Page 23 - NIS-HINDI 01-15 JUNE 2022
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आवरण कथा
कृ
सांसकहतक हवरासतों
का संरक्ण
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भारत की धरोहर, किर शसख समुदाय क संदभथ्य
भारत की धरा पर! में शलए गए शनणथ्यय
िारत के सवजर्षम इजतहास के प्रजत लर्ाव का ही फल है जक 2014
से अब तक पुरा-महतव की करीब 228 अनमोल प्रजतमाओं को
सफलता के साथ वापस लाया िा रुका है। िबजक वर्ष 2013 तक
करीब-करीब 13 प्रजतमाएं ही वापस लाई िा सकी थीं।
साजहबिादों के महान बजलदान की समृजत में 26 जदसंबर को
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वीर बाल जदवस मनाने का जनरय जलया र्या।
n लाल जकले पर 21 अप्रैल को रिी र्ुरु तेर् बहादुर िी के 400 वें
प्रकाश पव्ष का िवय आयोिन जकया र्या और प्रधानमंत्री मोदी
ने राष्ट् को संबोजधत जकया।
स्दश दशथ्यन से कवकवधता
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• र्टेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्ीय सीमा तक सिी आधुजनक
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को संवारने की पहल सुजवधाओं के साथ एक समेजकत जवकास पररयोिना के रूप
में अक्टूबर, 2019 में करतारपुर साजहब कॉरीर्ोर का जनमा्षर
2015 में सवदेश दश्षन योिना की शुरुआत की र्ई थी। इस
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योिना के तहत िारत में 15 थीम आधाररत सजक्क्ों के जवकास जकया र्या। आिादी के बाद पहली बार जसखों के सबसे पजवत्र
की शुरुआत की र्ई है। तीथ्षसथल करतारपुर कॉरीर्ोर की मांर् को केंद् सरकार ने
पूरा जकया।
इनमें बौद्ध सजक्क्, रामायर सजक्क्, कृष्र सजक्क्, पूववोत्र n िून 2019 के बाद बलैक जलस्टेर् जवदेशी जसख नार्ररकों की
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सजक्क्, जहमालय सजक्क्, त्ीय सजक्क्, रेजर्सतान सजक्क्, समीक्ा की र्ई और माफी योिना के रूप में जसख कैजदयों को
िनिातीय सजक्क्, इको सजक्क्, वनय िीव सजक्क्, ग्ामीर बैरों में (र्ांधी ियंती पर) ररहा जकया र्या।
सजक्क्, आधयाशतमक सजक्क्, जवरासत सजक्क्, तीथथंकर सजक्क्
और सूफी सजक्क् शाजमल हैं। n प्ना साजहब समेत र्ुरु र्ोजबनद जसंह िी से िुड़ सथानों पर
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रेल सुजवधाओं का आधुजनकीकरर िी जकया है। ‘सवदेश दश्षन
योिना शुरू होने के बाद से इन सजक्क्ों के जवकास के जलए
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करीब 5700 करोड़ की कुल 78 पररयोिनाएं सवीकृत की िा योिना’ के िररए पंिाब में आनंदपुर साजहब और अमृतसर
रुकी हैं। में अमृतसर साजहब समेत सिी प्रमुख सथानों को िोड़कर एक
तीथ्ष सजक्क् िी बनाया िा रहा है।
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n जललयांवाला बाग समारक: िजलयांवाला बार् पररसर का उन्नतीकरर n प्रधानमंत्ी सग्हालय: यह सग्हालय सवतंत्रता के बाद देश के
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और समारक में ‘सग्हालय दीघा्षओं’ की शुरुआत आिादी के अमृत प्रधानमजत्रयों के िीवन और उनके योर्दान के माधयम से जलखी र्ई
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महोतसव वर्ष में की र्ई। िारत की र्ाथा का वरन करता है। प्रधानमत्री सग्हालय में देश के
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14 पव्ष प्रधानमंजत्रयों के िीवन की झलक के साथ-साथ राष्ट्जनमा्षर में
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लबपलॉबी भारत गैलरी: कोलकाता में जबपलॉबी िारत र्ैलरी में िी क्ांजत उनका योर्दान दशा्षया र्या है।
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के जरनहों को िावी पीढ़ी के जलए आधजनक तकनीक के माधयम स े
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आकर्षक बनाया िा रहा है। आिाद जहंद फौि के योर्दान को िी n आलदवासी सवतत्ता सेनानी सग्हालय: 10 िर्हों पर आजदवासी
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इजतहास के जपछले पन्नों से जनकालकर सामने लाने का प्रयास जकया र्या सवतंत्रता सेनाजनयों को सममान देने वाले सग्हालय का जनमा्षर।
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है। अर्मान में िहां नेतािी ने पहली बार जतरर्ा फहराया, उस सथान को
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िी नई पहरान दी र्ई है। साथ ही अर्मान के द्ीपों का नाम िी सवतंत्रता n नेशनल वॉर मेमोररयल: सववोच्च बजलदान देने वाले हमारे सजनकों के
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संग्ाम के जलए समजप्षत जकया र्या है। जलए राष्ट्ीय समर समारक का जनमा्षर जकया र्या।
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लवभाजन लवभीलरका समलत लदवस: 14 अर्सत को हर वर्ष 'जविािन n राष्ट्ीय पुललस समारक: पजलस और अध्षसजनक बलों को समजप्षत राष्ट्ीय
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जविीजरका समृजत जदवस' के रूप में मनाने का फैसला जकया र्या, ताजक समारक िी देश की नई पीढ़ी को प्रररत कर रहा है। आिादी के इतन े
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आने वाली पीजढ़यां इसे याद रखें। दशकों तक देश में कोई राष्ट्ीय पजलस समारक नहीं था।
न्यू इंडि्ा समाचार | 1-15 जयून 2022 21