Page 54 - NIS Hindi 1-15 September 24
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व्यस्त्क्�त्� तिचादीबोरमा तिपल्लई
षि�दंंबूरमें षि�ल्लई
लड़ीी आजादंी कोी लड़ीाई
स्वदंेशीी आदंोलन कोो षिकोया सीाकोार
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जन्म : 5 सि�तंंबर 1872, मृृत्युु : 18 नवंंबर 1936
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�ेश �ी आजा�ी �ी ला�ाई मंं योगा�ान �ने वेंालाे �ूर�शी नतंा वेंीओ दिची�ंबरमं दिपल्लाई �दिक्षेणी भारतं मंं स्वें�शी आ�ोलान
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�े सफला समंथे�� थेे। उन्हेंने न �वेंला भारतं �े स्वेंतंंत्रतंा आ�ोलान मंं अग्रणीी भदिमं�ा दिनभाई बष्टिल्� आदिथे�� प्रागादितं
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और आत्मंदिनभ�र बनने पर भी स�वें बला दि�या। उन्हेंने आत्मंदिनभ�र भारतं �ी परिर�ल्पना �ी और इंस�े दिलाए ब�रगााहे
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एवेंं पोतं परिरवेंहेन क्षेेत्रं मंं दिवेंशेष रूप से प्रायास दि�ए। तंदिमंलानार्डु मंं मंज�ूर वेंगा� �े दिहेतंं �ो आगाे बढ़ाने �े दिलाए भी
अथे� परिरश्रेमं दि�या। राष्ट्र �े दिलाए वेंहे आज भी हें दिवेंशेष प्राेरणीा �े स्रोोतं और उन�े आ�श� हेमंं �रतंे हें प्राेरिरतं...
स्व �ंत्र�ा सीग्रैाम सी�ा�ी वल्किल्�यप्र्पो� उ�ग�ाथ� हाै निक गांधाी�ी के चार्पोारण सीत्याग्रैहा (1917) सीे र्पोहा�े हाी निचादेबीरम
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बीादे मं वहा सीुब्रमण्यम भाार�ी के सीर्पोकक मं आए। ऐसीा मा�ा �ा�ा
निचादेबीरम निर्पोल्�ई (वीओ निचादेबीरम निर्पोल्�ई)
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का �न्म 5 निसी�बीर, 1872 को �निम��ाडु के निर्पोल्�ई �े �निम��ाडु मं म�देूर वगि का मद्देा उठाया था। निचादेबीरम
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नि�रु��व�ी नि��े के ओट्टाानिर्पोडारम मं हाुआ था। उ�के निर्पो�ा का निर्पोल्�ई �े अन्य ��ाओं के सीाथ निम�कर 9 माचाि, 1908 की सीबीहा
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�ाम उ�ग�ाथ� निर्पोल्�ई और मां का �ाम र्पोरमी अम्माई था। उ�के निबीनिर्पो� चाद्री र्पोा� की �� सीे रिरहााई का �श्न म�ा�े और स्वरा�
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निर्पो�ा एक वकी� थे। निचादेबीरम निर्पोल्�ई �े क�डव� कॉ��, का झीडा �हारा�े के नि�ए एक निवशा� ��सी नि�का��े का सींकल्र्पो
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��ीकोरिर� सीे स्नेा�क निकया। का�� की र्पोढ़ााई शुरू कर�े सीे र्पोहा�े नि�या था। निर्पोल्�ई की चा�ौनि�यं सीे र्पोरशा� हाोकर अग्रै�ं �े उन्हां
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उन्हां�े कुछ सीमय के नि�ए �ा�ुक कायाि�य मं क्�कक के रूर्पो मं भाी �� मं डा� निदेया और उ� र्पोर का�ी �ुल्म निकया गया। उ�सीे
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काम निकया था। बीादे मं उन्हां�े मा�ा-निर्पो�ा सीे निम�े सींस्कार को आगे खुदेा� मं काम कराया गया और कहाा �ो यहा भाी �ा�ा हाै निक उन्हां
