हां और यहा उ�के को, आदेर और उम्मीदे के भााव सीे देेखु रहाा हाै।
�ीसीरे कायिका� मं र्पोहा�ा और 11वं बीार नि�रगा �हाराया हाै। इसंलिलए आइए 11 लिवेषयों मुं जाानताे हं लिका प्रधाानमुत्राी नरंद्र
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इसीसीे र्पोहा�े यहा उर्पो�ल्किब्धा केव� देेश के र्पोहा�े प्राधाा�मत्री रहा े मुोदी काे लगेाताार 11वें बार लाल लिकाले काी प्राचाीर संे संंबोधान
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र्पों. �वाहार �ा� �हारू के �ाम हाै। ने लिकासं तारह राष्ट्र काे संंका�पं काा मुागे� प्रशस्ता लिकायोा है�...
न्यूू इंंडि�यूा समााचाार 1-15 डिसतंंबर, 2024 11