Page 9 - Hindi NIS 1-15 January 2022
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राष्ट्र काशी-्सर्यू परर्योजना
बुननयादी ढांचा हो या नफर देश के सांसकनतक गौरव को नया और आिुननकतम सवरू्प देने की ्पहल,
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केंद्र सरकार नकसी भी क्ेत् में कोई कसर नहीं ्ोड़ना चाहती। वरयों से लटके हुए प्रोजेकट जहां 2014 के
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बाद िरातल ्पर साकार हो रहे हैं तो सांसकनतक िरोहरों को भी भवयतम रू्प देकर नई गौरवगाथा नलखी
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जा रही है। उत्तर प्रदेश के दो उदाहरणों से आ्प इसे समझ सकते हैं। एक- सरय नहर नेशनल प्रोजेकट,
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नजसकी नींव तो रखी गई थी 1978 में लनकन असल में काम की शुरुआत यहां 2017 में हो ्पाई। दसरा-
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काशी नवशवनाथ कॉरीिोर, नजसकी नींव प्रिानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने 8 माच्ष 2019 को रखी थी और मात् 33
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माह 4 नदन में ही इस प्रोजेकट के ्पहले चरण को ्परा कर नदया गया। 11 नदसंबर को प्रिानमंत्ी नरेंद्र मोदी
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ने सरय नहर प्रोजेकट का लोका्प्षण नकया तो 13 नदसंबर को काशी नवशवनाथ कॉररिोर की सौगात देकर
यह बता नदया नक उनकी सरकार में अब काम न तो अटकते हैं और न लटकते हैं…...
क समर थिा, जब वािारसली में बननरादली ढांचे के
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नवकास को लेकि कहा जाता थिा नक इस शहि का
कुछ नहीं हो सकता। उसके कािर भली थिे, कदम- िािी िबदों िा सवषय नहीं है,
कदम पि मयुस्शकलें। कहीं िाट्ते में मंनदि तो कहीं
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ए अनतक्मर। कहते हैं नक रहां बननरादली संिचना का िंवेदनाओं िी िस्ट है।
हाल मधमकखली के छत्ते जैसा थिा, नजसे कोई छेड़ना िािी वो है- जहां जागृसत ही जीवन है!
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नहीं चाहता थिा। उस पि काशली नवशवनाथि मंनदि के पास हली इस कदि
अनतक्मर थिा नक ढंर से चलना भली कभली-कभली मयुस्शकल हो जाता थिा। िािी वो है- जहां मृतयरु भी मंगल है!
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लेनकन प्रधानमंत्रली निेंद्र मोदली ने काशली नवशवनाथि कॉरििोि को जरिए िािी वो है- जहां ितय ही ि्िार है!
वािारसली कली इस परिभाषा को बदल नदरा है। 13 नदसंबि को अपने ड्लीम िािी वो है- जहां प्रेम ही परंपरा है!
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प्रोजेकट काशली नवशवनाथि कॉरििोि का शभ िेवतली नक्त्र में उदघाटन
किते हए वािरसली से उनका प्रेम भावों में झलका तो शबदों ने हृदर के – नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी
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भलीति के उस नवट्ताि को जरह दली, नजसका सपना 2014 में पहलली
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बाि प्रधानमंत्रली मोदली ने देखा थिा। उनहोंने कहा, “शाट्त्रों में सना है, जब
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भली कोई शभ अवसि होता है तो सािली दैवलीर शस्कतरां बनािस में बाबा
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के पास उपस्ट्थित हो जातली हैं। कुछ ऐसा हली अनभव आज मझे बाबा
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के दिबाि में आकि हो िहा है। ऐसा लर िहा है नक हमािा पूिा चैतनर
ब्रमहांि इससे जयुड़ा है। वैसे अपनली मारा का नवट्ताि बाबा हली जाने। जहां
तक मानवलीर दृस्षट जातली है। नवशवनाथि धाम को समर पि पूिा किने से
पूिा नवशव जयुड़ा है। आज भरवान नशव का नप्रर नदन सोमवाि है। नवक्म
संवत 2078, दशमली नतनथि एक नरा इनतहास िच िहली है।”
प्रिानमंत्ी ने काशी आधयासतमकता का नजक्र नकया तो महान
नवरासत के साथ आजादी के अमृत वर्ष में नवकास यात्ा का
अ्पना संकल्प भी दोहराया। प्रिानमंत्ी के संबोिन के अंश…
काशी की आध्याकतमकता को नमन
हमािे पयुिारों में कहा ररा है नक जैसे हली कोई काशली में प्रवेश किता है,
सािे बंधनों से मकत हो जाता है। भरवान नवशवेशवि का आशलीवायाद, एक
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अलौनकक ऊजाया हमािली अंति-आतमा को जारृत कि देतली है।
न्यू इडिया समाचार | 1-15 जनवरी 2022 7
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