Page 35 - NIS Hindi 16-31 May 2023
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आ्वरेण कथा वर्ष्त
जम्मू-क्चमवीरो औरो लद्ाख से अिुच्छेद 370 निष्टप्रभाववी वन रैंक वन पेंशन
एक देश, एक डव्धान, एक भारती्य सशस्त् बलनों की करीब 4 दशक से चली आ रही
डनशान का सपना साकार मेांग वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी), विसका अथ्त है
वक समेान रैंक के सेवावनवृत्त सैवनक, िो समेान अववध की
िरॉ. ्च्यामा प्साद मुखजथी का “एक देश, एक र्विान, एक प्िान,
n सेवा के बाद सेवावनवृत्त हुए हैं, समेान पेंशन प्राप्त करेंगे।
एक र्नशान” का संक्कप आजादी के 72 साल बाद पूरा हो पा्या ह।
रै
अनुच्छेद- 370 और 35 ए से आजादी के बाद िरती का स्वगथि कहा
n
ें
जाने वाला जम्मू-क्चमीर और लद्ाख भी देश के बाकी र्हस्सों के n वषथि 2014 में प्िानमंत्री नररि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कमान
सा्थ र्वकास में कदम से कदम र्मला रहा ह। रै संभाली तो 7 नवंबर, 2015 को वन रैंक, वन पेंशन का आदेश जारी
र्क्या ग्या। इसका लाभ 1 जुलाई, 2014 से पहले सेवार्नवृत हुए
n जम्मू-क्चमीर को अलग दजाथि देने वाले अनुच्छेद 370 को ह्टाने सशस्त्र सेना के सभी कर्मथि्यों और उनके पररवार को र्मला। एरर्यर
का फैसला 5 अगस्त 2019 को हुआ और 6 दशक के फासले 6 के रूप में 10,795 करोड़ रुप्ये का भुगतान र्क्या ग्या।
साल में मोदी सरकार ने खत्म र्कए।
n 4 जनवरी, 2023 को जारी पत्र के अनुसार अब 25.13 लाख हुई
n इसके सा्थ ही जम्मू-क्चमीर का वास्तर्वक तौर से एकीकरण पेंशनभोर्ग्यों की संख््या।
हुआ ह। रै
n 1,38,205 करोड़ रुप्ये रक्ा पेंशन का बज्ट र्क्या ग्या तार्क वन
अब जम्मू-क्चमीर और लद्ाख सामार्जक-आर््थथिक सशक्तीकरण
n रैंक, वन पेंशन की जरूरतें हों पूरी।
की र्दशा में आगे बढ़ा, मूल र्नवासी कानून लागू हुआ, स््थानी्य
े
लोगों को लोकतांर्त्रक हक र्मला। n प्त््यक पांच वषथि में पेंशन को पुन: र्निाथिररत र्क्या जाएगा।
नदी जोिो परर्योजना
डट्पल तलाक की कुप्र्था का अंत
्त
भारत के संसदी्य इर्तहास में 30 जुलाई 2019 की तारीख एक अहम नवद्यनों को िोड़ने की दशकनों पुरानी ्योिना पर वतमेान
n
रै
पड़ाव के रूप में दजथि हो चुकी ह। ऐर्तहार्सक तीन तलाक र्बल पाररत सरकार ने सत्ता संभालते ही कामे शुरू वक्या। वसतंबर,
होने के बाद अब्स्तत्व में आए इस कानून ने मुब्स्लम मर्हलाओं के 2014 मेें ‘नवद्यनों को िोड़ने संबंधी एक ववशेर्ष सवमेवत’
न््या्य और सम्मान की र्दशा में ऐसी सफलता हार्सल की, र्जसका और अप्रैल, 2015 मेें नवद्यनों को िोड़ने के वलए एक
इंतजार दशकों से ्था। ववशेर्ष का्य्तबल गवठत वक्या। इसी का नतीिा है वक अब
n इन चंद वषतों में ही र्ट्पल तलाक के मामले में 80-85 फीसदी की कमी पहली नदी िोड़ो परर्योिना पर तेिी से कामे चल रहा है।
आई ह। रै
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n राष्ट्ी्य पररप्क्ष्य की ्योजना के तौर पर 30 नदी जोड़ो परर्योजना की
n मुब्स्लम मर्हलाओं को आत्मसम्मान से जीने का अर्िकार र्मला ह। रै पहचान की गई ह। रै
ें
n करिी्य गृह मंत्री अर्मत शाह के श्धदों में, “तीन तलाक संबंिी कानून n केन बेतवा र्लंक परर्योजना के तहत पहली नदी जोड़ो परर्योजना
बनने के बाद इर्तहास में प्िानमंत्री नररि मोदी का नाम र्नब््चचत रूप पर काम शुरू। इस पर 44,605 करोड़ रुप्ये खचथि होंगे। चरण एक
ें
से राजा राममोहन रा्य और ई्चवर चंरि र्वद्यासागर सरीखे सामार्जक और चरण दो में अभी तक करीब 8000 करोड़ रुप्ये खचथि हुए हैं।
सुिारकों की श्णी में रखा जाएगा। तीन तलाक संबंिी कानून माचथि, 2030 तक इस परर्योजना को पूरा करने का लक्ष्य ह। रै
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मुब्स्लम मर्हलाओं के र्हतों और अर्िकारों की र्दशा में रिांर्तकारी
n 7 र्लंक की र्वस्तृत परर्योजना ररपो्ट्ट, 9 की व््यवहा्यथिता ररपो्ट्ट और
कदम र्सद्ध होगा और अब उनके र्लए नए ्युग का प्ारंभ होगा।”
एक की पूवथि व््यवहा्यथिता ररपो्ट्ट पूरी कर ली गई ह। रै
न््ययू इंडि्या समाचार 16-31 मई 2023 33