Page 24 - NIS Hindi November 1-15
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आवरण         लोकल हुआ गलोबल
          कथा

                                               देने का िुख


                        इि तयोहार आप भी बां्ें खुसशयां...






                                                                             प्रधानमंत्ी िे ‘किक्वरी इन, किक्वरी
                                                                          n
                                                                            आउ्ट’आह्ान िे बा् कपछ्ी क्वा्ी
                                                                            पर ्लोगों न जरूरतमं्ों िे सार
                                                                                     दे
                                                                            जमिर खुकश्यां बां्टी।

                                                                                                    दे
                                                                            गरीबों िे घरों में ए्पीजी िनकशन
                                                                          n
                                                                                                  दे
                                                                                दे
                                                                            पहुंच इसिे क्ए 1 िरलोड स ज्या्ा
                                                                                          दे
                                                                                  दे
           त्यलोहारों िी इस घड़ली में पररवार के सभली  फैले। हम वहां खयुनशरां बांटें जहां अभाव   ्लोगों न सवदेचछा स गैस सलबसिी छलोड
           लोग  साथ  जयुटेंगे।  घर  खयुनशरों  से  भर  हो और रे हमारा ट्वभाव भली हो। हमारे घरों   राषट्र कनमा्थण में कि्या सह्यलोग।
                                                                                     दे
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           जाएगा।  लनकन  आसपास  बहयुत  से  ऐस  में नमिाईरों, कपड़ों, उपहार आएं तो एक   n  63 ्ाख स ज्या्ा वररषठ नागररिों न  दे
                                                                                      दे
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           लोग हैं, जो इन तरोहारों कली खयुनशरों स  पल उसे जरूरतमंदों तक पहंचाने के बार  े  ट्रेन में कम्न वा्ी छटू्ट िलो सवदेचछा स  दे
                                                             यु
                                                                                 दे
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           वनचत रह जाते हैं। इसली को नचराग तल  में भली सोचें। हमारे घरों में जो अनधकता ह  रै  छलोडन िा फैस्ा कि्या।
                                       े
                                       े
           अंधेरा कहते हैं। एक तरफ घर रोशनली स  नजसको हम काम में नहीं लेते ऐसली चलीजों   n  िरीब 6.5 िरलोड ्लोग ्टैकस कर्टन्थ
           जगमगाते हैं तो दूसरली तरफ उसली के सामन  को बाहर लोगों से जरूर बांटें। रह तरोहार   फाइ् िर सरिार िलो सह्यलोग िर
                                       े
                                                                ं
                                                     रै
                                      रै
           कुछ लोगों के घरों में अंधेरा छारा रहता ह।  कली कहानली नहीं ह, बस्लक प्रधानमत्रली नरेंद्र   रह हैं। ्यह जलो 2013-14 िे मुिाब्दे
                                                                              दे
           कुछ घरों में नमिाईरां खराब हो रहली होतली ह  मोदली ने इनहीं शबदों में नपछलली नदवालली स  े  ्लोगुनी संख्या है।
                                       रै
           तो कुछ घरों में बच् नमिाई को तरसते हैं।  पहले मन कली बात में देश को प्रररत नकरा
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                                                              े
                                                                                         दे
                                                                          n  िॉक्टर हर महीन िी 9 तारीख िलो
           कहीं आलमारली में कपड़े रखने कली जगह  था।  खयुनशरां  बांटने  का  सयुखद  अहसास   प्रधानमंत्ी सुरकक्त मातृतव अकभ्यान
                                                            रै
           नहीं होतली तो कहीं तन ढंकने कली मयुस्शकल।  तरोहारों में और बढ़ जाता ह। उनके इस   िे तहत गभ्थवती मकह्ाओं िा मुफत
             े
           लनकन इन तरोहारों का असलली आनंद तभली  तरह के ननरंतर आह्ान में देश ने हमेशा   ई्ाज िर रह हैं।
                                                                                       दे
           ह जब रह अंधेरा छटे, उनजराला चहयुंओर  बढ़-चढ़कर नहट्सा नलरा भली ह।
             रै
                                                             रै
        समाचार पनत्रका ‘टाइम’ ने ‘मोदली मतलब वरापार (Modi Means   ह। रहां वह हर चलीज ह जो एक ननवेशक कहीं ननवेश करने से पहले
                                                                             रै
                                                             रै
        Business)’ शलीरक से एक आवरण ररपोट्ट प्रकानशत कली थली।   सोचते  हैं।  उनका  संदेश  साफ  था,  “भारत  में  राजनरैनतक  स्ट्थरता,
                       या
        संरयुकत राजर अमेररका के एक अग्णली नथंक टैंक रियुनकंगस इंट्टलीट्शन   ननवेश के नलए अनकूल नलीनतरां हैं। भारत कली स्ट्थनत आज मजबूत ह  रै
                                                      ू
                                                                          यु
        के प्रबंध ननदेशक नवनलरम एनथोनलस ने नलखा था, “नरेंद्र मोदली     और आने वाले समर में और मजबूत होगली।” उनहोंने हाल में नकए गए
                                                              यु
        एक प्रनतभाशालली और प्रभावली राजनेता हैं और वो वहली करते हैं जो   सधारों का नजक्र करते हए कनाडा के उद्ोगपनतरों को भारत में नशक्षा,
                                                                             यु
        वो कहते हैं।” प्रधानमंत्रली बनने के बाद भली उनहोंने इस सोच को   कृनर और नवननमायाण समेत नवनभन्न क्षेत्रों में ननवेश के नलए आमंनत्रत
        ‘भारत प्रथम’ के नसद्ांत से जोड़ा और देश को नई नदशा में लेकर   भली नकरा।
        चल पड़े।                                                ननस्शचत तौर से भारत दृस्ष्टकोण और बाजारों के नलहाज से तेजली
                                                                       रै
          भारत कली इस प्रगनत पर प्रधानमंत्रली मोदली ने कनाडा में आरोनजत   से बदल रहा ह तो ‘वोकल फॉर लोकल’ मंत्र के साथ देश को नई
                                              यु
        इनवेट्ट इंनडरा-2020 सममेलन को संबोनधत करते हए कहा नक एक   ऊंचाईरों पर ले जाने का 130 करोड़ भारतलीरों का संकलप भली ट्थानलीर
                                                                                          रै
        गनतशलील लोकतंत्र, राजनरैनतक स्ट्थरता और वरापार अनकूल नलीनतरों   उतपाद और बाजार को बढ़ावा दे रहा ह तानक देश के उतपादों को
                                                यु
        के साथ भारत नवदेशली ननवेशकों के नलए आकरक और बेजोड़ गंतवर   गलोबल बनारा जा सके। n
                                          या
          22   न्यू इंडिया समाचार
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