Page 22 - NIS-HINDI 01-15 JUNE 2022
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आवरण कथा
                      कृ
                  सांसकहतक हवरासतों
                  का संरक्ण







































                                             कृ
                            सांसकनतक नवरासतों को



                            सहेजता, समृधि बनाता राष्ट्र



              अपनी हवरासत को सियेजना, उस भावी पीढ़ी तक पिुंचाना प्रत्येक राष्ट्र का दाह्तव िोता िै। अपन सवतंत्ता आंदोलन,
                                       ये
                                                                                         ये
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              अपन सांसकहतक वैभव के तमाम प्रयेरक प्रसंगों और प्रयेरक व्क्ततवों को सामन लान के हलए केंद्र सरकार हनरंतर काम
                                                                               ये
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                                                                             ये
                              ये
                कर रिी िै। दयेि स चोरी िुई मयूहत्भ्ों और कलाककृहत्ों को वापस लाना िो, पुरान संग्रिाल् का पुनहन्भमा्भण िो, नए
                संग्रिाल् बनाना िो, उपयेहक्त मिाना्कों को सममान हदलाना िो, अ्ोध्ा, केदारनाथ धाम, सोमनाथ, वाराणसी
                  ये
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              जैस सांसकहतक सथलों को हवकहसत करना िो, कािी हवशवनाथ कॉरीिोर, राम मंहदर का हनमा्भण, चार धाम ्ात्ा का
                                                   ये
              हवकास, प्रसाद, सवदयेि दि्भन जैसी ्ोजनाओं स हवहभन्न धमषों के सथलों को एक सहक्फ्ट के रूप में हवकहसत करना और
                                                 कृ
                                                             ये
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                                                                                            ये
               अन् दयेिों के राष्ट्राध्क्ों को भारती् सांसकहतक हवरासत स पररच् करान के हलए उन सथलों पर लकर जाना िो ्ा
                                                                              ये
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                 हफर उनिें उसस जुडे उपिार दना िो। इसको लकर एक बिुत बडा अहभ्ान बीत 7-8 वर्षों स लगातार जारी िै।
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        n  स्टचय ऑफ यलन्टी: सरदार प्टेल को रिद्धांिजल देने वाली दजनया की   जिस मुकदमे की सुनवाई की र्ई थी, लाल जकला पररसर के िीतर
          सबसे ऊंरी प्रजतमा र्िरात के केवजड़या में बनाया र्या िो आि एक   उनह िुला जदया र्या। नेतािी सिार रनद् बोस की ियंती पर, प्रधानमत्री
                                                                                   ु
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                                                                                               ं
          पय्ष्न सथल के रूप में जवकजसत हो रुका है।             ने उसी िवन में एक सग्हालय को नेतािी तथा इजर्यन नेशनल आमजी
                                                                                  ं
                                                                                                        ू
                                                               के प्रजत समजप्षत जकया। इस सग्हालय के रार िार् हैं, जिसे सामजहक
          बाबा साहेब मेमोररयल: जदलली में बाबा साहेब की महापररजनवा्षर सथली,   रूप से ‘क्ांजत मजदर’ के रूप में िाना िाता है।
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                                                                         ं
          अलीपुर रोर् पर बाबा साहेब मेमोररयल का जनमा्षर करवाया र्या है।
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          बाबा साहेब आंबर्कर से िुड़ परतीथ्ष जवकजसत जकए र्ए हैं।   n  आजाद गैलरी: इलाहाबाद मयजियम 1857 से लेकर 1947 तक की
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                                                               हर क्ांजत को प्रदजश्षत करने वाली पहली अनोखी र्ैलरी। क्ांजतवीर
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        n  क्रांलत मलदर: 1940 के दशक के मधय में, लाल जकले में इजर्यन नेशनल   रद्शेखर आिाद को समजप्षत ये 'आिाद र्ैलरी', सशसत्र क्ांजत से िड़टे
                                                                                                           ु
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          आमजी के मुकदमे ने राष्ट् को झकझोर जदया था। कई दशकों के जलए,   दसतावि, कुछ रीि उसका िी एक जर्जि्ल अनिव दर्ी।
                                                                                                   े
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          20  न्यू इंडि्ा समाचार | 1-15 जन 2022
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