Page 50 - NIS Hindi 1-15 September 24
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राष्ट्र  कातिष अंथषशेास्त्स्त्रयं काा अंं�रराष्ट्रीय सम्माेलना
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                   वक्तिश्वक खाद्या और पोर्षणी �ुरक्षा
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                       का �मेंाधा� कर रहैा भाारतं





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          ए� समंय थेा जब भारतं �ी खााद्य सुरक्षेा �दिनया �े दिलाए दिचीतंा �ा दिवेंषय थेी जबदि� आज भारतं वेंष्टिश्वें� खााद्य
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           और पोषणी सुरक्षेा �े दिलाए समंाधाान �े रहेा हेै। 65 वेंष� पहेलाे जब भारतं मंं �दिष अथे�शाष्टिस्त्रयं �ा अतंरराष्ट्रीय
                                                                                                  ं
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          सम्मंलान (आईसीएई) हेुआ थेा तंब �ेश मंं खााद्य सुरक्षेा �ो ला�र गाभीर दिचीतंा थेी लादि�न आज ष्टिस्थेदितं ब�लाी हेै।
         �धा, �ाला और मंसालां �े उत्पा�न मंं भारतं जहेां अग्रणीी बना हेै वेंहें खााद्यान्नो, फला, सष्टि�जयां, �पास, चीीनी, चीाय
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                                                                  ं
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          और मंत्स्य पालान �ा �ूसरा सबसे ब�ा उत्पा�� �ेश बना हेै। अतंरराष्ट्रीय �दिष अथे�शास्त्री सघं �ारा आयोदिजतं
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                        दित्रवेंादिष�� सम्मंलान �ा 3 अगास्तं �ो प्राधाानमंंत्री नरंद्र मंो�ी ने दि�या उद्घंाटेन�...
         निदे    ल्�ी ल्किस्थ� राष्ट्रीय कनिषा निवज्ञाा� कद्री (ए�एएसीसीी)   को भाी प्रादेनिश� निकया गया। इसी सीम्म�� सीे यवा शोधाक�ाओं एवं
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                                                             अग्रैणी र्पोशेवरं को वल्किश्वक सीानिथयं के सीाथ �टीवकक बी�ा�े मं भाी
                                                                             ै
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                 र्पोरिरसीर मं कनिषा अथिशाल्किस्त्रयं के 32वं अ�रराष्ट्रीय
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                 सीम्म��  (आईसीीएई)  का  निवषाय  ‘ट्रांसी�ॉमेश�   मदेदे निम�ी। यहाी �हां अ�सींधाा� सींस्था�ं और निवश्वनिवद्योा�यं के
                                                                                ु
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        टीुवर्ड्सीि सीस्टी�बी� एग्रैी �ूड निसीस्टीम’ रखुा गया। इसीका उद्देेश्य   बीीचा सीाझीदेारी को म�बी� कर�े और निडनि�टी� कनिषा एवं निटीकाऊ
                                                                    े
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        वल्किश्वक चा�ौनि�यं �सीे ��वायु र्पोरिरव�ि�, प्रााकनि�क सीसीाधा�ं   कनिषा-खुाद्यो प्राणानि�यं की प्रागनि� र्पोर भाार� सीनिहा� वल्किश्वक स्�र र्पोर
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        का क्षरण, बीढ़ा�ी उत्र्पोादे� �ाग� और द्वादे को ध्या� मं रखु�े हाुए   निवस्�ार सीे चाचाा हाुई।
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        निटीकाऊ कनिषा की �र� �त्का� ध्या� देे�ा हाै। सीम्म�� मं 75   प्राधाा�मत्री �रद्री मोदेी �े भाार� के 12 करो� निकसीा�ं, �ी�
                                                                          ं
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        देेशं के करीबी 1,000 प्रानि�नि�निधायं �े भााग नि�या। सीम्म�� मं   करो� सीे अनिधाक मनिहा�ा निकसीा� और 8 करो� र्पोशर्पोा�कं की
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        वल्किश्वक कनिषा चा�ौनि�यं के प्रानि� भाार� के सीनिक्रय देल्किष्टीकोण र्पोर   ओर सीे सीम्म�� मं शानिम� �ोगं का स्वाग� निकया। भाार� नि���ा
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        प्राकाश डा�ा गया। देेश के कनिषा अ�सींधाा� और �ीनि�ग� प्रागनि�   प्रााचाी� हाै, उ��ी हाी प्रााचाी� कनिषा और खुाद्योान्न को �ेकर देेश
         48  न्यूू इंंडि�यूा समााचाार   1-15 डिसतंंबर, 2024
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