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राषट् 16वां प्रवासी भारिीय तदवस
प्िासमी भार्मीय वदिस
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9 जनवरली 1915। रानली आज से 106 साल पहले दनक्षण अफ्लीका से एक वकलील अंग्जों का सामना कर भारत लौटे मोहनदास करमचंद गांधली। नजनह ट्वतंत्रता
संग्ाम के सबसे बड़े नेता और महातमा गांधली के नाम से जाना गरा। उनहोंने न नसफ्फ सतराग्ह-अनहंसा का पाठ दयुननरा का नसखारा, बस्लक रे भली बतारा नक
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अनहंसा के राट्त से भली नवजर हानसल कली जा सकतली है। वषया 2003 से उनकली राद में हर साल 9 जनवरली को प्रवासली भारतलीर नदवस मनारा जाता है। मकसद
है- देश के नवकास में प्रवासली भारतलीरों के रोगदान को पहचान देना। साल 2015 से इसके फॉमवेट में बदलाव कर इसे थलीम आधाररत नकरा गरा। इस वषया
आरोजन कली थलीम थली ‘आतमननभयार भारत बनाने में रोगदान’ तो आइए जानते हैं भारत को आतमननभयार बनाने में हमारे प्रवासली भारतलीरों के रोगदान के बार में ...
कौन हैं प्िासमी भार्मीय… प्िासमी भार्मीयों से संबंधों को नई
1.87 प्िासमी भार्मीय… दतुवनया वदशा दे्े प्धान्ंत्मी ्ोदमी…
के विवभन्न देशो ं्ें
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ऐ्े लोग ्ब्े जयादा अ्मेररका ्में हैं। करीब 31.80 n प्रधाि्मत्री िरेंद्र ्मोदी ह्मेशा ्े प्र्वा्ी रारतीयनों के
लाि रारतीय ्मयूल के लोग अ्मेररकी िागररक हैं। बीच लोकनप्रय रहे हैं। ्वे ्मोदी को एक ऐ्े वयबकतत्व के
रूप ्में देिते हैं जो रारत ्में बदला्व लािे ्में ्क्ष्म हैं।
रारतीय ि के्वल त्मा्म देशनों ्में बतौर प्र्वा्ी रहते हैं,
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n हर न्वदेशी दौरे ्में प्रधाि्मत्री िे प्र्वा्ी रारतीयनों
बबलक ्वहां के िागररक री हैं। ऐ्े लोग पीपल ऑफ ्े जुड़िे का प्रया् नकया है। न्ययूयलॉक्क के ्मनि्ि
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इंनियि ओररनजि कहलाते हैं। सका्वयर गािि ्े लेकर न्ििी के अलफनों् एरेिा
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ये लोग रारतीय ्मयूल के ्वे न्वदेशी िागररक हैं, जो या
n तक, ्मलॉरीश् ्े शंघाई तक, हर जगह रारतीय
तो िुद करी रारत के िागररक थे या उिके ्माता- ््मुदाय िे उिका ग्म्भजोशी ्े स्वागत नकया है।
नपता, दादा-दादी, पनत या पत्ी ्में ्े कोई रारतीय
n एक अतयंत आ्वशयक ्ुधार पीआईओ और
िागररक है या थे। ओ्ीआई को एक करिे का नकया नज्का प्र्वा्ी
इंनदरा िुई ्े लेकर ्ुंदर नपचाई हनों या ्तया ििेला
n रारतीयनों िे स्वागत नकया है। ्वीजा निय्मनों ्में छूट दी
्े कलपिा चा्वला। दुनियारर ्में प्र्वा्ी रारतीयनों िे गई। प्रनरियाओं को आ्ाि बिाया गया है।
अपिे देश को ग्व्भ करिे का ्मौका नदया है।
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अब भारतलीर क्षमता को वस्शवक पहचान नमल रहली है। देश न केवल भारतलीरों कली प्रमयुख भनमका है करोंनक भारत के उतपादों में उनके उपरोग
आनथयाक शस्कत के रूप में उभरा है बस्लक एक सैनर सयुपर शस्कत के रूप से भारतलीर उतपादों के प्रनत अनधक नवशवास पैदा होगा।” जब आप ‘मेड
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में भली उसे मानरता नमलली है। इसने आइटली से लेकर अंतररक्ष क्षत्र में इन इनडरा’ उतपादों को अनधक इट्तमाल करेंगे तो आपके इदया-नगदया
उपलस्बध हानसल कली है। ट्वाट््थर सेवा क्षत्र में अपनली एक पहचान बना रहने वालों में भली इसको लेकर नवशवास बढ़ेगा। चार से लेकर कपड़ा
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लली है। सरकार के आतमननभयार भारत पैकेज के तौर पर 29.87 लाख और थैरेपली तक, रे कुछ भली हो सकता है। खादली दयुननरा में आकषयाण का
करोड़ रुपए ननवेश करने के कारण, उस समर जब पूरली दननरा कोरोना एक केनद्र बन रहली है। इससे आप भारत के ननरायात कली मात्रा तो बढ़ाएंग े
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से जूझ रहली है, भारत कली अथयावरवट्था वली आकार में रानन नलीचे आने के हली, साथ हली भारत कली समधि नवनवधता को भली दननरा तक पहंचाएंगे।
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बाद बहत तेजली से उपर कली ओर जा रहली है। आतमननभयार भारत अनभरान के तहत आप दननरा में गरलीब से गरलीब तक
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इस नवकास रात्रा में भारतलीर प्रवासली कली भनमका महतवपणया है नजसका सट्तली और गणवत्तापणया समाधान पहयुंचाने का जरररा बनेंगे।
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उललख प्रधानमत्रली ने 16वें प्रवासली भारतलीर नदवस सममलन 2021 के इसके अलावा, प्रवासली भारतलीर कली सहारता, नवशेषज्ञता, ननवेश
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संबोधन में नकरा। प्रवासली भारतलीर नदवस 2021 के थलीम के तौर पर और वस्शवक नेटवक्फ आतमननभयार भारत के सपने को साकार करने में
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‘आतमननभयार भारत में रोगदान’ पर प्रधानमत्रली ने कहा, “देश जैसे-जैस े मदद करेंगे। इस संबंध में सभली आवशरक उपार नकए जा रहे हैं और
आतमननभयार भारत के लक्र के साथ आगे बढ़ रहा है, इसमें प्रवासली इसके कुछ नतलीजे ईज ऑफ डूइंग नबजनेस, गलोबल इनोवेशन इंडेकस,
न्यू इंडिया समाचार 33