Page 26 - NIS Hindi 2021 November 1-15
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आवरण लोकिल िे गलोबल
कि्ा भारतीय उतपाद
84 देशों को रक्षा उपकरण
तनया्यि कर रहा भारि
हमेिा दुट्नया के सबसे बड़े हट्थयार
n
आयातक के रूप में पहचाने जाने
वाला भारत अब रक्ा उतपादों के
ट्नयामात की ट्दिा में आगे बढ़ रहा है।
मा
भारत का रक्ा ट्नयामात जो वर 2014-
n
15 में 1941 करोड़ रुपये था वह 334
प्ट्तित बढ़कर 2020-21 में 8434
करोड़ रुपये हुआ। पहली बार
मा
भारत दुट्नया के िीर 25 रक्ा उतपाद
ट्नयामातकों में िाट्मल हुआ है।
सेना में तेजस, अजुमान एमके-1ए
n
टैंक, धनुर तोप, आकाि ट्मसाइल तसमलनाडु और उत्तर प्रदेश में
(सतह से हवा में), ट्पनाका रॉकेट,
ें
ू
आइएनएस कलवरी, बुलेटप्फ दो सडरि किॉरीडोर किे जररए
हेलमेट, नई पीढ़ी की रिाह्ोस भारत में रक्ा उतपादों किे सनमा्षण
ट्मसाइल समेत बेहतरीन श्णी के
े
सवदेिी रक्ा उतपादों को वरीयता किा नया रासता तैयार।
के साथ हम 84 देिों को अपने रक्ा
उतपाद ट्नयामात कर रहे हैं।
उद्ोगों को प्रोतसाहन बनी कांभ्कारी पहल बनाई गई है, उन सेकटर
ट्थानलीर उतपादों को बढावा देने और देश में हली उसकली मै्रयुफैकचररंग में अभली नजतनली कारक्यामता काम
यु
के नलए केंद्र सरकार ने पहलली बार 13 महतवपूणया सेकटरों कली कर रहली है, वो करलीब-करलीब दोगनली हो
यु
पहचान कर उतपादन संबधि प्रोतसाहन (पलीएलआई) कली शरुआत जाएगली। इंिट्रिली को तो उतपादन और ननरायात में लाभ होगा हली, देश
े
यु
कली है, नजन क्ेत्रों में देश को आरात पर हली ननभयार रहना पड़ता था। में आर बढने से जो मांग बढगली, उसका भली लाभ होगा, रानली दोगना
इस वर के बजट में पलीएलआई ट्कलीम से जयुड़ली रोजनाओं के नलए फारदा। इस पलीएलआई रोजना से देश को गलोबल मै्रयुफैकचररंग
या
करलीब 2 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान नकरा गरा है। उतपादन हब बनाने में मदद नमल रहली है। इसका नतलीजा है नक देश के कुल
का औसतन 5 प्रनतशत इंसेंनटव के रूप में नदरा गरा है। रानली नसफ्फ ननरायात में 33 फलीसदली से जरादा कली बढोतरली हो गई है। लगभग 168
पलीएलआई ट्कलीम के द्ारा हली आने वाले 5 सालों में लगभग 520 नबनलरन अमेररकली िॉलर के नेट वथया वाले भारतलीर रूननकॉ्सया के
यु
नबनलरन िॉलर का उतपादन भारत में होने का अनमान है। इतना हली साथ भारत सबसे तेज रफतार से आगे बढता ईको-नसट्टम बन
यु
नहीं, अनमान रे भली है नक नजन सेकटरों के नलए पलीएलआई रोजना गरा है।
24 न्यू इडिया समाचार | 1-15 नवंबर 2021
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