Page 24 - NIS-HINDI 01-15 JUNE 2022
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आवरण कथा
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सांसकहतक हवरासतों
का संरक्ण
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सांस्ततक स्थलों का कवकास
n अयोधया को आधयाशतमक केंद्, वैशशवक पय्ष्न केंद् और n • प्रारीन मंजदर के मूल सवरूप को बरकरार रखते हुए 5 लाख
सथायी समा््ट जस्ी के रूप में जवकजसत जकया िा रहा है। राम 27 हिार वर््ष फी् से जयादा क्त्रफल में इसे जवकजसत
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मंजदर के जनमा्षर के बाद जसफ्क देश के लोर् ही नहीं, िब िी जकया र्या है। 800 करोड़ रुपये से जयादा की लार्त से बने
कोई जवदेशी िारत आएर्ा तो वह अयोधया िाने की इचछा जवशवनाथ धाम में रिद्धालुओं की सुजवधाओं और सहूजलयतों का
िरूर रखेर्ा। खास धयान रखा र्या है।
अयोधया में बनाए िाने वाले ग्ीनफीलर् में रिद्धालुओं के
n • पहले तंर् र्जलयों में शसथत जिस जवशवनाथ मंजदर में रिद्धालुओं
ठहरने की सुजवधाएं, आरिमों, मठों , हो्लों और जवजिन्न के जलए पैर रखने तक की िर्ह नहीं होती थी, वहां अब 2
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राजयों के िवनों के जलए िर्ह शाजमल हैं। यहां पय््टन लाख रिद्धालु खड़ होकर दश्षन-पूिन कर सकेंर्े।
अयोध्ा सहायता केंद् और जवशवसतरीय संग्हालय का िी जनमा्षर काशी कवश्वनाथ कॉरीडोर
जकया िाएर्ा।
सरयू नदी और इसके घा्ों के आसपास बुजनयादी ढांरे
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के जवकास पर जवशेर धयान जदया िा रहा है। सरयू नदीं में
पररभ्रमर संरालन (क्कूि ऑपरेशन) जनयजमत जवशेरता होर्ी।
शहर का जवकास साइजकल रालकों और पैदल रलने वाले
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लोर्ों के जलए पया्षपत सथान की शसथरता सुजनशशरत करके
जकया िाएर्ा। समा््ट जस्ी के बुजनयादी ढांरे का उपयोर् करते
हुए आधुजनक तरीके से यातायात प्रबंधन िी जकया िाएर्ा।
• उत्राखंर् के रार धाम में से एक केदारनाथ धाम है। रार धाम n सोमनाथ के प्राकृजतक सौंदय्ष को धयान में रखकर केंद्
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की यात्रा को सुर्म बनाने के जलए इसे ट्नों से िोड़ा िा रहा है सरकार की ‘प्रसाद’ योिना के तहत बनाया र्या समुद् दश्षन
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और आधुजनक रािमार््ष का जनमा्षर जकया र्या है। वर्ष 2013 पथ।
में आई ियावह आपदा से इस तीथ्षनर्री को िारी तबाही
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का सामना करना पड़ा। अजनयोजित इमारतों के खड़ होने से n यह र्ैलरी मंजदर सथापतय की थीम पर बनी है। सोमनाथ मंजदर
मंजदर कहीं छुप सा र्या था। आजद र्ुरू शंकराराय्ष समाजध के n के खंजर्त अवशेरों को यहां संिोकर रखा र्या है।
पुनजन्षमा्षर के साथ पया्षवररीय संतुलन को धयान में रखकर
कदारनाथ धाम सोमनाथ अजहलयाबाई होलकर द्ारा 1783 में सथाजपत जकया र्या प्रारीन
इसी रिृंखला में आर्े है इंदौर की मराठा महारानी मातोरिी
क्जतग्सत हुए र्जलयारों का पुनजन्षमार जकया र्या है।
सोमनाथ मंजदर। सोमनाथ पर हो रहे आक्मरों के दौर में इसी
मंजदर में सोमनाथ महादेव की पूिा होती थी। मया्षजदत पूिा
पररसर और दुर््षम प्रवेश द्ार वाले पुराने मंजदर पररसर का
नवजनमा्षर कर कुल 1800 वर््ष मी्र के क्त्र को मंजदर पररसर
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सोमनाथ मंजदर पररसर में रिी पाव्षती मंजदर का जशलानयास
n के क्त्र में शाजमल जकया र्या है।
हुआ। सोमनाथ महादेव के निदीक में पाव्षती मंजदर का
संकलप रखा रिी सोमनाथ ट्स् ने। यहां 30 करोड़ रुपये की
लार्त से अतयाधुजनक सजक्क् हाउस का जनमा्षर जकया र्या है।
इसमें याजत्रयों को समुद् का निारा अपने कमरे से ही जमलेर्ा।
22 न्यू इंडि्ा समाचार | 1-15 जन 2022
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