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रखुकर सीवा के मागि को चा� नि�या। �� के कोल्हाू मं बी� की �गहा �ो�ा गया था।
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निचादेबीरम निर्पोल्�ई �े 1905 मं बीगा� के निवभाा�� के बीादे रा��ीनि� गरीबीी कभाी भाी राष्ट्रवादेी कायि मं निर्पोल्�ई के मागि मं बीाधाा �हां
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मं प्रावेश निकया। वषाि 1905 के अ� मं निचादेबीरम निर्पोल्�ई �े मद्रीासी का बी� सीकी। देेश के प्रानि� उ�का प्राेम उ�की गरीबीी सीे कहां अनिधाक
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देौरा निकया और बीा� गगाधार नि��क एवं �ा�ा �ा�र्पो� राय द्वाारा शुरू था। वषाि 1915-16 के देौरा� महाात्मा गांधाी और निचादेबीरम निर्पोल्�ई
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निकये गए स्वदेेशी आदेो�� सीे ��े। कहाा �ा�ा हाै निक निचादेबीरम निर्पोल्�ई के बीीचा हाुए र्पोत्र-व्यवहाार उ�की अटीटी देेशभाल्किक्� का प्रामाण हाै।
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एक ऐसीे स्व�ंत्र�ा सी�ा�ी थे नि�न्हां�े बीा� गगाधार नि��क सीे रा��ीनि� इ��ा हाी �हां �खु� मं भाी उ�की गहारी रूनिचा रहाी। उन्हां�े मयाराम
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का र्पोाठ सीीखुा था। उन्हां भाार� के इनि�हाासी मं ‘�निम��ाडु का नि��क’ (1914), मयारिरवु (1915), एथो�ॉ�ी (1915), आत्मकथा
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कहाकर भाी बी�ाया �ा�ा हाै। ‘वी.ओ. सीी’ और ‘कप्र्पो�ोनिटीटीय �निम��’ (1946) सीनिहा� कई कनि�यं की रचा�ा की। 18 �वबीर, 1936 को
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के �ाम सीे र्पोहाचाा� रखु�े वा�े निर्पोल्�ई, रामकृष्ण निमश� की ओर निचादेबीरम निर्पोल्�ई का नि�धा� हाो गया। 5 निसी�बीर 2021 को उ�की
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आकनिषा� हाुए। उन्हां�े ‘स्वदेेशी प्राचाार सीभाा’ बी�ाकर र्पोरे क्षेत्र मं इसीका �य�ी र्पोर �द्धां�नि� अनिर्पो� कर�े हाुए प्राधाा�मत्री �रद्री मोदेी �े कहाा
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प्रासीार कर�ा शुरू निकया। सीाथ मं बी�कर एवं कारीगरं के नि�ए मद्रीासी था, “देूरदेशी निचादेबीरम निर्पोल्�ई �े हामारे स्व�ंत्र�ा आदेो�� मं प्रामखु
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एग्रैो इनिडय� सीोसीाइटीी नि�निमटीेड की स्थार्पो�ा की। इ��ा हाी �हां उन्हां�े योगदेा� निदेया। उन्हां�े आत्मनि�भािर भाार� की भाी र्पोरिरकल्र्पो�ा की
‘र्पोसीा �ंड’ �ाम सीे एक स्वदेेशी बींक और स्वदेेशी स्टीीम �निवगेश� थी। इसीके नि�ए बीदेरगाहां और �हाा�रा�ी क्षत्रं मं महात्वर्पोणि प्रायासी
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कर्पो�ी भाी शुरू की थी नि�सीसीे अग्रै�ं को का�ी �ुकसीा� हाो रहाा था। निकए। वहा हामारे नि�ए निवशषा प्राेरणा के स्रो� हां।” n
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52 न्यूू इंंडि�यूा समााचाार 1-15 डिसतंंबर, 2024