Page 4 - NIS Hindi 2021 November 16-31
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संपादक की कलम से...






                   सादर नमसकार,


                             मगहला- वो शक्त है, सश्त है, वो भारत की नारी है, न ज्ादा
                             में, न कम में, वो सब में बराबर की अगधकारी है।




                   गकसी भी संसकगत की प्रिगत मगहलाओं के सश्तीकरण के गबना अधूरी है। आज नए भारत का मुद्ा मगहलाओं के गवकास
                               कृ
                   का नहीं, बक्क मगहलाओं के नेतृतव वाले गवकास का है। खेल कूद हो अथवा अंतररक् गवज्ान, हमारे देश की मगहलाए  ं
                                                                                                        े
                   गकसी से पीछे नहीं हैं। आईएमएफ की ररपोर्ट बताती है गक मगहलाओं को पुरुषों के समान सभी का्यों में गहससदारी गमल  े
                   तो भारत की जीडीपी 27 फीसदी तक बढ़ सकती है। लगकन इसके गलए सबसे बड़ी जरूरत है- मगहलाओं को सुरगक्त
                                                               े
                   वातावरण उपलबध कराना। वतजामान केंद्र सरकार ने इस महतव को बखूबी समझा और तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं पर
                   कुठाराघात गक्ा। बीते कुछ वषयों में ही समाज ही नहीं, पररवार के भीतर भी मगहलाओं और पुरुषों में भेदभाव को खतम
                   करने की पहल करते हुए सुरक्ा का भाव पनपने लिा है। इसी का पररणाम है गक केंद्र सरकार की अगधकांश ्ोजनाओं की
                   लाभाथथी अब मगहलाएं हैं और मगहला के नेतृतव में गवकास नीगतित प्राथगमकता बन िई है।

                                                                            ु
                      मगहलाओं को उनके अगधकारों के गलए जािरूक करने के गलए सं््त राष्ट्र हर साल 25 नवंबर को अंतरराष्ट्री्
                   मगहला गहंसा उनमूलन गदवस मनाता है, ऐसे में मगहला शक्त के गलए नए भारत में नए अवसर के साथ सुरक्ा का माहौल
                   गकस तरह उपलबध करा्ा जा रहा है, ्ही इस बार की आवरण कथा बनी है। मगहला सुरक्ा के गलए सरकार के साथ-
                   साथ सभ् समाज की सोच भी महतवपूणजा कड़ी है और इसमें ‘सबका प्र्ास’ राष्ट्र की प्रिगत का आधार बन रहा है।

                      इसी सोच से भारत 100 करोड़ वै्सीन डोज का ररकॉड्ट बना नए उतसाह और नई ऊजाजा के साथ आिे बढ़ रहा है।
                   कोगवड से आम नािररकों की सुरक्ा सुगनक्चत करने में रीकाकरण की अभूतपूवजा िगत ने पररवार, समाज और राष्ट्र को
                   सुरगक्त माहौल गद्ा है। इसमें भी नारी शक्त का ्ोिदान महतवपूणजा है। नारी शक्त के गलए गशक्ा की महत्ा महातमा

                   ज्ोगतबा फुले से बेहतर कौन बता सकता है। उनकी पुण्गतगथ 28 नवंबर पर गवशेष सामग्ी इस अंक में है।
                      प्रधानमंत्ी आवास ्ोजना गकस तरह मगहलाओं को आवास के साथ-साथ मागलकाना हक गदला रही है, इस अंक में
                   फलैिगशप ्ोजना के रूप में शागमल है। रक्ा क्ेत् में आतमगनभजारता के साथ-साथ अमृत महोतसव की कड़ी में संगवधान

                   गदवस और संगवधान बनाने में ्ोिदान देने वालीं नाग्काओं को नमन इस बार के अंक का गवगशष्र आकषजाण है।



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                   कोगवड के गखलाफ ्धि में सुरक्ा प्रोरोकॉल का पालन करते रहें।

                   पता-  बयमूरो ऑफ आउटरसीच एंड कमयुननकेशन,
                         ्मूचना भवन, नवितसीय तल
                             नई नदललसी- 110003
                        ईमेल- response-nis@pib.gov.in




                                                                                   (ियदसीप भटनारर)
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