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बािचीि डॉ. वी.के. पॉल, प्रमुख, NEGVAC
्वैक्ीि का ्फर चुिौतीपयूण्भ रहा इतिी बड़ी आपदा थी, लेनकि िौ-द् ्महीिे ्में
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लेनकि रारत और ह्मारे ्वैज्ानिकनों के स्वदेशी ्वैक्ीि आ गई ?
्ा्मरय्भ को लेकर करी कोई ्ंदेह या दो रह बात नबलकुल सहली है। करोंनक साधारण तरलीके से वैकसलीन
राय िहीं था। नज्का ितीजा ्ा्मिे है। बनाने में आठ से दस साल लगते हैं। लेनकन देशों में होड़ लगली
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और हमारा देश नबलकुल अग्णली श्णली में है। दो वैकसलीन को
इ् दौराि केंद्र अौर राजय ्रकार िे टी्म ऑथोराइजेशन नमलली तो चार मानवलीर परलीक्षण के फेज में है।
इंनिया की तरह का्म नकया। कुछ नबलकुल एडवांस डलीएनए और आरएनए तकनलीक पर
आधाररत है नजसे तेज गनत से बनारा।
दूसरली श्णली के मनडकल नडपो करलीब 35 को नमलाकर कुल 39 थे। अब वैकसलीन खरलीदली गई है, आगे जरादा खरलीदली जाएगली। खचया नसफ्फ वैकसलीन में
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दूसरली श्ेणली वालों को भली पहले वाले कली तरह बनारा गरा है। अब इसमें नहीं होता है। वैकसलीन के प्रचार और जागरूकता अनभरान, सलीररंज सनहत
कुछ नई वरवट्था के साथ ऐसे कोलड ट्टोर कली संखरा को बढ़ाकर 60 तक अनर खचया भली होता है। जब काम इतना बड़ा होता है तो और खचवे भली होत े
पहंचारा गरा है। रानली अब रे पहले वालली श्ेणली के हली 60 से अनधक हो हैं। लनकन इसमें कोई दो रार नहीं है नक संसाधनों में कोई कमली नहीं होगली।
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गए हैं। इसके बाद 29 हजार से भली जरादा कोलड चेन पवाइंटस होंगे नजसका
इट्तमाल टलीकाकरण में नकरा जाएगा। कोरोिा ्े निपटिे ्े लेकर ्वैक्ीि ईजाद करिे तक, रारत की
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लड़ाई की िबलययूएचओ और दुनिया के देशनों िे री ्राहिा की। इ् े
्बको टीका न्मले यह बहुत बड़ी चिौती है। उ््े ्रकार क्े एक न्वशेषज् के तौर पर आप क्े दि रहे हैं?
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निपटेगी?
कोरोना कली लड़ाई में भारत कली उपलस्बध से बेहद संतयुस्षट है। इतने बड़े
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इतने बड़े ट्तर का टलीकाकरण हली अपने आप में चनौतली है। पहले चरण में 30 और सघन आबादली वाले देश व इलाके में हमने नकस तरह लड़ाई लड़ली,
करोड़ लोगों को टलीका लगाने का कारयारिम पूरा करेंगे। लनकन इससे कहीं उसे दयुननरा भली देख रहली है। शरुआतली दौर में हली कोरोना मरलीजों के नलए
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जरादा लोगों को वैकसलीन लगाने कली जरूरत होगली। वैकसलीन कली उपलबधता आइसोलेशन वाड्ट व नबट्तर तरार नकए। हम पहले पलीपलीई नकट व वेंनटलेटर
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अभली कम है। पहले 30 करोड़ प्राथनमक सूचली वालों को लगाएंगे और नफर नबलकुल नहीं बनाते थे, अब उसके ननरायातक हैं। टेस्ट्टग में हम जलीरो से शरू
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उसके आगे भली टलीकाकरण करेंगे। होकर आज हर नदन 15 लाख से अनधक टेट्ट करने कली क्षमता तक पहंच
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गए हैं। लॉकडाउन में तरारली से सरिमण कली रफतार घटली और मृतरयुदर 1.4
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अगला चरण कब शुरू नकए जािे की कया ्रा्विा है?
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फलीसदली तक रखने में मदद नमलली। इतनली नलीचे मृतरयुदर बहत कम देशों में
अभली 30 करोड़ का लक्र पूरा करने में सात-आठ महलीने लगेंगे। बाकली है। अगर हम बाकली देशों को देखें तो वहां दूसरली लहर भली आई और काफली
वैकसलीन कली उपलबधता बढ़ने के साथ टलीकाकरण का अनभरान भली तेज गनत सरिमण फैला। हम बचे हए हैं। अब वैकसलीन आ गई है तो महामारली को
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से बढ़ सकता है। ननरंत्रण में करने के नलए हमें बहयुत मदद नमलेगली।
केंद्र ्रकार िे राजयनों को ्ाथ लेकर ्ंघीय ढांचे का बड़ा उदाहरण ्वैक्ीि को लेकर प्राथन्मक ््महनों का चयि या न्वशेषज् के तौर
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पेश नकया, कया करी कोई ्मतरेद री रहा ? आप कुछ और कहिा चाहेंगे?
इसमें मतभेद कली बात हली नहीं है। कोरोना से ननपटने कली कारपधिनत में आम मेरा कहना है नक ट्वाट््थर कनमयारों से टलीका करण अनभरान इसनलए शयुरू
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रार कली कोई कमली नहीं रहली है। हर बार आम रार रहली बनली नक वैकसलीन को कर रहे हैं करोंनक इनमें सरिमण कली आशंका अनधक रहतली है। इनहोंने अपनली
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लेकर आगे बढ़ा जाए। रह सारा काम प्रधानमत्रली के नेतृतव में हआ है। राजर जान जोनखम में डाल कर लोगों कली जानें बचाई हैं। आगे भली ऐसा होता है तो
और केनद्र शानसत प्रदेशों के प्रनतनननध और मयुखरमनत्ररों ने नबलकुल एक सरनक्षत और प्रररत ट्वाट््थर टलीम चानहए। उसके बाद अनग्म मोचचो पर तैनात
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टलीम इनडरा कली तरह काम नकरा है और आगे भली करेंगे। कमयाचारररों कली बारली है। नफर 50 साल से अनधक उम्र के लोगों को वैकसलीन
लगाई जाएगली। इसके नलए आइटली का इट्तमाल कर रहे हैं और चनाव के
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अि्माि के ्मुतानबक, टीका पर कुल नकतिा िच्भ आएगा?
समर बूथ ट्तर पर रोजना बनाई जातली है और ननधायाररत संखरा में लोग बूथ में
अभली इसके खचया पर बात करना शारद उनचत नहीं होगा। अभली थोड़ली सली आते हैं और वोट देकर जाते हैं, उसली तरह टलीकाकरण में भली होगा।
14 न्यू इंडिया समाचार