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सवज्ान     रेज-2020 और वैभव िसम्






                         वैशशवक भारतीय वैज्ाहनक सममेलन का ऐसे बढ़ा ‘वैभव’

                                             दे
               55 ्देशों िे भारती्य मू् िे 3 हजार स अकधि         कवचार-कवमश्थ सत्ों िा आ्यलोजन।
             n
               कशक्ाकव्ों व वैज्ाकनिों िे सार-सार 10 हजार      n    कशक्ा और अनुसंधान क्देत् िे ्देश व कव्देश में बस  दे
                 दे
                                                   दे
               स अकधि प्रवासी कशक्ाकव्ों और वैज्ाकनिों न िी      भारती्य मू् िे क्गगज जु्टे एि मंच पर।
               भागी्ारी।
                                                                                                    दे
                                                               n  इसिा ्क््य वैलशवि आउ्टरीच िे माध्यम स ्देश में
               पूर अक्टटूबर महीन में ्गभग 200 शैक्कणि संसरानों
                             दे
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                                                                             दे
             n                                                   ज्ान और इनलोवशन िे पाररलसरकतिी तंत् िा कविास
                                                    दे
               और कवज्ान व प्रौद्लोकगिी कवभाग िे माध्यम स कशखर   िरना है।
               सममदे्न िा आ्यलोजन
                                                                                                     दे
                                                                                                       दे
                                                               n  वैलशवि कविास में भारत िे ्यलोग्ान िलो बढ़ान हतु
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                              दे
               ्कन्या िे 1500 स अकधि पैनक्स्ट, 200 प्रमुख
             n                                                   शैक्कणि और कवज्ान व प्रौद्लोकगिी िे आधार िलो
               भारती्य शलोधिता्थओं और शैक्कणि संसरानों िी        मजबूत बनान वा्दे सह्यलोग तंत् पर चचा्थ िरना रा।
                                                                            दे
               भागी्ारी।
                                                                                                      दे
                                                                   दे
                                                                        दे
                                                                                          ें
                                                               n  पूर महीन वदेकबनार, वीकि्यलो िांफ्स िे माध्यम स िई
                          दे
                                                 दे
               18 कवकभन् क्त्ों और 80  कवर्यों पर 200 स अकधि
             n                                                   आ्यलोजन।
                              इस मौके पर प्रधानमंत्ी के संबोधन के अहम हबंदु
               आज महातमा गांधली कली जरंतली के अवसर पर हम लोग नमल रहे   ररसचया और इनोवेशन को बढ़ावा देना और नई प्रनतभाओं को
             n
               हैं। वे गांव, समग् मानवता के कलराण के बारे में सोचा करते   अवसर प्रदान करना हरै।
                                   रै
               थे। रहली नवज्ान का भली लक्र ह।                 n  ट्टाट्ट अप सेकटर को प्रोतसाहन नदरा जा रहा ह। हम देश में श्ेष्ि
                                                                                              रै
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                                                                  यु
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             n  वभव सनमट के जररए हम प्रवासली भारतलीरों को पन: अपने देश   अनसंधानों से नकसानों कली मदद करना चाहते हैं।
               से जड़ने का अवसर दे रहे हैं।                    n  हमारे कृनर अनसंधान वज्ाननकों ने दालों के हमारे उतपादन को
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                                                                          यु
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             n  भारतलीर समदार दननरा भर में हर क्षेत्र में बेहतरलीन कार कर रहे   बढ़ाने के नलए कड़ली मेहनत कली ह। आज हम अपनली दाल के एक
               हैं। इसमें नशक्षा व शोध भली शानमल ह।             मामूलली नहट्से का हली आरात करते हैं। हमारा खाद्ान्न उतपादन
                                        रै
                                                                              यु
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             n  कंपरूटर, मोबाइल के दौर में बाइनरली कोड कली अहनमरत ह।   ररकॉड्ट ऊंचाई पर पहंच गरा ह। रै
                                                   रै
                                                                  यु
               जलीरो भारत कली देन ह। प्राचलीन काल में सश्त जसे कई वज्ाननकों   n  अनसंधान और शोध को प्रोतसाहन देना मौजूदा दौर कली आवशरकता
                                           यु
                            रै
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                                              रै
               ने इसे समृद् बनारा ह।                            ह। वभव सनमट इस नदशा में बेहद कारगर सानबत होगा।
                                                                 रै
                              रै
                                                                   रै
               सभरता के नवकास के क्रम में हर दौर कली अपनली खानसरत रहली हरै।   हमने सपरकंपरूनटंग और साइबर-नफनजकल नसट्टम पर बड़े
                                                                     यु
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                                                                      यु
               हमारे सामानजक-आनथयाक नवकास के क्रम में शोध कली बड़ली अहनमरत   नमशन शरू नकए हैं। रह कुशल रयुवा मानव संसाधन तरैरार
               ह। देश में ट्वदेशली वरैकसलीन के नवकास पर जोर नदरा जा रहा ह। रै  करने में मदद करेगा। ट्टाट्ट-अप क्षेत्र भली समृद् होगा। इस
                रै
                                              रै
             n  तलीन दशक बाद देश को नई नशक्षा नलीनत नमलली ह। नजसका लक्र   नमशन के तहत 25 टेक्ोलॉजली इनोवेशन हब पहले हली लॉनच
                                                                       यु
                                                                नकए जा चके हैं।
        सोचने कली शस्कत ने मनयुष्र को उपकरण और तकनलीक बनाने में           रज-एआई सकम्ट             QR िलोि सिैन
                                                                           दे
        सक्षम बनारा। आज इन उपकरणों और प्रौद्ोनगनकरों ने सलीखने और         में पीएम िा पूरा         िर वैभव सकम्ट
                                                                                दे
                                                                                  े
        •सोचने कली शस्कत भली हानसल कर लली ह। इसमें एक प्रमख उभरतली       संबलोधन सुनन ि क्ए        में पीएम िा पूरा
                                     रै
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                                                                                                    संबलोधन सुनें।
                                                                         QR िलोि सिैन िरें।
        तकनलीक  आनट्टनफशल  इंटेललीजेंस  ह।  मानव  और  आनट्टनफशल
                                   रै
                                          रै
        इंटेललीजेंस का टलीमवक्फ चमतकार कर सकता ह। इसनलए नवशेरज्ों   के नलए 2035 तक 957 नबनलरन अमेररकली डॉलर रानली करलीब 7
                                                                                          रै
        का मानना ह नक आनट्टनफनशरल इंटेनलजेंस भारत कली अथयावरवट्था   लाख करोड़ रु. आकनरयात कर सकतली ह। n
                 रै
          28   न्यू इंडिया समाचार
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