Page 32 - NIS Hindi November 16-30
P. 32
देश राष्ट्ीय एकता नदवस
लोक से लोकतंत्र, सरकार से
सुशासन ही नए भारत का रंत्र
े
संनवधान एवं सनातन के संतुिन के अनद्तीय प्रतीक सरदार प्ि ने देश के एकीकरण से िेकर
तृ
सोमनाथ मंनदर के पुननन्षमा्षण तक अपने जीवन का क्षण-क्षण भारत में एक राष्ट् का भाव जागत करने
वािे सरदार प्ि की 145वीं जयंती पर नए भारत का संकलप- नवीन, श्ेष्ठ और आतमननभ्षर भारत।
े
यु
प्रशासन में अनसंधान और इनोवेशन को बढ़ावा देना।
इस नदशा में सरकार लगातार काम कर रहली है। सरदार पटेल
कली जरंतली के मौकों पर नवनभन्न कारयारिमों का उदघाटन और प्रनशक् यु
टू
ं
नौकरशाहली के सा् सलीधे संवाद में प्रधानमत्रली नरेंद्र मोदली ने दो-टक
कहा, “आतमननभयार भारत के नलए नवज्ान-तकनलीक और संसाधनों कली
ू
जरूरत है। जन आकांक्ाओं कली पनतया के नलए नए मागया और नए तौर-
तरलीके अपनाने होंगे। सरकार शलीिया से नहीं चलतली, जनता का समावेश
यु
जरूरली है करोंनक जनता हली इसको चलातली है। जनता से जड़ कर आप
यु
सहस्शस्कत बन जाएंगे। हमें सरकार से सशासन कली तरफ बढ़ना है।”
इस मौिे ्पर ्पमीएम िे संबयोधन ियो इन रबंदुओं में जारनए:
े
आज ‘एक भारत, श्षठ भारत’ कली भावना, ‘आतमननभयार
n
यु
भारत’ कली भावना, एक ‘नवलीन भारत’ का ननमायाण होते हए
देख रहली है।
पहले के समर प्रनशक्ण में आधननक दृस्षटकोण कैसे आए,
यु
n
इस बारे में बहत सोचा नहीं गरा। लेनकन अब देश में
यु
यु
मानव संसाधन और आधननक प्रनशक्ण पर फोकस नकरा
जा रहा है।
ू
जादली के 75 साल पूरे होने पर ‘नर इनडरा’ के संकलप n आज हम 130 करोड़ देशवासली नमलकर एक ऐसे राषरि का
ं
के सा् ज्ान-नवज्ान-तकनलीक के जररए सरकार न े ननमायाण कर रहे हैं जो सशकत भली हो और सक्म भली हो।
नें
आ मलील का पत्र ट््ानपत नकरा है तो अब ‘गवनस इन नजसमें समानता भली हो और संभावनाएं भली हों।
ं
इनडरा @100’ रानली आजादली के सौवें साल तक सशासन का सवयाश्षठ n आतमननभयार देश हली अपनली प्रगनत के सा्-सा् अपनली सरक्ा
यु
े
यु
मॉडल साकार करने के नलए नौकरशाहली को कमयारोगली बनाने कली नदशा में के नलए भली आशवट्त रह सकता है, अपनली संप्रभता और
यु
ं
में काम तेज कर नदरा है। नजसके तलीन आराम हैं- पहला: एक साट्कृनतक सममान कली रक्ा के नलए आज का भारत पूरली तरह तैरार
या
प्रभाव के रूप में भारत में साट्कृनतक-आन्क नवनवधता को एकजटता है। जब हम सबका नहत सोचेंगे, तभली हमारली प्रगनत भली होगली,
यु
ं
कली ताकत से जोड़ना एक भारत, श्ेषठ भारत का सपना साकार करना, उन्ननत भली होगली।
दूसरा: ऊजाया, ट्वाट््थर और चनौनतरों से ननपटने के नलए बड़ली प्रणानलरों
यु
यु
n आज के माहौल में, दननरा के सभली देशों को, सभली सरकारों
का ननमायाण कर आतमननभयार भारत बनाना और तलीसरा: नशक्ा, उद्योग और
को, सभली पं्ों को, आतंकवाद के नखलाफ एकजट होने कली
यु
30 न्यू इंडिया समाचार