Page 8 - NIS Hindi 16-31 May 2023
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व्यश््कतत््व परेम्वरीरे परीरू कसंह शेखा्वत
पवीरू नसंह शेखावर्
अंनर्म सांस र्क
नदखा्या अदम््य
साहस
ु
िन्मे 20 मेई 1918, मेृत््य : 18 िुलाई 1948
परमेवीर चक्र वविेता (मेरणोपरांत) पीरू वसंह। देश की रक्ा के वलए मेर वमे्टे और अपने प्राणनों की बािी लगाकर देश
की रक्ा की। 1948 के ्युद्ध मेें पावकस्तानी बंकर को तबाह कर अनुकरणी्य साहवसक का्य्त करके भारत की ववि्य मेें
मेहत्वपूण्त भूवमेका वनभाई। अंवतमे सांस तक इस ्युद्ध मेें अदम््य साहस के साथ दुश्मेननों को धूल च्टाकर वतरंगे का मेान
बढ़ा्या। करीब 75 साल बाद आि भी विनका बवलदान हर भारती्यनों के वलए स्मेरणी्य है। 30 वर्ष्त की अल्पा्यु मेें ही
वह शहीद हो गए और छो्टी सी उम्र मेें बड़ी कहानी बन कर अब भी हमेारे साथ हैं पीरू वसंह…...
पली रू नसंह का जन्म 20 मई 1918 को िाज्कथान के चुरू दूसिे बंकि तक गए। उधि इनकली हि हिकत पि बचे हुए पानक्कतानली
वहां पलीरू नसंह अकेले थे लेनकन उन्होंने नहम्मत नहीं हािली। वे
न्कथत िामपुिा गांव में हुआ था। सात भाई-बहनों में से
एक पलीरू को सैननकों का जलीवन हमेशा आकनषयात किता सैननकों कली नजिें थीं। उन्होंने ग्नेि से हमला बोला। पलीरू नसंह बुिली
े
था। बचपन में भली खेतों में काम किना, नशकाि किना, जंगलों में तिह घार्ल हो गए औि उनकली आंखें बंद होने लगीं, खून तेजली से
घूमना उन्हें अच््छा लगता था। उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था बहने लगा। निि भली उन्होंने पूिे आत्मबल औि अपनली पूिली ताकत से
इसनलए ्कककूल ्छोड़ नदर्ा। 18 वषया कली उम्र में 20 मई 1936 को वे हथगोले प्रनतपक्षली कली बंकि कली ओि िेंके। उधि तेज धमाका हुआ
सेना में भतषी हुए। नवितलीर् नव्चव र्ुद्ध के बाद कॉमनवेल्थ ऑक्र्ूपेशनल औि पानक्कतानली सैननक शांत हो गए। इधि पलीरू नसंह कली भली आंखें
िोसदेज के साथ काम किने के नलए र्े जापान भली गए। 1947 में बंद हो गई। पलीरू नसंह को मिणोपिांत पिमवलीि चक्र प्रदान नकर्ा गर्ा।
वापस देश लौटे औि िाजपूताना िाइिल्स भेज नदए गए। उनकली टुकड़ली 6 िाजपूताना िाइिल्स हि वषया इस बहादुि नसपाहली कली
1948 में जब पानक्कतानली िौज ने प्ठान कबार्नलर्ों के साथ र्ाद में ‘बैटल ऑनि ऑि दािापिली’ ्कमिणोत्सव मनातली है।
ें
नमल कि क्चमलीि पि आक्रमण कि नदर्ा तो उनका सामना किने प्रधानमंत्रली निद् मोदली ने 7 जुलाई 2018 को जर्पुि में सावयाजननक
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के नलए िाजपूताना िाइिल्स में कपनली हवलदाि मेजि पलीरू नसंह बै्ठक को संबोनधत किते हुए पिमवलीि चक्र नवजेता पलीरू नसंह
को तैनात नकर्ा गर्ा। र्ुद्ध के दौिान पलीरू नसंह ने अदम्र् साहस शेखावत को र्ाद नकर्ा था औि कहा था, “इस महान बनलदानली को
का परिचर् नदर्ा। 18 जुलाई 1948 को उनकली बटानलर्न ने मेिा शत-शत नमन है। हमािा िाष्ट् ऐसे हली बनलदाननर्ों कली वलीिता,
या
दािापिली कली नुकलीलली रिज पि हमला बोल नदर्ा। दािापिली क्चमलीि शौर् औि िाष्ट्भस्क्त के दम पि आज दुननर्ा के सामने नसि उ्ठाकि
िं
के नटथवाल सेक्टि में स््कथत है औि इसकली ऊचाई 11,481 िलीट खड़ा हुआ है।” पिाक्रम नदवस के अवसि पि 23 जनविली 2023 को
ें
है। जब भाितलीर् सैननक आगे बढ़े तो गोनलर्ों कली बौ्छाि होने लगली। प्रधानमंत्रली निद् मोदली ने अंिमान औि ननकोबाि विलीप समूह के 21
पलीरू नसंह दु्चमनों कली गोनलर्ों कली माि से खुद को बचाते हुए आगे सबसे बड़े अनाम विलीपों का नामकिण 21 पिमवलीि चक्र नवजेताओं के
ननकलते िहे औि मशलीनगन चलाने वाले नसपानहर्ों पि अचानक नाम पि नकर्ा था। इसमें पिमवलीि चक्र नवजेता पलीरू नसंह के नाम पि
संगलीन से हमला कि नदर्ा। भली एक विलीप का नाम िखा गर्ा। n
6 न््ययू इंडि्या समाचार 16-31 मई 2023