Page 23 - NIS Hindi November 1-15
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आवरण
कथा
रक्या क्ेत् देश की जीडीपी में 8% का योगदान देने वाला
एमएिएमई िेक्र कोरोना काल में िबिे
जयादा प्रभासवत हुआ। आतमसनभ्यर भारत पैकेज
टॉ्प-25 में इि िेक्र को 5.94 लाख करोड़ रुपये सदए।
n हकर्यार कन्या्थत में हम पह्ी लनकन कोरोना काल में दयुननरा के नलए संजलीवनली सानबत
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बार 25 ्देशों में शाकम् हई। केंद्रलीर वानणजर और उद्ोग मत्रली पलीरूर गोरल कहत े
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हैं, “आतमननभयार भारत और वोकल फॉर लोकल भनवष्र
n स्टॉिहलोम इं्टरनशन् पीस ररसच्थ इंस्टीट्ू्ट(कसपरी) के नलए ट्वाभानवक पहल हरै। भारत ऐसली अथयावरवट्था का
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िी वर 2020 िी ररपलो्ट्ट िे अनुसार रक्ा उतपा्ों िे ननमायाण कर रहा हरै जहां गणवत्तापणया उतपाद बड़े पमाने पर
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कन्या्थत िे माम्दे में भारत ्कन्या िे शीर 25 ्देशों में बनेगा तानक देश अनधक से अनधक आतमननभयार हो सके”
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पहुंच ग्या है। 100 स ज्या्ा ्देशों िलो हम बु्दे्टप्रूफ भारत ने इस नवपरलीत दौर में भली नकस तरह से लोकल
जैि्ट बचत हैं। फॉर वोकल के मंत्र से ट्वदेशली उतपादों को गलोबल
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n वर 2018-19 में भारत न 4 हजार 682 िरलोड रुप्यदे बनारा, इसकली कहानली आंकड़ों से जानहर होतली ह।
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िे रक्ा उतपा् कन्या्थत किए। वर 2019-20 में ्यह (्खें इंफलोग्राकफकस)
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कन्या्थत बढ़िर 10 हजार 745 िरलोड रुप्यदे हलो ग्या, िुधार की वजह: राजनसतक
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जबकि 2014-15 में ्यह मात् 994 िरलोड रुप्यदे रा। बसथरता और नेतृतव
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n रक्ा क्देत् में भारत िी छकव अभी ति ्ूसर ्देशों स दे भारत कली प्रगनत कली तेज रफतार कली वजह से हली वर 2019
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हकर्यार और अन्य रक्ा उतपा् खरी्न िी रही है, में भारत में 51 अरब डॉलर का नवदेशली ननवेश हआ।
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्देकिन िेंद्र सरिार िे प्र्यासों िा नतीजा है कि अब सवायानधक नवदेशली ननवेश के मामले में भारत दननरा में नौवें
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भारत िी ओर स ्कन्या िे ्ूसर ्देशों िलो रक्ा उतपा्ों नंबर पर रहा। कोरोना काल को भली नमलाकर देखें तो भारत
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िे कन्या्थत में बढ़लोतरी हुई है। 5 सा्ों में हकर्यार को जनवरली 2019 से जलाई 2020 के बलीच सट्थागत
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आ्यात 32 फीस्ी ति िम हुआ है। ननवेशकों से लगभग 70 नबनलरन अमरलीकली डॉलर प्रापत
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हए। रह 2013 से 2017 के बलीच के चार वरमों में प्रापत
धनरानश के लगभग बराबर ह। गलोबल इनोवेशन रैंनकग
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में भारत 81वें से 48वें पारदान पर आरा तो कारोबारली
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सगमता कली नवशव बैंक कली रैंनकग में 142वें से 63वें
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पारदान पर आ गरा। भारत में सधारों कली इस गनत कली
बड़ली वजह राजनरैनतक स्ट्थरता और मजबूत फैसले लेन े
उतपादन बढ़ाने के सलए इंडबसट्यल कॉरीडोर, सपशल इकोनॉसमक वाले नेतृतव का होना हरै।
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जोन को बढ़ावा सदया तो सवदेशी सनवेशकों को आकसर्यत करने के सलए वरैस्शवक पटल पर प्रधानमत्रली मोदली कली नवकास और
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सिंगल सवंडो कलीयरेंि की िसवधा दी गईं। नतीजा, 2008-14 में भारत सशासन को लेकर एक खास छनव तब से हली ह जब व े
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गजरात के मयुखरमत्रली हयुआ करते थे। नसतंबर 2011 में
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में प्रतयक् सवदेशी सनवेश प्रवाह 231.37 सबसलयन डॉलर था जो 2014- रूएसए कांग्स ररसचया सनवयास कली एक ररपोट्ट में उनह ें
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20 में 55% बढ़ोतरी के िाथ 358.29 सबसलयन डॉलर पहंच गया। सशासन का राजा (नकग ऑफ गवनस) कहा गरा था।
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जबनक 26 माचया 2012 को अपने अंक में दननरा कली प्रमख
न्यू इंडिया समाचार 21