Page 37 - NIS Hindi November 16-30
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कैनबन् के िसि े
                                                                                                      े
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                  िैसिा: जट उत्पादि रिसानों और मजदरों िे रिए बड़मी ्पहि िमी मंजरमी, खाद्यान् िमी
                                                                         यू
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                     100 िमीसदमी और चमीनमी िमी 20 िमीसदमी ्पिरजंग अब जट िमी बयोरर्ों में हमी हयोगमी।
                                                           ै
                                     प्भाव: इससे जूट कली खेतली के सा् जूट उद्योग को बढ़ावा नमलेगा, नए रोजगार नमलेंगे और
                                     नकसानों का फारदा होगा। 4 लाख से जरादा नकसान जूट कली खेतली में काम करते हैं। मूलत: पस्शचम
                                                             यु
                                     बंगाल, ओनडशा, मेघालर, नत्रपरा, आंध्र प्रदेश में जूट उतपादन होता है। इसकली उतपादकता व
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                                     गणवत्ता बढ़े, इसके नलए आई-केरर कारयारिम नकरा जाता है। इसके नलए उन्नत बलीज भली नदए
                                                 यु
                                     गए हैं और आधननक तकनलीक भली दली जा रहली है। नए फैसले से नकसानों कली आर में हर हेकटेरर
                                     10 हजार रुपरे तक कली बढ़ोतरली होगली। अभली टैररफ कमलीशन विारा तर कली गई कलीमत पर हली जूट
                                     बेचा जाता है।



                                                             कशमलीर के सेब नकसानों से सलीधे कली जाएगली। प्रतरक् लाभ हट्तातरण
                                                                                                         ं
                                                             (डलीबलीटली) के माधरम से भगतान नकरा जाएगा। इस रोजना के तहत
                                                                                यु
                                                             12 लाख मलीनरिक टन सेब खरलीदे जा सकते हैं।
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                                                             िसिा: बांधों ि सुधार और रखरखाव िा्षिक्रम ियो मंजयूरमी,
                                                                       े
                                                             19 राज्ों ि 736 बांध च्रनत, 10 हजार िरयोड़ रु्प्े स  े
                                                             ज्ादा खचषि होंग े
                                                                                      यु
                                                             प्भाव:  रह देश में बांधों कली सरक्ा और उनके रखरखाव कली
                                                             कारयारोजना का दूसरा और तलीसरा चरण है। पहले चरण कली शयुरुआत
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        िसिा: सेब उत्पादिों ि रिए िाभिारमी मयूल् सरनसशचत     विया 2011 में कली गई ्ली। विया 2014 के बाद इस कारयारिम में और
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        िरने ि रिए बाजार ह्तक्षे्प ्योजना (एमआईएस) ि रव्तार   तेजली लाई गई ्ली।  भारत में अभली 5334 बांध हैं, सा् हली 411 बांध
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        ियो मंजरमी।                                          बनाए जा रहे हैं। अमेररका और चलीन के बाद बांधों के मामले में भारत
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        प्भाव: रह सेब उतपादकों को उतपाद बेचने के नलए एक प्रभावली मंच   दननरा में तलीसरे नंबर पर है।  नबजलली, नसंचाई और परजल सपलाई के
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        प्रदान करेगली और ट््ानलीर लोगों के नलए रोजगार कली सयुनवधा मयुहरा   सा् हली बाढ़ से बचाने में भली बांधों का अहम रोगदान है। लनकन भारत
                                                                                                     े
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        कराएगली। नैफेड विारा तर एजेंसली के जररए जमम-                         में मौजूदा बांधों में से 80 फलीसदली कली उम्र 25
        कशमलीर के नकसानों से सलीधे सेब कली खरलीद कली जाएगली                  साल से जरादा हो चकली है। बांध में नकसली भली
                                                                                            यु
        और डलीबलीटली के जररए भगतान होगा। इस अनभरान के                        प्रकार कली क्नत से जानमाल का भारली नकसान
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                                                                                                        यु
        नलए नैफेड को 25 हजार करोड़ कली सरकारली गारंटली                        उठाना पड़ता है।   ऐसे में इनके पनरुद्धार और
                                                                                                    यु
        उपरोग करने कली अनयुमनत होगली नजससे 12 लाख   21 अ्टबर    29 अ्टबर     क्मता बढ़ाने कली जरूरत महसूस कली जा रहली
                                                                     टू
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        मलीनरिक टन सेब खरलीदे जा सकते हैं। प्रधानमत्रली नरनद्र   िरबनेट ि िसिों ्पर ्परा संबयोधन   ्ली। केंद्र सरकार ने इसली नदशा में आगे बढ़त  े
                                                                  यू
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        मोदली कली अधरक्ता में केंद्रलीर मनत्रमंडल विारा नपछल  े  सुनने ि रिए QR ियोि ्िैन िरें।  हए इस रोजना को मंजूदली दली है। इसके तहत
                                                                               यु
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        सत्र रानली 2019-20 में नजस तरह से जमम कशमलीर                         19 राजरों के 736 बांधों के रखरखाब के नलए
                                       ू
        में ननरम और शतशों का पालन नकरा गरा ्ा, उसली तरह वतयामान सत्र   4-4 साल कली 2 रोजनाएं बनाई गई हैं। जरूरत पड़ने पर इनह दो
                                                                                                          ें
        रानली 2020-21 में भली जमम एवं कशमलीर (जेएंडके) में सेब खरलीद के   साल और बढ़ारा जा सकता है। इस कारयारिम पर कुल 10 हजार 211
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        नलए माकट इंटरवेंशन ट्कलीम के नवट्तार को मंजूरली दे दली है। सेब कली   करोड़ रुपरे खचया नकए जाएंगे। … कुल लागत में 80 फलीसदली अंशदान
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        खरलीद केंद्रलीर खरलीद एजेंसली रानली राषरिलीर कृनि सहकारली नवपणन संघ   नवशव बैंक और एनशरन इफा बैंक के माधरम से जयुटारा जाएगा। 19
                                                                               ं
        नलनमटेड (नैफेड) विारा राजर नानमत एजेंसली रोजना और नवपणन   राजरों के सा् 2 केंद्रलीर सट््ान ने भली इस रोजना से जड़ने कली मंजूरली
                                                                                                   यु
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        ननदेशालर, बागवानली और जमम और कशमलीर बागवानली प्रसट्करण   दे दली है। केंद्र सरकार कली इस रोजना से कुल 10 लाख मानव नदवस
        और नवपणन ननगम (जेकेएचपलीएमसली) के माधरम से जमम एव  ं  कार सनजत होंगे।
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