Page 4 - Hindi NIS 1-15 January 2022
P. 4

संपादक की कलम से...






                  सादर नमसकार।
                  नववर्ष की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

                  वषमा 2022, हर साल की भांित केवल कैलेंडर में बदलाव भर नहीं है। यह राष्ट्र की जीवन यात्ा का एक बेहद महतवप्िमा
                  पिाव है- सवतंत् भारत का। देश अपनी सवतंत्ता की 75वीं वषमागांठ मना रहा है तो यह अवसर एक प्रतीक बन रहा है
                  नए भारत का, कुछ उसी तरह जैसे राष्ट्रिपता महातमा गांधी ने चरखे और नमक को आजादी के आंदोलन का प्रतीक
                  बना िदया था। प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75वें वषमा को एक ऐसा अवसर बना िदया है जो अपने सवििमाम काल
                  यानी 2047 तक देश को एक बार िफर सोने की िचििया बनाने को संकललपत है।

                    बीते कुछ वषषों में राष्ट्र ने प्रगित का नया प्रितमान कायम िकया है। लेिकन अभी भी देश को मीलों का सफर तय
                  करना है। िवकास को हर षिेत् में कुछ लोगों की बजाए शत-प्रितशत तक ले जाना है, िजसे साकार करने के िलए शुरू हो
                  चुकी है- अमृत यात्ा। भारत को आतमिनभमार बनाने की मुिहम को जन आंदोलन बनाना हो या िफर िवकास की यात्ा में
                  अंितम छोर पर बैठे वयल्तयों को समायोिजत करना, लक्य से कहीं आगे बढ़कर भारत ने मजब्त नींव तैयार कर दी है।
                  अब अमृत काल में भारत का लक्य िवकास को टुकिों में बांटकर नहीं, यहां से वहां तक ही नहीं, बललक छूटे हुए समाज
                  के सभी वगमा, षिेत्, गांव-शहर, कोना-कोना को साथ लेकर चलने का रखा है, तािक िवकास सवाांगीि, सवमासपशशी और
                  समावेशी हो। जल-थल-नभ हर षिेत् में देश ने गित पकिी है। बीते कुछ वषषों के प्रयास ने िसद्ध िकया है िक 21वीं सदी
                  का भारत बिे लक्य गढ़ने और उसे साकार करने का सामरयमा रखता है। इस नववषमा िवशेषांक में अमृत वषमा तक का
                                                              ्
                  भारत कैसा है और सवििमाम वषमा का भारत कैसा होगा, इस परी अमृत यात्ा को आवरि कथा बनाया गया है।
                    वयल्ततव के रूप में परमवीर नायब सबेदार बाना िसंह के शौयमा की कहानी, अमृत महोतसव की किी में महानायकों
                                                ्
                                                                                         ्
                  की प्रेरक गाथा, भारत की आिथमाक प्रगित, िदवयता-भवयता की िमसाल काशी कॉररडोर, देहरादन-िदलली ए्सप्रेस-
                  वे से लेकर प्वाांचल की प्रगित और कोिवड में 55 फीसदी से अिधक पात् आबादी को वै्सीन की दोनों डोज लगाने
                  जैसे िवषय इस अंक में शािमल हैं।

                    कोिवड प्रोटोकॉल का पालन करते रिहए। अपना सुझाव आप हमें इस पते पर भेज सकते हैं:




                  पता-  कमरा संखया- 278, िवितीय तल,
                         बय्रो ऑफ आउटरीच एंड कमयुिनकेशन,
                         सचना भवन, िवितीय तल
                          ्
                             नई िदलली- 110003
                          ईमेल-  response-nis@pib.gov.in















                                                                              (जयदीप भटनागर)
   1   2   3   4   5   6   7   8   9