Page 46 - Hindi NIS 1-15 January 2022
P. 46
राष्ट्र रू्स-भारत ्सममेलन
भारत-रूस संबंधों को
रमला नया आयाम
28 समझौतों ्पर
लगी मुहर
दोनों देि 2025 ति दो-तररा सनवेि िो 50 अरब िॉलर
और वयापार िो 30 अरब िॉलर िे पार ले जाना िाहते हैं।
रा्ट्पसत परुसतन िी इि यात्ा में 28 िमझौतों पर ह्ताक्र
हए हैं।
रु
दोनों देिों ने िनेसकटसवटी िे लेिर िैनय िहयोग, ऊजा्ज
िाझेदारी िे लेिर अंतररक् क्ेत् में भागीदारी िे अनेि मरुद्दे
िासमल हैं। िाथि ही िंयकत बयान जारी िर अपनी दो्ती
रु
िो िांसत, प्रगसत और िमृसद् िी िाझेदारी िरार सदया।
रूि िे सवदेि मंत्ी िगगेई लावरोर और रक्ा मंत्ी िगगेई
िोउगू िे िाथि भारत िे रक्ा मंत्ी राजनाथि सिंह और सवदेि
ं
रु
आजादी के बाद से ही जब भारत बाकी दुननया के साथ मंत्ी एि जयििर िी 2+2 बातिीत भी हई।
कदमताल की कोनशश कर रहा था, रूस के रू्प में उसे अननय सवदेि िसिव हष्जवध्जन श्रृंगला ने बैिि िे बाद िहा, 'इि
सहयोगी नमला तो प्रिानमंत्ी नरेंद्र मोदी के नेतृतवकाल में यह यात्ा में 28 िमझौतों पर ह्ताक्र हए है। िमझौतों में
रु
दोसती और प्रगाढ़ हुई है। रूस और भारत के ररशते इस दौर में नकस वयापार, ऊजा्ज, बौसद्ि िंपदा, बैंसिंग, अिाउंटेंिी जैिे क्ेत्
मुकाम ्पर हैं, इसे 6 नदसंबर को रूस के राषट््पनत वलानदमीर ्पनतन िासमल हैं। वाता्ज में बाइलेट्ल ट्ेि और इनवे्टमेंट िो बढ़ाने
ु
की एक नदन की भारत यात्ा से भी समझ सकते हैं, कयोंनक बीते पर रोिि रहा।'
दो वरयों में कोनवि की नव्परीत ्पररससथनतयों के बीच ्पनतन का एि तरर जहां अंतररा्ट्ीय उत्तर-दसक्ि ट्ांिपोट्ड
ु
यू
यह नसफ्फ दसरा नवदेश दौरा है… िॉररिोर िी योजना आगे बढ़ाने पर रजामंदी हई।
रु
नद ललली में 6 नदसंबि को जब रस के िाषरिपनत वलानदमलीि पयुनतन औि वहीं, दोनों पक् जलदी ही भारत िे िन्ई िो रूि िे
े
वलासदवो्ति ति जोिने वाले िमरुद्री गसलयारे पर भी तेजी
निद्र मोदली ने कोिोना महामािली के दौि में दोनों देशों कली दोट्तली को
ें
िे िाम िरने िो िहमत हैं।
यु
रै
ू
कसे एक नरा आराम नदरा, रह पिली दननरा ने देखा। पयुनतन जली-20 सनमट भारत और रूि ने अपने िैनय और तिनीिी िहयोग
यु
यु
के नलए िोम नहीं रए थिे। वो गलासरो में परायाविर औि जलवार पि हए िमझौते िो अगले 10 िाल िे सलए बढ़ाने िा रिला
ै
कॉप-26 सममलन में भली शानमल नहीं हए थिे। हाल हली में उनह चलीन का दौिा सिया है. इििे तहत िाझा िैनय उतपादन और अनरुिंधान-
े
यु
ें
या
यु
े
भली किना थिा जो नक बहत महतवपूर थिा लनकन पयुनतन वहां भली नहीं रए, सविाि पर िहमसत बनी है। भारत िे ररजव्ज बैंि और रूि
लनकन 21वें भाित-रस नशखि सममलन में आकि उनहोंने अहम संदेश िे बैंि ऑर रसिया ने िायबर हमलों िे सखलार समलिर
े
े
नदरा औि इसलीनलए प्रधानमत्रली निद्र मोदली ने मयुलाकात में कहा, “नपछले कई लिने िा िरार सिया
ें
ं
दशकों में वस्शवक ट्ति पि कई मौनलक बदलाव आए हैं । कई तिह के भू- दोनों देिों ने इि बारे में भी िहमसत जताई सि
ै
िाजननतक समलीकिर उभिे हैं। नकनत इन सभली के बलीच भाित -रस नमत्रता अरगासन्तान िी जमीन िा इ्तेमाल आतंिवाद िे सलए
यु
ै
रु
ननिंति स्ट्थिि िहली है। दोनों देशों ने न नसफ्फ एक दूसिे के साथि सहरोर नकरा िरने िी इजाजत ितई नहीं दी जा ििती। िंयकत बयान
में दोनों देिों ने अलिायदा, आईएिआईएि और लशिर-
है, एक दूसिे कली संवेदनशलीलता का भली नवशेष धरान िखा है। रह सचमयुच ए-तोयबा जैिे िंगिनों िे सखलार एिजट िारवाई िरने
्ज
रु
अंतििाषरिलीर दोट्तली का एक अनद्तलीर औि नवशवट्त मॉिल है।” िा भी ििलप जताया । n
ं
प्रधानमंत्ी का
संबोधन सुनने के िलए
44 न्यू इडिया समाचार | 1-15 जनवरी 2022 QR कोड सकैन करें।
ं